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कुशीनगर दूदही: घटना के 6 घण्टे बाद पहुंची NDRF की टीम दो बच्चों की तलाश जारी

4 मासूम बच्चों को लेकर महिला ने नहर में लगाई छलांग, एक साल का नवजात बच्चा भी था साथ

घटना के 6 घण्टे बाद पहुंची NDRF की टीम दो बच्चों की तलाश जारी


जबरन पुलिसिया समझौता से नाराज थी महिला सूत्र

लोगो के मुताबिक महिला विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दशहवाँ (धोबिघटवा) गांव की रहने वाली है।

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक सनसनीखेज मामले सामने आया है, जहां एक महिला अपने चार बच्चों के साथ दूदही चटगंवा गंडक नहर में कूद गई. पूरा मामला सोमवार दोपहर का है. बताया जा रहा है कि महिला घरेलू विवादों से परेशान थी, जिसकी वजह से उसने ऐसा दिल दहला देने वाला कदम उठाया।  मिली जानकारी के अनुसार मां के साथ नहर में कूदे दो बच्चे को बचा लिया गया है जबकि उसके दो अन्य बच्चों की तलाश की जा रही है। महिला और दो बच्चों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दूदही में चल रहा है।

बरवापट्टी थाना क्षेत्र के दशहवा गांव के धोबीघटवा टोला निवासी उमेश बैठा रोजगार के सिलसिले में बाहर है। घर में उनकी पत्नी सुनीता उम्र (35) चार बच्चे सोनी उम्र (6), शिवानी उम्र (4), सलोनी वर्ष (2) और राकेश उर्फ खेसारी वर्ष (एक) के साथ रहती है। कहा जा रहा है कि उसका कई दिनों से सास लाइची देवी से किसी बात को लेकर झगड़ा चल रहा है।

जबरन पुलिसिया समझौता से नाराज थी महिला सूत्र

सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार महिला और इसकी सास से काफी दिनों से विवाद चल रहा था सूत्रों के अनुसार महिला बरवापट्टी थाने पर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी जिसमे पुलिस द्वारा जबरन समझौता कराने का समाचार सामने आया यह बात कितनी सच है ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल NDRF की टीम मौके पर पहुंच कर लापता बच्चो की तलाश कर रही है।


दूदही में फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट बना कर डाक्टर और पैथालॉजी संचालक ने की हजारो की ठगी, स्वस्थ विभाग की उदासीनता से दूदही में फर्जी पैथलॉजी लैब क्लीनिकों का कारोबार खूब फलफूल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से दूदही में फर्जी पैथलॉजी लैब, क्लीनिकों का कारोबार खूब फलफूल रहा है।
दूदही शहर में डॉक्टरों के क्लीनिक व नर्सिंग होम के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह उपजे पैथोलॉजी लैबों में जहां एक तरफ मरीजों का आर्थिक शोषण होता है, वहीं उनके द्वारा किए गए जांच की गलत रिपोर्ट होने से मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसी प्रकार का ताजा मामला प्रकाश में आया है पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन पहले दूदही गोला बाज़ार निवासी चन्दन मद्देशिया पुत्र राजेन्द्र मद्देशिया की पत्नी का 9 माह की प्रेग्नेंट है इनके पैर में कुछ दिनों से सूजन हो गया था जिसका इजाज कराने दूदही ब्लाक रोड में स्थित अमन क्लिनिक के डॉक्टर विनोद गुप्ता के पास ले गए थे। पीड़ित का आरोप है कि अमन क्लिनिक पर डॉक्टर ने पहले ब्लड जांच करवाने के लिए ब्लड सेम्पल ले कर धनवंतरी पैथालॉजी भेज दिए उसके बाद बिना चेकप किये ही महिला का इलाज किये और बोतल चढ़ाने लगे जिसके बाद महिला की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई करीब एक घण्टे बाद पैथालॉजी रिपोर्ट आया जिसमे ब्लड 6.6 ब्लड बता कर हजारो का इलाज किया गया परंतु कोई फायदा नही हुआ शाम को डॉक्टर ने अस्पताल से महिला को दवा दे कर डिस्चार्ज कर दिए कुछ दिन तक इलाज कराने के बाद कोई फायदा नही हुआ तो चन्दन अपनी पत्नी को लेकर कुशीनगर के जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने जांच कर इलाज किये और पुनः ब्लड चेक किये तो रिपोर्ट देख कर डॉक्टरो के होश उड़ गए जिला अस्पताल द्वारा किये गए जांच में महिला का ब्लड 9.2 यूनिट आया था डॉक्टरो ने दूदही के पैथालॉजी के रिपोर्ट को फर्जी माना और डॉक्टरों ने बताया कि केवल धन उगाई के लिए स्थानीय पैथालॉजी सेंटर संचालक और डॉक्टरो को मिली भगत हो सकती है। पीड़ित ने बताया की वो पिछले एक सप्ताह से आर्थिक और मानसिक तकलीफ झेल रहा हूँ और फर्जी रिपोर्ट के बुनियाद पर फर्जी डाक्टरो ने तकरीबन 50 हजार का चूना लगाया है। पीड़ित ने लिखित तहरीर के साथ दोनों रिपोर्ट संगलग्न कर चिकित्सा विभाग और पुलिस प्रशासन को शिकायती प्रार्थना पत्र दे कर कार्यवाही की मांग की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोषियों कार्यवाही होती है या फिर हमेसा की तरह इस बार भी यह मामला पुरानी परंपरा की दब जाएगा या नही ?
 केवल दूदही शहर में एक दर्जन से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के पास दूदही के कुछ गिने चुने लैब ही रजिस्टर्ड हैं। जानकारों का कहना है कि शहर में 10 पैथोलॉजी सेंटर जांच घर ही में चल रहे है। वहीं कुछ लैब टेक्नीशियनों द्वारा भी पैथोलॉजी लैब चलाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे अधिक संख्या वैसे पैथोलॉजी लैबों की है जिन्हें न तो डॉक्टर चला रहे हैं ना ही एलटी। ऐसे पैथोलॉजी लैब फर्जी तरीके से संचालित हो रही है। दूदही में ऐसे पैथोलॉजी लैबों की संख्या काफी अधिक हैं। केवल दूदही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल रोड़ में ही दर्जनों ऐसे लैब संचालित हैं जिनपर कहीं कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगा है। ये डॉक्टरों के पास कार्यरत स्टॉफ की मिलीभगत से मरीज को लैब तक लाते हैं।
बाहर के डॉक्टरों के नाम पर चल रहें हैं पैथालॉजी लैब
दूदही में कुछ ऐसे पैथोलॉजी लैब भी चल रहे हैं जो किसी ऐसे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है जो यहां रहते तक नहीं है। उन लैबों में नौसिखिए खून निकाल रहे हैं। जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे दे रहे हैं। इतना ही नहीं उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर ले लेते हैं। ये डॉक्टर कौन होता है कोई नहीं जानता। सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है। जबकि ऐसे कई जांच हैं जो सिर्फ एमडी (पैथोलॉजी) ही कर सकते हैं।

क्या कहते हैं दूदही CHC प्रभारी ऐ0के0 पांडेय

डॉक्टर ऐ0के0 पांडेय ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए गाइडलाइन के अनुसार ही पैथोलॉजी लैब का संचालन हो सकता है। इसमें माइक्रोस्कोप से होने वाली जांच सिर्फ एमडी पैथोलॉजी ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित पैथोलॉजी लैबों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

दूदही में फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट बना कर डाक्टर और पैथालॉजी संचालक ने की हजारो की ठगी, स्वस्थ विभाग की उदासीनता से दूदही में फर्जी पैथलॉजी लैब क्लीनिकों का कारोबार खूब फलफूल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से दूदही में फर्जी पैथलॉजी लैब, क्लीनिकों का कारोबार खूब फलफूल रहा है।
दूदही शहर में डॉक्टरों के क्लीनिक व नर्सिंग होम के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह उपजे पैथोलॉजी लैबों में जहां एक तरफ मरीजों का आर्थिक शोषण होता है, वहीं उनके द्वारा किए गए जांच की गलत रिपोर्ट होने से मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसी प्रकार का ताजा मामला प्रकाश में आया है पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन पहले दूदही गोला बाज़ार निवासी चन्दन मद्देशिया पुत्र राजेन्द्र मद्देशिया की पत्नी का 9 माह की प्रेग्नेंट है इनके पैर में कुछ दिनों से सूजन हो गया था जिसका इजाज कराने दूदही ब्लाक रोड में स्थित अमन क्लिनिक के डॉक्टर विनोद गुप्ता के पास ले गए थे। पीड़ित का आरोप है कि अमन क्लिनिक पर डॉक्टर ने पहले ब्लड जांच करवाने के लिए ब्लड सेम्पल ले कर धनवंतरी पैथालॉजी भेज दिए उसके बाद बिना चेकप किये ही महिला का इलाज किये और बोतल चढ़ाने लगे जिसके बाद महिला की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई करीब एक घण्टे बाद पैथालॉजी रिपोर्ट आया जिसमे ब्लड 6.6 ब्लड बता कर हजारो का इलाज किया गया परंतु कोई फायदा नही हुआ शाम को डॉक्टर ने अस्पताल से महिला को दवा दे कर डिस्चार्ज कर दिए कुछ दिन तक इलाज कराने के बाद कोई फायदा नही हुआ तो चन्दन अपनी पत्नी को लेकर कुशीनगर के जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने जांच कर इलाज किये और पुनः ब्लड चेक किये तो रिपोर्ट देख कर डॉक्टरो के होश उड़ गए जिला अस्पताल द्वारा किये गए जांच में महिला का ब्लड 9.2 यूनिट आया था डॉक्टरो ने दूदही के पैथालॉजी के रिपोर्ट को फर्जी माना और डॉक्टरों ने बताया कि केवल धन उगाई के लिए स्थानीय पैथालॉजी सेंटर संचालक और डॉक्टरो को मिली भगत हो सकती है। पीड़ित ने बताया की वो पिछले एक सप्ताह से आर्थिक और मानसिक तकलीफ झेल रहा हूँ और फर्जी रिपोर्ट के बुनियाद पर फर्जी डाक्टरो ने तकरीबन 50 हजार का चूना लगाया है। पीड़ित ने लिखित तहरीर के साथ दोनों रिपोर्ट संगलग्न कर चिकित्सा विभाग और पुलिस प्रशासन को शिकायती प्रार्थना पत्र दे कर कार्यवाही की मांग की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोषियों कार्यवाही होती है या फिर हमेसा की तरह इस बार भी यह मामला पुरानी परंपरा की दब जाएगा या नही ?
 केवल दूदही शहर में एक दर्जन से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के पास दूदही के कुछ गिने चुने लैब ही रजिस्टर्ड हैं। जानकारों का कहना है कि शहर में 10 पैथोलॉजी सेंटर जांच घर ही में चल रहे है। वहीं कुछ लैब टेक्नीशियनों द्वारा भी पैथोलॉजी लैब चलाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे अधिक संख्या वैसे पैथोलॉजी लैबों की है जिन्हें न तो डॉक्टर चला रहे हैं ना ही एलटी। ऐसे पैथोलॉजी लैब फर्जी तरीके से संचालित हो रही है। दूदही में ऐसे पैथोलॉजी लैबों की संख्या काफी अधिक हैं। केवल दूदही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल रोड़ में ही दर्जनों ऐसे लैब संचालित हैं जिनपर कहीं कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगा है। ये डॉक्टरों के पास कार्यरत स्टॉफ की मिलीभगत से मरीज को लैब तक लाते हैं।
बाहर के डॉक्टरों के नाम पर चल रहें हैं पैथालॉजी लैब
दूदही में कुछ ऐसे पैथोलॉजी लैब भी चल रहे हैं जो किसी ऐसे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है जो यहां रहते तक नहीं है। उन लैबों में नौसिखिए खून निकाल रहे हैं। जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे दे रहे हैं। इतना ही नहीं उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर ले लेते हैं। ये डॉक्टर कौन होता है कोई नहीं जानता। सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है। जबकि ऐसे कई जांच हैं जो सिर्फ एमडी (पैथोलॉजी) ही कर सकते हैं।

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डॉक्टर ऐ0के0 पांडेय ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए गाइडलाइन के अनुसार ही पैथोलॉजी लैब का संचालन हो सकता है। इसमें माइक्रोस्कोप से होने वाली जांच सिर्फ एमडी पैथोलॉजी ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित पैथोलॉजी लैबों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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