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अपराधियों के मददगार हैं कुछ कांस्टेबल
सुर्खियों में पटहेरवा थाने का कारखास सिपाही
कुशीनगर। डीजीपी के आदेश के बावजूद थानों में तैनात कारखास सिपाहियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की जा सकी है। थानेदारों के ये कारखास सिपाही अपराधियों के मददगार बनकर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। तस्करो, अपराधियों व दलालो से उनकी साठगांठ जनता के लिए मुसीबत का सबब बनी है। इस बारे में अफसरों तक शिकायत पहुंचती है लेकिन नेताओं के दबाव में उन सिपाहियों को हटाया नहीं जा रहा हैं। नतीजा यह कि चोरी-छिनैती जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। दूसरा कि इन कारखासो के कारनामों का विरोध करने पर निर्दोषो को जेल जाने की भी कार्रवाई से गुजरना पड़ जाता है, साहब खासमखास होने के चलते हमेशा सादे वेशभूषा में रहने वाले इन कारखासो के इशारे पर जहां थाने के अन्य पुलिस कर्मियों को साहब का कोपभाजन का शिकार होना पड़ता हैं तो वही अवैध वसूली से जनता अपने को ठगा महसूस करती हुई नजर आती हैं।
सभी थानेदार किसी एक सिपाही को अपना कारखास बनाकर रखते हैं। वही सिपाही इलाके में सभी तरह की धन उगाही करता है। पैसों के लालच में थानेदार उनके इशारों पर नाचते हैं। ऐेसे में बेलगाम कारखास सिपाही अवैध कमाई बढ़ाने के लिए इलाके में शराब तस्करी, देह व्यापार, गौ तस्करी सहित अन्य अवैध धंधे चलवाते हैं। यूं तो कारखास सिपाही अपराध को बढ़ावा देते हैं। नशा करोबारियों के साथ ही अवैध धंधे को चलाने वालों ने कारखास सिपाहियों के बूते गढ़ बना रखा है। पटहेरवा थाना क्षेत्र में वाहन पलक झपकते गायब किए जा रहे हैं। पुलिस इन घटनाओं की एफआईआर भी नहीं दर्ज करती है।चोरी की घटनाओ में लगातार वृध्दि हो रही हैं। निर्दोष को जेल भेजने के आरोप लग रहे हैं। पुलिस अपनी ही बाइक बरामद नही कर पा रही हैं। शराब तस्करी पर अंकुश नही लग पा रहा है। डीजीपी के आदेश के बावजूद अगर इन कारखास सिपाहियों को नहीं हटा पा रहे हैं तो समझा जा सकता है कि नियम-कानून सिर्फ कहने के लिए हैं। पुलिस विभाग में चर्चा है कि साहबों से बड़े बंगले तो इन कारखास सिपाहियों के हैं, जो हर महीने लाखों रुपये अवैध उगाही के जरिए घर ले जाते हैं। आजकल पटहेरवा थाने का कारखास खूब सुर्खियों में है।
इस सम्बंध में पुलिस कप्तान विनोद मिश्रा का कहना है कि पटहेरवा थाने पर तैनात एक पुलिसकर्मी की शिकायत मिली हैं, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।