हाथरस कांड: आरोपियों के परिजन बोले-'हमारे लड़के निर्दोष है, इन्हें झूठा फंसाया गया है',
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा कोतवाली इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में आरोपियों के परिवार वाले सामने आए हैं, आरोपियों के परिजन शुरू से ही इस पूरे घटनाक्रम में अपने बेटों को अलग बता रहे हैं। उनके बेटे क्या कर रहे थे, इस बारे में भी वह बता रहे हैं। जब आरोपियों के परिजनों से बात की गई तो वह बता रहे हैं कि कोई भी नामजद वहां नहीं था। सब अलग-अलग काम में व्यस्त थे।
मेरा बेटा तो चिलर प्लांट पर कर रहा था ड्यूटी: राकेश
जेल में बंद आरोपी रामू के पिता राकेश का कहना है कि उनका बेटा रामू तो एक चिलर प्लांट में नौकरी करता है। जिस दिन यह घटना हुई, वह उस दिन भी ड्यूटी पर था। चिलर प्लांट में उसके साथ के और कर्मचारी व मैनेजर इस बात के गवाह हैं। वहां के रजिस्टर में उसकी हाजिरी दर्ज है। उनके बेटे को बिना वजह फंसा दिया गया है। यही नहीं जब धारा 307 का मुकदमा 14 सितंबर को दर्ज हो गया तो दो दिन बाद मुझे और मेरे बेटे को पुलिस ले गई। जब हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो पुलिस ने 20 सितंबर को हमें छोड़ भी दिया, लेकिन इसके बाद उनके बेटे का नाम बयान में बढ़ा दिया और फिर बेटे को पुलिस 26 सितंबर को पकड़ कर ले गई।
जब जीभ काटी गई तो फिर बयान कैसे दे दिए: गुड्डू
इस कांड के मुख्य आरोपी संदीप के पिता गुड्डू का कहना है कि उनका बेटा पूरी तरह से निर्दोष है।जिस समय शोर शराबा हुआ, उनका बेटा गाय को पानी पिला रहा था। उनके बेटे के खिलाफ शुरू में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया। यह भी आरोप लगा कि पीड़िता की जीभ काटी गई है। यदि लड़की की जीभ कटी हुई थी तो उसने बयान कैसे दे दिए। थाने पर कुछ अस्पताल में कुछ और फिर मेडिकल कॉलेज में कुछ और आखिर अलग-अलग बयान दिए। तीन और लोगों के नाम बाद में जोड़े गए।
जब किसी की बेटी तड़प रही होगी तो क्या उसकी मां चारा काटेगी: मुन्नी
इस कांड के एक अन्य अभियुक्त लवकुश की मां मुन्नी देवी का कहना है कि वह 14 सितंबर को अपने बेटे लवकुश के साथ खेत में बाजरा काट रही थी। इस बीच शोर सुनकर हम भी भागकर गए। वहां लड़की की मां खेत में चारा काट रही थी। हम भी गए देखने गए। लड़की खेत में पड़ी थी। भाई घर गठरी लेकर आ गया था। जब किसी मां का बच्चा परेशान होगा तो क्या वह खेत में चारा काटेगी। आखिर उसने उस समय शोर क्यों नहीं मचाया। मैं उस समय अपने बेटे से बोली कि पानी लाकर दे दे तो मेरे बेटे ने पॉलीथिन में पानी लाकर बिटिया की मां को दिया है कि लो पिला दो, इसे। इसके बाद मुझे नहीं मालूम कि क्या हुआ। आठ दिन बाद पुलिस मेरे बेटे को घर से पकड़ कर ले गई।
घटना के वक्त रवि घर में काट रहा था चारा: अतर सिंह
रवि के पिता अतर सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले से हमारे कोई मतलब नहीं है। हमारे परिवार से वर्ष 2001 में झगड़ा हुआ था। उस समय से ही यह लोग रंजिश मानते हैं। उस समय भी रवि को झूठा फंसाया गया था और वह जेल भी गया था। इसके बाद इस बार भी उसका नाम बाद में लिखवा दिया गया। वह भी झूठी बयानबाजी कर। घटना के वक्त रवि तो घर में चारा काट रहा था। जब और लोगों की नामजदगी हुई तो रवि को पुलिस पकड़कर ले गई।