मऊ में कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव
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11 शहरों में वैक्सीन की पहली खेप भेजी गई
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एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह 06:40 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI 559 से वैक्सीन के पहले भेजे गए माल के तहत हैदराबाद से दिल्ली भेजा गया है। दिल्ली के अलावा कोवैक्सीन की खेप बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई, पटना और लखनऊ भी भेजी गई है। आज कुल 11 शहरों में वैक्सीन की खेप भेजी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'कोवैक्सीन' की 55 लाख और 'कोविशील्ड' की 1.1 करोड़ टीके की खुराक खरीदी जा रही है। इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन को डीसीजीआइ (DCGI) द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। आइसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का निर्माण किया है। भारत बायोटेक शुरुआती तौर पर 38.5 लाख टीके की डोज के लिए 295 रुपये प्रति खुराक कीमत ले रहा है। भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार को 16.5 लाख डोज मुफ्त देने का भी फैसला किया है।
केंद्र को अब तक 54 लाख से अधिक वैक्सीन मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि पहले चरण की पूरी खेप सभी राज्यों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी। ज्ञात हो कि हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद इसका असर शुरू होगा।
11 शहरों में वैक्सीन की पहली खेप भेजी गई
11 शहरों में वैक्सीन की पहली खेप भेजी गई
एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह 06:40 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI 559 से वैक्सीन के पहले भेजे गए माल के तहत हैदराबाद से दिल्ली भेजा गया है। दिल्ली के अलावा कोवैक्सीन की खेप बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई, पटना और लखनऊ भी भेजी गई है। आज कुल 11 शहरों में वैक्सीन की खेप भेजी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'कोवैक्सीन' की 55 लाख और 'कोविशील्ड' की 1.1 करोड़ टीके की खुराक खरीदी जा रही है। इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन को डीसीजीआइ (DCGI) द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। आइसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का निर्माण किया है। भारत बायोटेक शुरुआती तौर पर 38.5 लाख टीके की डोज के लिए 295 रुपये प्रति खुराक कीमत ले रहा है। भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार को 16.5 लाख डोज मुफ्त देने का भी फैसला किया है।
केंद्र को अब तक 54 लाख से अधिक वैक्सीन मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि पहले चरण की पूरी खेप सभी राज्यों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी। ज्ञात हो कि हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद इसका असर शुरू होगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर
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सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।
SEK NEWSसुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई और इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। आज की सुनवाई पूरी हो गई है और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। साथ ही कमेटी का भी गठन कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमको ऐसा भी सुनने को मिला है कि प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन में लगे हैं। इसपर CJI ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है। CJI बोले- आप कल तक इस पर हलफनामा दीजिए। इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरे मामले पर आज आदेश नहीं देंगे। आदेश आज ही आएगा। आप इस पहलू पर कल तक जवाब दें।आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोगों को रामलीला मैदान में जगह मिलनी चाहिए। जहां मीडिया भी उन्हें देख सके। इसपर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अभी तक किसी ने रैली के लिए प्रशासन को आवेदन दिया? मुख्य न्यायाधीश ने अपने बयान में कहा कि हम आदेश में कहेंगे कि रामलीला मैदान या अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली पुलिस आयुक्त की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के होने पर नाराजगी जताई थी, जिसपर आज सुनवाई के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील ने कहा कि वे सभी आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इसपर CJI ने कहा कि हम आपके बयान को रिकॉर्ड कर रहे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोले- समिति इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। हम कानून का अमल स्थगित करेंगे। लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं। हमारा मकसद सिर्फ सकारात्मक माहौल बनाना है।शर्मा ने कहा कि किसान यह भी कह रहे हैं कि सब आ रहे हैं, पीएम बैठक में क्यों नहीं आते। इसपर कोर्ट ने कहा कि हम पीएम को नहीं कहेंगे कि वह बैठक में आएं। CJI बोले- हम एक समिति बना रहे हैं, ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो। हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान समिति में नहीं जाएंगे। हम समस्या को हल करने के लिए देख रहे हैं। यदि आप (किसान) अनिश्चित काल के लिए आंदोलन करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं। CJI ने कहा कि यह समिति हमारे लिए होगी। आप सभी लोग जो इस मुद्दे को हल करने की उम्मीद कर रहे हैं, इस समिति के समक्ष जाएंगे। यह एक आदेश पारित नहीं करेगा या आपको दंडित नहीं करेगा, यह केवल हमें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा की बात सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा, हम अंतरिम आदेश में कहेंगे कि जमीन को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश बोले- हम इसे जीवन मौत के मामले की तरह नहीं देख रहे। हमारे सामने कानून की वैधता का सवाल है। कानूनों के अमल को स्थगित करना हमारे हाथ में है। साथ ही मसले के लिए कमिटी बनाई जा सकती है, मामला वहां उठा सकते हैं।याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने बताया कि किसान किसी कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते। सिर्फ कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं। किसानों को कॉरपोरेट हाथों में छोड़ देने की तैयारी है। बता दें कि सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि वह समाधान के लिए नए कानूनों को अमल करने पर भी रोक लगा सकती है। साथ ही कोर्ट द्वारा एक समिति के गठन का सुझाव दिया गया था, जो जांच करेगी कि क्या कानून सार्वजनिक हित में है या नहीं। हालांकि, किसानों ने बीते दिन ही किसी कमेटी के साथ काम करने के मना कर दिया था। किसान संगठन के चारों वकील प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, एच.एस. फुल्का, कोलिन गोंजाल्विस आज की सुनवाई में शामिल नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कोर कमेटी की बैठक करेंगे। इसके बाद, हम अपनी कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है।
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