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मऊ में कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव

ज़िले में किसान कल्याण मिशन को परवान चढ़ाने के लिए मऊ के कृषि विभाग द्वारा गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार, कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव, पर्यावरण संरक्षण के प्रति रहें सजग और हितकारी योजनाओं के प्रति बेदार
           रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
 13 जनवरी 2021.ज़िले में कृषि उद्योग और उससे जुड़ी तमामतर सरगर्मियों को परवान चढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मऊ के कृषि विभाग ने गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार किया है जिसके तहत आज यहाँ ज़िले के विकास खण्ड रतनपुरा, दोहरीघाट और फतेहपुर मण्डांव के मुख्यालय पर "किसान कल्याण मिशन" के तहत किसान मेला, गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें ज़बरदस्त उत्साह और दिलचस्पी दिखाते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज करायी।
विकास खण्ड रतनपुरा में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र प्रजापति के हाथों अमल में आयी। कार्यक्रम में के०वी०के० वैज्ञानिक एसएन सिंह चौहान और जिला कृषि अधिकारी ने कृषि विविधिकरण के अन्तर्गत गन्ना, उद्यान, मत्स्य और पशुपालन विभाग के किसानहित से जुड़े सरकारी मंसूबों और उन मंसूबों में किसानों को दिए जा रहे अनुदान और उनकी आमदनी दोगुनी करने के खास किरदार पर विस्तार से रौशनी डाली। कार्यक्रम में प्रतिमा सिंह और केदार सिंह को उनका प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपकर सम्मानित किया गया। 
इसी प्रकार, विकास खण्ड फतेहपुर मण्डाव में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान के प्रतिनिधि शिव प्रकाश उपाध्याय ने अंजाम दी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने की कारआमद सलाह दी और गोबर, कम्पोस्ट और जैविक खादों के सही इस्तेमाल और उनके ज़बरदस्त फायदों से किसानों को बाखबर किया। 

किसान कल्याण मिशन के तहत ज़िले के विकास खण्ड दोहरीघाट में भी कार्यक्रम की अध्यक्षता विनय राय उर्फ बंटी द्वारा अमल में आयी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक एसके सिंह के ज़रिए कार्यक्रम में मौजूद किसानों के अनुदान और किसान सम्मान निधि से जुड़े सवालों का तसल्लीबख्श जवाब देकर उन्हें पूरी तरह आश्वासित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभुनाथ पुत्र रामदेव और उदयभान मौर्य को उनके प्रशस्ति पत्र सौंपकर सम्मान से नवाजा गया।

मऊ में कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव

ज़िले में किसान कल्याण मिशन को परवान चढ़ाने के लिए मऊ के कृषि विभाग द्वारा गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार, कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव, पर्यावरण संरक्षण के प्रति रहें सजग और हितकारी योजनाओं के प्रति बेदार
           रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
 13 जनवरी 2021.ज़िले में कृषि उद्योग और उससे जुड़ी तमामतर सरगर्मियों को परवान चढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मऊ के कृषि विभाग ने गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार किया है जिसके तहत आज यहाँ ज़िले के विकास खण्ड रतनपुरा, दोहरीघाट और फतेहपुर मण्डांव के मुख्यालय पर "किसान कल्याण मिशन" के तहत किसान मेला, गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें ज़बरदस्त उत्साह और दिलचस्पी दिखाते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज करायी।
विकास खण्ड रतनपुरा में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र प्रजापति के हाथों अमल में आयी। कार्यक्रम में के०वी०के० वैज्ञानिक एसएन सिंह चौहान और जिला कृषि अधिकारी ने कृषि विविधिकरण के अन्तर्गत गन्ना, उद्यान, मत्स्य और पशुपालन विभाग के किसानहित से जुड़े सरकारी मंसूबों और उन मंसूबों में किसानों को दिए जा रहे अनुदान और उनकी आमदनी दोगुनी करने के खास किरदार पर विस्तार से रौशनी डाली। कार्यक्रम में प्रतिमा सिंह और केदार सिंह को उनका प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपकर सम्मानित किया गया। 
इसी प्रकार, विकास खण्ड फतेहपुर मण्डाव में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान के प्रतिनिधि शिव प्रकाश उपाध्याय ने अंजाम दी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने की कारआमद सलाह दी और गोबर, कम्पोस्ट और जैविक खादों के सही इस्तेमाल और उनके ज़बरदस्त फायदों से किसानों को बाखबर किया। 

किसान कल्याण मिशन के तहत ज़िले के विकास खण्ड दोहरीघाट में भी कार्यक्रम की अध्यक्षता विनय राय उर्फ बंटी द्वारा अमल में आयी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक एसके सिंह के ज़रिए कार्यक्रम में मौजूद किसानों के अनुदान और किसान सम्मान निधि से जुड़े सवालों का तसल्लीबख्श जवाब देकर उन्हें पूरी तरह आश्वासित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभुनाथ पुत्र रामदेव और उदयभान मौर्य को उनके प्रशस्ति पत्र सौंपकर सम्मान से नवाजा गया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर
                   रिपोर्ट जुनैद अर्सलान 
मऊ, 12 जनवरी 2021 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं सह-प्रभारी उत्तर प्रदेश बाजीराव खाड़े का आगमन मंगलवार को बकवल ब्लाक के न्यायपंचायत हरदशपुर मे चल रहे संगठन सृजन अभियान के तहत द्वितीय चरण के कार्यक्रम मे हुआ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ दिलाकर सभा की शुरूआत की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए  बाजीराव खाड़े ने कहा कि प्रदेश मे लम्बे समय से कांग्रेस का शासन न होने से प्रदेश की आम जनता को काफी नुकसान हुआ है जिसमें नौजवान, गरीब,आदिवासी, किसान,मज़दूर सब मौजूदा सरकार की नीतियों से बुरी तरह परेशान है। यह किसान विरोधी सरकार किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीनों काले कानून लेकर आई है जो किसानों को ही नही बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी कमज़ोर कर देगा। वर्तमान सरकार कांग्रेस द्वारा सृजित योजनाओं को कमज़ोर करने और सरकारी कम्पनियों को बेचने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज 12 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा का जन्मदिन है जिसके उपलक्ष्य में कांग्रेसी सेवाकार्य, पार्टी का संगठन बनाने का काम और यथासम्भव जरूरतमंदों की मदद से जुड़े काम करेंगे । किसी विशेष कार्यक्रम के बजाय उनका जन्मदिन इन्हीं कार्यों को करते हुए मनाया जाएगा। इसलिए आज गरीब ज़रूरत मन्दो को परदहां बकवल मे माधवेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व मे कम्बल बांटा गया और शहर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश कुशवाहा के अगुवाई में मऊ सदर हास्पिटल मे मरीज़ों को फल वितरित किया गया।
कार्यक्रम को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इंतेखाब आलम ने भी खिताब किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन से सृजन अभियान निश्चित रूप से ज़िले मे संगठन को जनता तक पहुँचाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हमेशा आम जनमानस की समस्याओं के लिए लड़ता रहेगा। इस अभियान के जनपद प्रभारी रामअवध यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब व मज़दूर विरोधी सरकार है देश का अन्नदाता अपने हक को लेकर इस भीषण ठण्ड मे जान गवां रहा है कई किसानों ने आत्महत्या कर ली मगर सरकार अन्नदाताओं के हित की बात कहकर पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने के लिए कृषि कानून वापस लेने को तैयार नही है। पूर्व राष्ट्रीय महिला उपाध्यक्ष डॉ0 सुधा राय ने बताया कांग्रेस पार्टी इस अभियान के तहत आम कार्यकर्ताओं तक पहुँचकर कांग्रेस पार्टी को और अधिक मज़बूत बनाया जाएगा।क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस समय आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह कहा आज भाजपा सरकार के जनविरोधी नीतियों के कारण किसान,
नौजवान,  छोटे  मझौले व्यापारी, छात्र, महिला सब त्रस्त है। एक  एक करके यह सरकार सारे व्यवस्थाओं का दमन कर रही है। 
इस सभा को ब्लाक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह,अवनीश सिंह,माधवेन्द्र बहादुर सिंह,ब्रहम्मानन्द पांडेय ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में घनश्याम सहाय, प्रदीप सिंह, राना खातून, सम्पत मौर्या, नज़ीर अहमद, अकरम प्रेमियर, बालजीत चौहान, रवि प्रकाश , अनिल राय, सुभाष राम, विनय गौतम, बृजभान तिवारी, आनन्द सिंह, रमन पांडेय, ओमनारायण शर्मा, सर्वेस कुमार, प्यारे लाल सिंह, वकील अहमद, संजय चौहान, अबुल फैज़, शमीम अख्तर, इदरीस कादिर आदि शामिल रहे।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर
                   रिपोर्ट जुनैद अर्सलान 
मऊ, 12 जनवरी 2021 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं सह-प्रभारी उत्तर प्रदेश बाजीराव खाड़े का आगमन मंगलवार को बकवल ब्लाक के न्यायपंचायत हरदशपुर मे चल रहे संगठन सृजन अभियान के तहत द्वितीय चरण के कार्यक्रम मे हुआ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ दिलाकर सभा की शुरूआत की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए  बाजीराव खाड़े ने कहा कि प्रदेश मे लम्बे समय से कांग्रेस का शासन न होने से प्रदेश की आम जनता को काफी नुकसान हुआ है जिसमें नौजवान, गरीब,आदिवासी, किसान,मज़दूर सब मौजूदा सरकार की नीतियों से बुरी तरह परेशान है। यह किसान विरोधी सरकार किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीनों काले कानून लेकर आई है जो किसानों को ही नही बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी कमज़ोर कर देगा। वर्तमान सरकार कांग्रेस द्वारा सृजित योजनाओं को कमज़ोर करने और सरकारी कम्पनियों को बेचने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज 12 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा का जन्मदिन है जिसके उपलक्ष्य में कांग्रेसी सेवाकार्य, पार्टी का संगठन बनाने का काम और यथासम्भव जरूरतमंदों की मदद से जुड़े काम करेंगे । किसी विशेष कार्यक्रम के बजाय उनका जन्मदिन इन्हीं कार्यों को करते हुए मनाया जाएगा। इसलिए आज गरीब ज़रूरत मन्दो को परदहां बकवल मे माधवेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व मे कम्बल बांटा गया और शहर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश कुशवाहा के अगुवाई में मऊ सदर हास्पिटल मे मरीज़ों को फल वितरित किया गया।
कार्यक्रम को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इंतेखाब आलम ने भी खिताब किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन से सृजन अभियान निश्चित रूप से ज़िले मे संगठन को जनता तक पहुँचाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हमेशा आम जनमानस की समस्याओं के लिए लड़ता रहेगा। इस अभियान के जनपद प्रभारी रामअवध यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब व मज़दूर विरोधी सरकार है देश का अन्नदाता अपने हक को लेकर इस भीषण ठण्ड मे जान गवां रहा है कई किसानों ने आत्महत्या कर ली मगर सरकार अन्नदाताओं के हित की बात कहकर पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने के लिए कृषि कानून वापस लेने को तैयार नही है। पूर्व राष्ट्रीय महिला उपाध्यक्ष डॉ0 सुधा राय ने बताया कांग्रेस पार्टी इस अभियान के तहत आम कार्यकर्ताओं तक पहुँचकर कांग्रेस पार्टी को और अधिक मज़बूत बनाया जाएगा।क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस समय आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह कहा आज भाजपा सरकार के जनविरोधी नीतियों के कारण किसान,
नौजवान,  छोटे  मझौले व्यापारी, छात्र, महिला सब त्रस्त है। एक  एक करके यह सरकार सारे व्यवस्थाओं का दमन कर रही है। 
इस सभा को ब्लाक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह,अवनीश सिंह,माधवेन्द्र बहादुर सिंह,ब्रहम्मानन्द पांडेय ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में घनश्याम सहाय, प्रदीप सिंह, राना खातून, सम्पत मौर्या, नज़ीर अहमद, अकरम प्रेमियर, बालजीत चौहान, रवि प्रकाश , अनिल राय, सुभाष राम, विनय गौतम, बृजभान तिवारी, आनन्द सिंह, रमन पांडेय, ओमनारायण शर्मा, सर्वेस कुमार, प्यारे लाल सिंह, वकील अहमद, संजय चौहान, अबुल फैज़, शमीम अख्तर, इदरीस कादिर आदि शामिल रहे।

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन
                   फजलुर्रहमान अंसारी

मऊ जिला मुख्यालय के निर्माण के बाद मऊ नगरवासियों के गुमान में भी यह बात नहीं रही होगी कि जमाने की गर्दिश के साथ उनके शहर का काफिया कभी इतना तंग हो जायेगा और उसके यातायात की व्यवस्था दिन-प्रतिदिन इस कदर संगीन और तकलीफदेह हो जाएगी जिसमें उनका सांस लेना तक दूभर हो जायेगा। परिस्थिति ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर गाजीपुर तिराहा, भीटी, आजमगढ़ मोड़ और फिर खासतौर से शहर के पश्चिमी क्षेत्र मिर्जाहादीपुरा चौक जैसी कोई ऐसी व्यस्ततम जगह बाकी नहीं है जहां हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी गाड़ियों का सैलाब लोगों की राह रोके न खड़ा हो जिसके चलते शहर की सभी शाहराहों पर लगने वाले लम्बे जाम के कारण आम नगरवासियों को न केवल दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है बल्कि अनावश्यक रूप से लोगों का काफी समय बरबाद होने के सबब इस महान औद्योगिक नगरी के आर्थिक और व्यापारिक हितों को भी ज़ोरदार झटका लग रहा है क्योंकि रोजमर्रा के इस जाम के चलते जो काम आधे घण्टे में मुकम्मल होना था, अब वह घण्टों में अंजाम पा रहा है। शहर की एक बड़ी मुसीबत तो यह भी है कि इसके लगभग सभी बैंक और सरकारी व गैर-सरकारी अस्पताल सामान्य रूप से शहर के सार्वजनिक मार्गाें पर ही स्थित हैं जहां बड़ी तादाद में लोगों का समूह और दायें-बायें खड़ी सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां भी इस कष्टदायक जाम के खास कारणों में शामिल हैं। इसी प्रकार, सुब्ह होते ही जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों मजदूर और आम जन जिला मुख्यालय का ही रूख करते हैं जिनके वाहनों, बाईकों और हजारों साईकिलों के हुजूम से अमूमन शहर की शाहराहें भरी-पटी रहती हैं।

मुश्किल यह भी है कि शहर में ई-रिक्शा की तादाद तकरीबन् 2500 बताई जा रही है जिसमें प्रतिदिन इजाफा भी इसलिये हो रहा है कि लाकडाऊन के सबब व्याप्त आम बेकारी, बेरोजगारी और रोजगार के अवसर पूर्णतः समाप्त हो चुके हैं जिसके चलते अक्सर नौजवान बैंकों से कर्ज लेकर एक रिक्शा खरीदते और फिर उसे लाकर शहर की तंग शाहराह पर डाल देते हैं जो चींटियों की कतार की भांति शहर की इकलौती सड़क पर रेंगते और कछुवे की चाल से अपना रास्ता तय करते नजर आते हैं जिनके लगातार आवागमन से लोगों का सड़क पार करना तक दुश्वार हो गया है। कभी-कभार तो गभ्भीर मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाना भी मुहाल हो जाता है। सबसे बुरा हाल तो मिर्जाहादीपुरा चौक का है जहां से प्रतिदिन हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियों का गुजर होेता है जिसकी दोनों पटरियों पर सैकड़ोंफल और सब्जीफरोशों का मुकम्मल कब्जा है लेकिन नगरपालिका, स्थानीय पुलिस या लोकल प्रशासन को कण मात्र भी ट्रैफिक की इस दुर्व्यवस्था की कोई चिन्ता नही है और लोगों को समझ में ये नहीं आता कि आखिर उन्हें शहर या जिले की किस अथारिटी की इजाज़त या रजामन्दी हासिल है जिसके बल पर वे बेखौफ होकर न केवल सड़क की पटरी बल्कि अक्सर आधी सड़क तक ठेला और खांचा लगाकर आम राहगीरों का चलना-फिरना दूभर किये हुये हैं।

याद रहे कि मऊ जनपद का सृजन 1988 में दिवंगत कल्पनाथ राय के दौर में हुआ था। उसी दौर में कलेक्ट्रेट की इमारतें और आफिसर्स कॉलोनीज़ तो बन गईं लेकिन भविष्य में इस शहर को पेश आने वाली गभ्भीर समस्याओं और ट्रैफिक की व्यवस्था से संबंधित कोई मन्सूबाबन्दी इसलिये नहीं हो पाई कि दि0 रहनुमा ही इस संसार को अलविदा कह गये और फिर उसके बाद मऊ शहर को कोई प्रभावशाली नेतृत्व नसीब नहीं हुआ। हालांकि यह शहर चार विधायक, एक सांसद और कई राज्यमंत्रियों तक की राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है लेकिन बदकिस्मती से उनमें से किसी का जनता और उसके हितों से कोई लेना-देना नहीं रहा और इन जनप्रतिनिधियों में से तो अक्सर लम्बे समय से जेल में हैं जिसके परिणामस्वरूप इस शहर को अनार्थ जीवन गुज़ारना पड़ रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि अगर सम्पूर्ण रूप से नहीं तो कम से कम आंशिक रूप से ही सही जनता को राहत पहुंचाने के लिये मऊ के इन चुने हुये रहनुमाओं को कोई कदम तो उठाना ही चाहिये।

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन
                   फजलुर्रहमान अंसारी

मऊ जिला मुख्यालय के निर्माण के बाद मऊ नगरवासियों के गुमान में भी यह बात नहीं रही होगी कि जमाने की गर्दिश के साथ उनके शहर का काफिया कभी इतना तंग हो जायेगा और उसके यातायात की व्यवस्था दिन-प्रतिदिन इस कदर संगीन और तकलीफदेह हो जाएगी जिसमें उनका सांस लेना तक दूभर हो जायेगा। परिस्थिति ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर गाजीपुर तिराहा, भीटी, आजमगढ़ मोड़ और फिर खासतौर से शहर के पश्चिमी क्षेत्र मिर्जाहादीपुरा चौक जैसी कोई ऐसी व्यस्ततम जगह बाकी नहीं है जहां हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी गाड़ियों का सैलाब लोगों की राह रोके न खड़ा हो जिसके चलते शहर की सभी शाहराहों पर लगने वाले लम्बे जाम के कारण आम नगरवासियों को न केवल दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है बल्कि अनावश्यक रूप से लोगों का काफी समय बरबाद होने के सबब इस महान औद्योगिक नगरी के आर्थिक और व्यापारिक हितों को भी ज़ोरदार झटका लग रहा है क्योंकि रोजमर्रा के इस जाम के चलते जो काम आधे घण्टे में मुकम्मल होना था, अब वह घण्टों में अंजाम पा रहा है। शहर की एक बड़ी मुसीबत तो यह भी है कि इसके लगभग सभी बैंक और सरकारी व गैर-सरकारी अस्पताल सामान्य रूप से शहर के सार्वजनिक मार्गाें पर ही स्थित हैं जहां बड़ी तादाद में लोगों का समूह और दायें-बायें खड़ी सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां भी इस कष्टदायक जाम के खास कारणों में शामिल हैं। इसी प्रकार, सुब्ह होते ही जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों मजदूर और आम जन जिला मुख्यालय का ही रूख करते हैं जिनके वाहनों, बाईकों और हजारों साईकिलों के हुजूम से अमूमन शहर की शाहराहें भरी-पटी रहती हैं।

मुश्किल यह भी है कि शहर में ई-रिक्शा की तादाद तकरीबन् 2500 बताई जा रही है जिसमें प्रतिदिन इजाफा भी इसलिये हो रहा है कि लाकडाऊन के सबब व्याप्त आम बेकारी, बेरोजगारी और रोजगार के अवसर पूर्णतः समाप्त हो चुके हैं जिसके चलते अक्सर नौजवान बैंकों से कर्ज लेकर एक रिक्शा खरीदते और फिर उसे लाकर शहर की तंग शाहराह पर डाल देते हैं जो चींटियों की कतार की भांति शहर की इकलौती सड़क पर रेंगते और कछुवे की चाल से अपना रास्ता तय करते नजर आते हैं जिनके लगातार आवागमन से लोगों का सड़क पार करना तक दुश्वार हो गया है। कभी-कभार तो गभ्भीर मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाना भी मुहाल हो जाता है। सबसे बुरा हाल तो मिर्जाहादीपुरा चौक का है जहां से प्रतिदिन हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियों का गुजर होेता है जिसकी दोनों पटरियों पर सैकड़ोंफल और सब्जीफरोशों का मुकम्मल कब्जा है लेकिन नगरपालिका, स्थानीय पुलिस या लोकल प्रशासन को कण मात्र भी ट्रैफिक की इस दुर्व्यवस्था की कोई चिन्ता नही है और लोगों को समझ में ये नहीं आता कि आखिर उन्हें शहर या जिले की किस अथारिटी की इजाज़त या रजामन्दी हासिल है जिसके बल पर वे बेखौफ होकर न केवल सड़क की पटरी बल्कि अक्सर आधी सड़क तक ठेला और खांचा लगाकर आम राहगीरों का चलना-फिरना दूभर किये हुये हैं।

याद रहे कि मऊ जनपद का सृजन 1988 में दिवंगत कल्पनाथ राय के दौर में हुआ था। उसी दौर में कलेक्ट्रेट की इमारतें और आफिसर्स कॉलोनीज़ तो बन गईं लेकिन भविष्य में इस शहर को पेश आने वाली गभ्भीर समस्याओं और ट्रैफिक की व्यवस्था से संबंधित कोई मन्सूबाबन्दी इसलिये नहीं हो पाई कि दि0 रहनुमा ही इस संसार को अलविदा कह गये और फिर उसके बाद मऊ शहर को कोई प्रभावशाली नेतृत्व नसीब नहीं हुआ। हालांकि यह शहर चार विधायक, एक सांसद और कई राज्यमंत्रियों तक की राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है लेकिन बदकिस्मती से उनमें से किसी का जनता और उसके हितों से कोई लेना-देना नहीं रहा और इन जनप्रतिनिधियों में से तो अक्सर लम्बे समय से जेल में हैं जिसके परिणामस्वरूप इस शहर को अनार्थ जीवन गुज़ारना पड़ रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि अगर सम्पूर्ण रूप से नहीं तो कम से कम आंशिक रूप से ही सही जनता को राहत पहुंचाने के लिये मऊ के इन चुने हुये रहनुमाओं को कोई कदम तो उठाना ही चाहिये।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव।   जनपद कुशीनगर के ग्रामसभा ठाड़ीभार ...