तबाही की दास्तान लिख चुके कोरोना वायरस के बाद अब देश के सिर मंडराने लगा बर्डफ्लू का खतरा,
ज़िलाधिकारी की लोगों से अपील, एहतियात बरतें वरना समूचे दूध को फाड़ने के लिए काफी होता है लेमु का महज़ एक ही कतरा
मऊ, 12 जनवरी 2021. मुल्क में तबाही की दास्तान लिख रहे कोरोना वायरस का संकट अभी पूरी तरह खतम भी नहीं हुआ था कि उसी बीच एक दूसरी प्राणघातक बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्डफ्लू) संकटमयी और गंभीर बादल के रूप में हमारे सरों पर मुसल्लत हो गयी है जिससे प्रभावित होकर अब तक हज़ारों लोग मौत के घाट उतर चुके हैं। यही वजह है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने देशभर में इस बड़े खतरे से लोगों को सचेत और जागरूक करने के उद्देश्य से अपने मातहतों को कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं।
बर्ड फ्लू से बचाव और उसकी रोकथाम के इसी सिलसिले में आज यहाँ एक कैम्प कार्यालय में जनपद के ज़िलाधिकारी अमित सिंह बंसल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने एवियन इन्फ्लुएंजा अर्थात बर्ड फ्लू की रोकथाम से जुड़े पहलुओं पर विस्तार से रौशनी डाली और स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी को इस खतरनाक रोग पर नियंत्रण पाने के लिए पक्षियो के रैंडम सैंपल लेने के निर्देश दिए और साथ ही नगर पालिका के सभी ई०ओ० को आबादी वाले इलाकों से सुअरों को बाहर कराने का आदेश जारी किया।
बैठक को संबोधित करते हुए ज़िलाधिकारी ने कहा कि बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों से इंसानों में फैलने वाली एक खतरनाक और विषाणुजनक बीमारी है जो विपरीत परिस्थितियों में कभी कभार सपीसीज़र बैरियर को लांघ कर इंसानी शरीर पर भी हमलावर हो जाती है। उन्होंने इस बीमारी के प्रसार संबंधी विषयों पर खास चर्चा करते हुए कहा कि ये वायरस संक्रमित पक्षियों की आंख, सांस की नली और बीट के संपर्क में आने से ही इंसानी शरीर में दाखिल होता है जिसमें वायरस से संक्रमित पक्षी की शिनाख्त तेज़ बुखार, फेटल कलगी, पांव के बैंगनी हो जाने, उनकी गर्दन व आंखों के निचले हिस्से में सूजन से बखूबी की जा सकती है।
उन्होंने ज़िले और तहसील स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम और टास्कफोर्स का गठन करने के साथ ही समिति को निर्देशित किया है कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स और एंटीवायरल दवाओं को इस्तेमाल में लाकर पक्षियों की कलिंग, उनके टीकाकरण, कड़ी निगरानी और विसंक्रमण (नसबन्दी) को अमल में लाया जाए और इस भयानक बीमारी से बचाव के लिए सावधानियों और ज़रूरी तदबीरों के प्रति लोगों को जंगी पैमाने पर जागरूक किया जाए।
इस संबंध में ज़िलाधिकारी के ज़रिए एहतियातन लोगों की सहूलत के लिए जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना डा० आरपी सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी सदर मऊ और नोडल अधिकारी की निगरानी में की जाती है जिसका जनहित में जारी दूरभाष नम्बर 9415818414 बताया गया है।
उन्होंने आम लोगों और खास तौर से मुर्गी पालकों से अपील की है कि वो किसी किस्म की अफवाहों पर कत्तई कोई ध्यान न दें और जहां कहीं भी पक्षियों या मुर्गियों की भारी संख्या में अचानक मौत हो जाए तो ऐसी स्थिति में उपरोक्त दूरभाष नंबर पर फौरन जानकारी देकर प्रशासन का सम्पूर्ण सहयोग करते रहें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला सूचना अधिकारी खासतौर से मौजूद रहे।