फर्जी लैब संचालक एक-एक रिपोर्ट के 400 से 1000 रुपए ले रहे रहे हैं।
बीते सप्ताह पहले दूदही के निजी क्लिनिक से दवा ले रहे एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी प्रेग्नेंट थी जिसका इलाज कराने दूदही के अमन क्लिनिक ले गए यहां गये तो उसने खून की जांच के लिए कस्बे की धनवंतरी पैथालॉजी वाले को बुला कर जांच कराया तो महिला का ब्लड 6.6 यूनिट बताया गया जो काफी कम बताई गई।
कुशीनगर दूदही। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के बढऩे से जन जीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में फर्जी पैथालॉजी सेंटर भी लोगों को मौत के मुंह में धकेलने का निंदनीय कृत्य कर रहे हैं। बिना किसी कागजात और अनुभव के चलाए जा रहे पैथालॉजी सेंटर अस्पतालो को रोकने में प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
इस तरह ग्रामीण जनता की आंख में झाेंक रहे धूल: ग्रामीण क्षेत्र के कुशीनगर के दूदही सहित छोटे-छोटे गांवों में जमकर खून की जांच केंद्र और अस्पताल संचालित है और संचालित किए जा रहे हैं। इन संचालकों के पास ना तो कोई डिग्री है और न ही इसको चलाने की कोई तकनीकी अनुभव। ऐसे में ये झोलाछाप संचालक ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के दूदही में फर्जी लैब खूब फलफूल रहे हैं, दूदही में लैब की इतनी ही संख्या कहाँ से आई किसी को पता नही। यहां संचालक सिर्फ एक सिरिंज और एक मेज-कुर्सी के सहारे पैथालॉजी लैब चल रहे हैं तो वहीं दूदही में तेजी से अस्पतालों की संख्या भी बढ़ रही है। बिना मशीनों के जांच करके रिपोर्ट पेश करने वाले ये फर्जी लैब संचालक एवं डॉक्टर एक-एक रिपोर्ट के 400 से 1000 रुपए ले रहे रहे हैं और उसमें से 150-300 रुपए रेफर करने वाले डाक्टरो को भी कमीशन के रूप में दिए जा रहे है। यहां तक की झोलाछाप द्वारा कमीशन के खेल में मरीजों की जांच के लिए पसंदीदा लैब में खून का सैंपल भेज देते हैं। दिलचस्प बात ये है कि अधिकतर लैब मरीजों को खून कम हो जाने की रिपोर्ट थमा रही है और इसके इलाज की बात कहकर झोलाछाप क्लिनिक वाले भी मोटी कमाई में जुट गए हैं।
एक पीड़ित आया सामने: बीते 24 मई को दूदही अमन क्लिनिक से अपनी पत्नी का दवा इलाज कराने गए चन्दन ने बताया कि उसे पिछले एक माह से हजारों की ठगी फर्जी रिपोर्ट दिखा कर की गई। यहां गये तो उसने खून की जांच के लिए कस्बे की एक पैथालॉजी से एक युवक को बुला कर ब्लड सेम्पल दिया जहां जांच में उसकी ब्लड रिपोर्ट 6.6 थी जो काफी कम बताई गई काफी इलाज के बाद भी मरीज ठीक नही हुआ तो शक होने पर युवक ने अपनी पत्नी को लेकर कुशीनगर के जिला अस्पताल गये एक चिकित्सक के यहा परामर्श लिया तो पता चला केवल बुखार आ रहा था और ब्लड जांच रिपोर्ट 9.2 यूनिट था गलत इलाज करने से महिला और महिला के पेट पल रहे बच्चे को काफी नुकसान हुआ है। इसके बाद युवक दोनों रिपोर्ट के साथ ऑनलाइन पोर्टल के जरिये शिकायत दर्ज कराई और एक शिकायत Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System के पास दर्ज करा कर जाँच की मांग की गई।
क्या कहते है स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अधिकारी श्री आलोक सक्सेना (अपर सचिव)
जो भी पैथालॉजी सेंटर फर्जी चल रहे हैं उनकी जांच कराई जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगाया जा रहा है जो जल्द ही फर्जी लैब और क्लिनिक संचालक पर नियमानुसार कार्यवाही कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दे दिए गए।
इस सम्बंध में 5 जून को प्रकाशित समाचार पढ़ने के लिए क्लिक करे 👈