SEK IN INDIA NEWS: फ़रवरी 2021

कुशीनगर के बरवापट्टी, तरया थाना क्षेत्रों में जमीनी विवाद में जमकर मारपीट, गोली से 02 लोग घायल

कुशीनगर के दो थाना क्षेत्रों में जमीनी विवाद में जमकर मारपीट, गोली से 02 लोग घायल

मार पीट का लाइव वीडियो न्यूज देखने के लिए क्लिक करे। 👈🏻

कुशीनगर : रविवार के दिन जिले के दो थाना क्षेत्रों से जमीन विवाद में जमकर मारपीट होने की ख़बर है।एक जगह गोली भी चलने की बात सामने आयी है जिसमे 02 लोग घायल बताये जा रहे है।

पहला मामला बरवापट्टी थाना के हनुमान चौक का है जहां सुबह जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गयी। दोनों पक्षों से मिलाकर 7 लोग घायल हैं। 

वही मौके पर दोनों पक्ष ने सड़क जाम किया है।जिस पर सीओ तमकुहीराज की अगुवाई में तीन थानों की फोर्स मौके पर पहुंच मामले को संभाला है।

वही दूसरा मामला तरयासुजान थाना अंतर्गत  बेदुपार  का है जहां जमीनी विवाद में अवैध असलहा से गोली चलने से 02 लोग घायल बताये जा रहे है।

परन्तु इस मामले पर कुशीनगर पुलिस द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि

दोनों पक्ष जो कि आपस में सगे पट्टीदार हैं के मध्य पूर्व से जमीनी विवाद था जो न्यायालय में विचाराधीन है। आज आपस में दोनों पक्ष मारपीट करने लगे। विवाद में गोली चलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची, मजरुब को पुलिस द्वारा ईलाज हेतु CHC ले जाया गया।

ईलाज के दौरान डाक्टर ने गोली लगने की पुष्टी नहीं की है। दोनों पक्ष के एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। घटना में गोली चलने की जांच की जा रही है।

कुशीनगर के बरवापट्टी, तरया थाना क्षेत्रों में जमीनी विवाद में जमकर मारपीट, गोली से 02 लोग घायल

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कुशीनगर : रविवार के दिन जिले के दो थाना क्षेत्रों से जमीन विवाद में जमकर मारपीट होने की ख़बर है।एक जगह गोली भी चलने की बात सामने आयी है जिसमे 02 लोग घायल बताये जा रहे है।

पहला मामला बरवापट्टी थाना के हनुमान चौक का है जहां सुबह जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गयी। दोनों पक्षों से मिलाकर 7 लोग घायल हैं। 

वही मौके पर दोनों पक्ष ने सड़क जाम किया है।जिस पर सीओ तमकुहीराज की अगुवाई में तीन थानों की फोर्स मौके पर पहुंच मामले को संभाला है।

वही दूसरा मामला तरयासुजान थाना अंतर्गत  बेदुपार  का है जहां जमीनी विवाद में अवैध असलहा से गोली चलने से 02 लोग घायल बताये जा रहे है।

परन्तु इस मामले पर कुशीनगर पुलिस द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि

दोनों पक्ष जो कि आपस में सगे पट्टीदार हैं के मध्य पूर्व से जमीनी विवाद था जो न्यायालय में विचाराधीन है। आज आपस में दोनों पक्ष मारपीट करने लगे। विवाद में गोली चलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची, मजरुब को पुलिस द्वारा ईलाज हेतु CHC ले जाया गया।

ईलाज के दौरान डाक्टर ने गोली लगने की पुष्टी नहीं की है। दोनों पक्ष के एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। घटना में गोली चलने की जांच की जा रही है।

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस ने गिरफ्तार।

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस  ने गिरफ्तार।
           कुशीनगर से के एन साहनी की रिपोर्ट 
 पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 85260 रुपया भी हुआ बरामद।

कुशीनगर में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में दिनांक 26.02.2021 को थाना कसया पुलिस टीम द्वारा स्थान पकड़िहवा सरेह सागौन के बगीचे से हार-जीत की बाजी लगाकर जुला खेलते समय 07 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जामा तलाशी में 12360 रुपया व माल फड़ से 72900 रुपया मौके से बरामद किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 165/2021 धारा 13 जुआ अधिनियम पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मौके पर गिरफ्तार लोगो के नाम
हरिलाल पासवान पुत्र नरायन पासवान उम्र 38 वर्ष सा0 भैसहां पासी टोला थाना कसया,इस्तेयाक अली पुत्र सुकुरुल्लाह अली सा0 श्रीराम जानकी नगर वार्ड न0 13 थाना कसया,विशेक मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा उम्र 32 वर्ष सा0 रामकोला रोड वार्ड न0 26 अमीनगर थाना कसया,महेन्द्र मध्देशिया पुत्र स्व0 छोटेलाल मध्देशिया उम्र 38 वर्ष सा0 गोला बाजार वार्ड न0 24 थाना कसया, 
राजू निषाद पुत्र परसन निषाद उम्र 27 वर्ष सा0 बेलवापलकधारी थाना कसया,अरुण सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह सा0 सुकरौली बाजार थाना कोतवाली हाटा जनपद कुशीनगर
व मनोज कुमार यादव पुत्र स्व0 खजांची यादव सा0 सिंधुआ थाना कोतवाली पडरौना जनपद कुशीनगर को जुआ खटकते कसया थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने हमराहियों के साथ घटना स्थल पर छापेमारी कर सभी को घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर किया गया।उ0नि0 श्री रविन्द्र यादव थाना कसया जनपद कुशीनगर
उ0नि0 श्री विजयशंकर यादव,
उ0नि0 श्री गौरव कुमार वर्मा,
का0 विश्वनाथ कुमार,का0 शेरबहादुर सिंह,
का0 विकाश यादव,का0 विशाल यादव,का0 शिवा सिंह,का0 नितेश यादव,का0नरेन्द्रयादव,
का0 विनय यादव,
का0 शिवबदन यादव,
का0 चन्द्रशेखर चौहान,
का0 वेदप्रकाश गोस्वामी थाना कसया जनपद कुशीनगर

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस ने गिरफ्तार।

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस  ने गिरफ्तार।
           कुशीनगर से के एन साहनी की रिपोर्ट 
 पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 85260 रुपया भी हुआ बरामद।

कुशीनगर में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में दिनांक 26.02.2021 को थाना कसया पुलिस टीम द्वारा स्थान पकड़िहवा सरेह सागौन के बगीचे से हार-जीत की बाजी लगाकर जुला खेलते समय 07 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जामा तलाशी में 12360 रुपया व माल फड़ से 72900 रुपया मौके से बरामद किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 165/2021 धारा 13 जुआ अधिनियम पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मौके पर गिरफ्तार लोगो के नाम
हरिलाल पासवान पुत्र नरायन पासवान उम्र 38 वर्ष सा0 भैसहां पासी टोला थाना कसया,इस्तेयाक अली पुत्र सुकुरुल्लाह अली सा0 श्रीराम जानकी नगर वार्ड न0 13 थाना कसया,विशेक मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा उम्र 32 वर्ष सा0 रामकोला रोड वार्ड न0 26 अमीनगर थाना कसया,महेन्द्र मध्देशिया पुत्र स्व0 छोटेलाल मध्देशिया उम्र 38 वर्ष सा0 गोला बाजार वार्ड न0 24 थाना कसया, 
राजू निषाद पुत्र परसन निषाद उम्र 27 वर्ष सा0 बेलवापलकधारी थाना कसया,अरुण सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह सा0 सुकरौली बाजार थाना कोतवाली हाटा जनपद कुशीनगर
व मनोज कुमार यादव पुत्र स्व0 खजांची यादव सा0 सिंधुआ थाना कोतवाली पडरौना जनपद कुशीनगर को जुआ खटकते कसया थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने हमराहियों के साथ घटना स्थल पर छापेमारी कर सभी को घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर किया गया।उ0नि0 श्री रविन्द्र यादव थाना कसया जनपद कुशीनगर
उ0नि0 श्री विजयशंकर यादव,
उ0नि0 श्री गौरव कुमार वर्मा,
का0 विश्वनाथ कुमार,का0 शेरबहादुर सिंह,
का0 विकाश यादव,का0 विशाल यादव,का0 शिवा सिंह,का0 नितेश यादव,का0नरेन्द्रयादव,
का0 विनय यादव,
का0 शिवबदन यादव,
का0 चन्द्रशेखर चौहान,
का0 वेदप्रकाश गोस्वामी थाना कसया जनपद कुशीनगर

मध्य प्रदेश पुलिस: हजारों पुलिसकर्मियों का बदलेगा पदनाम, मिलेगा प्रभारी का पद

मध्य प्रदेश पुलिस: हजारों पुलिसकर्मियों का बदलेगा पदनाम, मिलेगा प्रभारी का पद

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 M.P : गृहमंत्री ने कहा- मार्च तक संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास। पदोन्नत‍ि नहीं होने से परेशान पुलिसकर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत।
M.P  Police:  पदोन्नत‍ि में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से परेशान पुलिसकर्मियों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस अधिनियम 1972 में संशोधन करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मार्च तक इस संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे। संशोधन के बाद निचले स्टाफ को उनसे वरिष्ठ पद का प्रभार दिया जा सकेगा। इससे पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पदनाम मिल जाएगा। साथ ही जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी।
पुलिस मुख्यालय इस आशय का प्रस्ताव गृह विभाग को करीब दो माह पहले भेज चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षक को प्रधान आरक्षक, प्रधान आरक्षक को सहायक उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक को उप निरीक्षक और उप निरीक्षक को निरीक्षक का प्रभार देने की बात कही गई है। प्रस्ताव जीरो बजट वाला है, यानी इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। वरिष्ठ पद का प्रभार देने पर विभाग को अतिरिक्त वेतन नहीं देना होगा, क्योंकि लंबे समय से पदोन्नत‍ि नहीं होने से निचले स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतनमान वरिष्ठ स्तर के स्तर का हो चुका है।

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 M.P : गृहमंत्री ने कहा- मार्च तक संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास। पदोन्नत‍ि नहीं होने से परेशान पुलिसकर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत।
M.P  Police:  पदोन्नत‍ि में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से परेशान पुलिसकर्मियों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस अधिनियम 1972 में संशोधन करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मार्च तक इस संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे। संशोधन के बाद निचले स्टाफ को उनसे वरिष्ठ पद का प्रभार दिया जा सकेगा। इससे पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पदनाम मिल जाएगा। साथ ही जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी।
पुलिस मुख्यालय इस आशय का प्रस्ताव गृह विभाग को करीब दो माह पहले भेज चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षक को प्रधान आरक्षक, प्रधान आरक्षक को सहायक उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक को उप निरीक्षक और उप निरीक्षक को निरीक्षक का प्रभार देने की बात कही गई है। प्रस्ताव जीरो बजट वाला है, यानी इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। वरिष्ठ पद का प्रभार देने पर विभाग को अतिरिक्त वेतन नहीं देना होगा, क्योंकि लंबे समय से पदोन्नत‍ि नहीं होने से निचले स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतनमान वरिष्ठ स्तर के स्तर का हो चुका है।

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने परिवार के सात लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिली।

यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई गई है।
मथुरा,। शबनम और सलीम के बेमेल इश्क की खूनी दास्तां फांसी के फंदे के एकदम करीब पहुंच गई है। 14 अप्रैल, 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुलाने वाली शबनम और उसके प्रेमी को फांसी देने के लिए मथुरा जिला कारागार का फांसी घर तैयार हो गया है। फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं। मेरठ से जल्लाद पिछले वर्ष फांसी घर का निरीक्षण करने भी आया था। हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। यदि शबनम और सलीम को फांसी होती है तो यह आजाद भारत का पहला मामला होगा।

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम और सलीम को फांसी के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
फांसी घर में कराया जाएगा ट्रायल

12 मार्च, 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसी घर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा था। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि रस्सा एक इंच व्यास का होगा। यह 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया कि कोर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसी घर में एक ट्रायल कराया जाएगा। इसमें शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदे पर लटकाया जाएगा। मथुरा जिले में वर्ष 1866 में जेल का निर्माण कराया गया था, तब यहां महिला को फांसी देने के लिए फांसी घर बनाया गया था। आजादी के बाद से लेकर अब तक इस फांसी घर में किसी महिला को नहीं लटकाया गया है।

नशे की गोली खिलाकर परिवार के सात लोगों को मारा

अमरोहा जिले से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधु अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। इकलौती बेटी शबनम को पिता शौकत अली ने लाड़-प्यार से पाला था। एमए पास करने के बाद वह शिक्षामित्र हो गई। इस दौरान शबनम का प्रेम प्रसंग गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से शुरू हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। लिहाजा शबनम के परिवारीजन को यह मंजूर नहीं हुआ। इश्क को परवान न चढ़ता देख दोनों ने ऐसा फैसला लिया जिसने देश को हिलाकर रख दिया।
हत्या कर रातभर घर पर थी शबनम

14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया। इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। उस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी उनके घर आई हुई थी। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। घटना को अंजाम देकर सलीम तो वहां से भाग गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही। तड़के में उसने शोर मचा दिया कि बदमाश आ गए हैं। शोर सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और वहां का नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। दुमंजले पर बने तीन कमरों में मासूम समेत सभी सात लोगों के गला कटे शव पड़े थे। दिन निकलने तक गांव बावनखेड़ी देशभर में छा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी गांव पहुंची थीं। घटना के हालात देखते हुए शबनम पर ही शक की सुई गई।

जेल में ही बेटे को दिया जन्म

घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम व सलीम को हिरासत में ले लिया। इससे पहले उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से सारा राजफाश हो गया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान घटना भी कबूल कर ली थी। सलीम ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी गांव के तालाब से बरामद करा दी थी। स्थानीय अदालत ने भी दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। सर्वोच्च अदालत ने भी इस सजा को बरकरार रखा तो राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी। यानि सलीम व शबनम के खूनी इश्क की कहानी फांसी के फंदे तक पहुंच गई है। सलीम व शबनम लगभग हर रोज मिलते थे। जिस दिन दोनों ने इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया उस समय शबनम दो माह की गर्भवती थी। ऐसी हालत में भी शबनम के हाथ अपने दस माह के मासूम भतीजे अर्श का गला काटते हुए नहीं कांपे। बाद में शबनम ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया। उसका नाम मुहम्मद ताज रखा गया।

घर में मिली थी नशे की दस गोलियां

विवेचक आरपी गुप्ता को घर में नशे की दस गोलियां मिली थीं। फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी मृतकों को नशा दिए जाने की पुष्टि हुई थी। इसके साथ ही उन्हें घर के किचन में रखी चाय की पत्ती के डिब्बे में एक सिम मिला था। उसकी कॉल डिटेल में घटना वाली रात को सलीम के पास 50 से अधिक कॉल किए जाने की जानकारी हुई थी। परिवार के सभी सदस्यों को नशा दिए जाने के साथ केवल शबनम का बेहोश न होना तथा सलीम को 50 से अधिक कॉल किए जाने को आधार बनाकर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया था।

गांव में बेटी का नाम नहीं रखते शबनम

शबनम का घर गांव में सड़क किनारे है। अतरासी-हसनपुर रोड पर स्थित शबनम के घर के सामने एक आरा मशीन है। सलीम उसी आरा मशीन पर मजदूरी करता था। यहां से दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। शबनम का परिवार शिक्षित व संपन्न था। जबकि सलीम के परिवार की गिनती मध्यम वर्ग में होती है। बावनखेड़ी कांड के बाद यह गांव सारे देश में बदनाम हुआ। इकलौती बेटी द्वारा परिवार के साथ सदस्यों की हत्या को लेकर इस गांव के देश के लोग जान गए। मास्टर शौकत सैफी के घर में शबनम इकलौती बेटी थी। इस घटना के बाद गांव के लोगों को शबनम से इतनी नफरत हो गई कि अब इस गांव में कोई अपनी बेटी का नाम शबनम रखना नहीं चाहता।
यह भी पढ़ें : यह भी पढ़ें : मथुरा जेल में परिवार के सात लोगों की हत्या की गुनहगार शबनम को दी जाएगी फांसी, बक्सर में बन रहा फंदा

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने परिवार के सात लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिली।

यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई गई है।
मथुरा,। शबनम और सलीम के बेमेल इश्क की खूनी दास्तां फांसी के फंदे के एकदम करीब पहुंच गई है। 14 अप्रैल, 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुलाने वाली शबनम और उसके प्रेमी को फांसी देने के लिए मथुरा जिला कारागार का फांसी घर तैयार हो गया है। फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं। मेरठ से जल्लाद पिछले वर्ष फांसी घर का निरीक्षण करने भी आया था। हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। यदि शबनम और सलीम को फांसी होती है तो यह आजाद भारत का पहला मामला होगा।

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम और सलीम को फांसी के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
फांसी घर में कराया जाएगा ट्रायल

12 मार्च, 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसी घर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा था। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि रस्सा एक इंच व्यास का होगा। यह 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया कि कोर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसी घर में एक ट्रायल कराया जाएगा। इसमें शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदे पर लटकाया जाएगा। मथुरा जिले में वर्ष 1866 में जेल का निर्माण कराया गया था, तब यहां महिला को फांसी देने के लिए फांसी घर बनाया गया था। आजादी के बाद से लेकर अब तक इस फांसी घर में किसी महिला को नहीं लटकाया गया है।

नशे की गोली खिलाकर परिवार के सात लोगों को मारा

अमरोहा जिले से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधु अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। इकलौती बेटी शबनम को पिता शौकत अली ने लाड़-प्यार से पाला था। एमए पास करने के बाद वह शिक्षामित्र हो गई। इस दौरान शबनम का प्रेम प्रसंग गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से शुरू हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। लिहाजा शबनम के परिवारीजन को यह मंजूर नहीं हुआ। इश्क को परवान न चढ़ता देख दोनों ने ऐसा फैसला लिया जिसने देश को हिलाकर रख दिया।
हत्या कर रातभर घर पर थी शबनम

14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया। इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। उस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी उनके घर आई हुई थी। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। घटना को अंजाम देकर सलीम तो वहां से भाग गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही। तड़के में उसने शोर मचा दिया कि बदमाश आ गए हैं। शोर सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और वहां का नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। दुमंजले पर बने तीन कमरों में मासूम समेत सभी सात लोगों के गला कटे शव पड़े थे। दिन निकलने तक गांव बावनखेड़ी देशभर में छा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी गांव पहुंची थीं। घटना के हालात देखते हुए शबनम पर ही शक की सुई गई।

जेल में ही बेटे को दिया जन्म

घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम व सलीम को हिरासत में ले लिया। इससे पहले उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से सारा राजफाश हो गया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान घटना भी कबूल कर ली थी। सलीम ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी गांव के तालाब से बरामद करा दी थी। स्थानीय अदालत ने भी दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। सर्वोच्च अदालत ने भी इस सजा को बरकरार रखा तो राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी। यानि सलीम व शबनम के खूनी इश्क की कहानी फांसी के फंदे तक पहुंच गई है। सलीम व शबनम लगभग हर रोज मिलते थे। जिस दिन दोनों ने इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया उस समय शबनम दो माह की गर्भवती थी। ऐसी हालत में भी शबनम के हाथ अपने दस माह के मासूम भतीजे अर्श का गला काटते हुए नहीं कांपे। बाद में शबनम ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया। उसका नाम मुहम्मद ताज रखा गया।

घर में मिली थी नशे की दस गोलियां

विवेचक आरपी गुप्ता को घर में नशे की दस गोलियां मिली थीं। फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी मृतकों को नशा दिए जाने की पुष्टि हुई थी। इसके साथ ही उन्हें घर के किचन में रखी चाय की पत्ती के डिब्बे में एक सिम मिला था। उसकी कॉल डिटेल में घटना वाली रात को सलीम के पास 50 से अधिक कॉल किए जाने की जानकारी हुई थी। परिवार के सभी सदस्यों को नशा दिए जाने के साथ केवल शबनम का बेहोश न होना तथा सलीम को 50 से अधिक कॉल किए जाने को आधार बनाकर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया था।

गांव में बेटी का नाम नहीं रखते शबनम

शबनम का घर गांव में सड़क किनारे है। अतरासी-हसनपुर रोड पर स्थित शबनम के घर के सामने एक आरा मशीन है। सलीम उसी आरा मशीन पर मजदूरी करता था। यहां से दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। शबनम का परिवार शिक्षित व संपन्न था। जबकि सलीम के परिवार की गिनती मध्यम वर्ग में होती है। बावनखेड़ी कांड के बाद यह गांव सारे देश में बदनाम हुआ। इकलौती बेटी द्वारा परिवार के साथ सदस्यों की हत्या को लेकर इस गांव के देश के लोग जान गए। मास्टर शौकत सैफी के घर में शबनम इकलौती बेटी थी। इस घटना के बाद गांव के लोगों को शबनम से इतनी नफरत हो गई कि अब इस गांव में कोई अपनी बेटी का नाम शबनम रखना नहीं चाहता।
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प्रेमी संग परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम है रामपुर की जेल में बंद।

मेरठ के जल्लाद पवन ने मथुरा जेल का किया निरीक्षण। प्रेमी संग परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम है रामपुर की जेल में बंद। अमरोह के बावनखेड़ी गांव का है मामला। 14 अप्रैल को 2008 को की थी हत्या।


आगरा, जेएनएन। अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में माता-पिता समेत परिवार के सात सदस्यों की प्रेमी संग मिलकर हत्या करने की गुनहगार शबनम के लिए जिला कारागार का फांसीघर तैयार है। जेल प्रशासन ने मेरठ से जल्लाद को बुलाया था। पिछले साल मार्च में फांसीघर का निरीक्षण करने आया था। गुनहगार को फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं।

अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव निवासी शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम को फांसी पर लटकाने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 12 मार्च 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसीघर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया, रस्सा एक इंच व्यास का होगा। जो 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया, काेर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसीघर में एक ट्रायल कराया जाएगा। शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदा पर लटका दिया जाएगा।

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गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 19 साल बाद गिरफ्तार, गोधरा कांड: तारीख दर तारीख जानिए इस केस में कब क्या और कैसे हुआ

गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 19 साल बाद गिरफ्तार, स्टेशन पर करता था मजदूरी
गुजरात के पंचमहल जिले में गोधरा रेलवे स्टेशन पर करीब 19 साल पहले कारसेवकों को जलाने की घटना का मुख्य आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।गुजरात के पंचमहल जिले में गोधरा रेलवे स्टेशन पर करीब 19 साल पहले कारसेवकों को जलाने की घटना का मुख्य आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। गुजरात पुलिस ने गोधरा से रफीक हुसैन को गिरफ्तार कर लिया है. पंचमहल पुलिस के मुताबिक, रफीक हुसैन उस कोर ग्रुप का हिस्सा था जिसने गोधरा कांड की साजिश को रचा था और पिछले 19 साल से ये भागा हुआ था. जानकारी के मुताबिक, पुलिस को कुछ इनपुट मिला था जिसके बाद रेलवे स्टेशन के पास एक घर में छापा मारा गया जहां से रफीक हुसैन को पकड़ा गया. पुलिस का कहना है कि ट्रेन के कंपार्टमेंट को जलाने के लिए पेट्रोल का बंदोबस्त करना, भीड़ को उकसाना और पूरी साजिश रचने में रफीक हुसैन का बड़ा हाथ था. उसके ऊपर मर्डर और दंगा भड़काने के चार्ज लगे हुए हैं. आपको बता दें कि गुजरात में 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर कारसेवकों से भरी ट्रेन को जला दिया गया था. इस हादसे में कुल 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसी के बाद गुजरात में 2002 के दंगे हुए थे. पुलिस ने जानकारी दी है कि रफीक हुसैन उस वक्त एक मजदूर के तौर पर स्टेशन पर काम करता था. जब ट्रेन आने पर पत्थर फेंके गए और पेट्रोल छिड़का गया, तो ये भी उनमें से एक था. लेकिन उस घटना के बाद रफीक हुसैन यहां से भाग गया और दिल्ली के आसपास रहने लगा. पुलिस ने बताया कि हाल ही में हमें उसके बारे में पता लगा और परिवार को शिफ्ट करने की बात सामने आई. अब जब वो अपने घर पर मिलने आया हुआ था, तब मौका देखते ही उसे पकड़ लिया गया।

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किसान ने गाय का दूध बेचने के लिए खरीदा 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर, 100 करोड़ से ज्यादा है संपत्ति

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महाराष्ट्र के भिवंडी में एक किसान ने दूध बेचने के लिए हेलीकॉप्टर खरीदा है। उन्होंने समय बचाने के लिए 30 करोड़ में इसे खरीदा है। दरअसल दूध व्यापारी जनार्दन भोईर (Janardhan Bhoi) को अपने बिजनेस के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में जाना पड़ता है। रविवार को ट्रालय के लिए हेलीकॉप्टर गांव लाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनार्दन 100 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी के मालिक है।
जनार्दन भोईर फिलहाल हेलीकॉप्टर का ट्रायल ले रहे हैं। दूध, किसान के साथ उनका रियल एस्टेट का बिजनेस भी है। अपने काम के चलते भोईर को कई बार पश्चिम से पूर्वी राज्यों तक जाना पड़ता है। कई जगह प्लेन की सुविधा न होने के कारण समय काफी बर्बाद होता था। उन्होंने एक दोस्त की सलाह पर हेलीकॉप्टर खरीद लिया। जनार्दन का कहना है कि कारोबार के लिए उन्हें पंजाब, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पूर्वी प्रदेशों में जाना पड़ता है। भोईर ने अपने घर के पास 2.5 एकड की जमीन खरीदी है। जहां पर वे हेलीकॉप्टर के लिए राउंड पट्टी और दूसरी चीजे बनवा रहे हैं। साथ ही पायलट और अन्य रखरखाव के लिए कर्मचारियों की रहने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं पायलट रूम, टेक्नीशियम कमरा और हेलीकॉप्टर के लिए एक गैराज भी बनाया जा रहा है 

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जनार्दन भोईर फिलहाल हेलीकॉप्टर का ट्रायल ले रहे हैं। दूध, किसान के साथ उनका रियल एस्टेट का बिजनेस भी है। अपने काम के चलते भोईर को कई बार पश्चिम से पूर्वी राज्यों तक जाना पड़ता है। कई जगह प्लेन की सुविधा न होने के कारण समय काफी बर्बाद होता था। उन्होंने एक दोस्त की सलाह पर हेलीकॉप्टर खरीद लिया। जनार्दन का कहना है कि कारोबार के लिए उन्हें पंजाब, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पूर्वी प्रदेशों में जाना पड़ता है। भोईर ने अपने घर के पास 2.5 एकड की जमीन खरीदी है। जहां पर वे हेलीकॉप्टर के लिए राउंड पट्टी और दूसरी चीजे बनवा रहे हैं। साथ ही पायलट और अन्य रखरखाव के लिए कर्मचारियों की रहने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं पायलट रूम, टेक्नीशियम कमरा और हेलीकॉप्टर के लिए एक गैराज भी बनाया जा रहा है 

SBI का अपने ग्राहकों को अलर्ट, इन App का ना करें इस्तेमाल वरना होगा लाखों होगा नुकसान

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state bank of india रिकवरी करने के तरीके काफी गलत होते हैं। जबकि उधार लेने वाले व्यक्तियों का डाटा का गलत इस्तेमाल किया जाता है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) ने अपने ग्राहकों को अलर्ट किया है। बैंक ने अपने कस्टमरों से इंस्टेंट लोन एप्स (Instant Loan Apps) के इस्तेमाल से बचने को कहा है। एसबीआई (SBI)ने अपने ऑफिशिल ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। कहा कि अगर वो ऐसे लिंक पर क्लिक करते हैं तो ठग उनके अकाउंट को खाली कर सकते हैं। बैंक के मुताबिक अगर ऐसे मैसेज आ रहे हैं जिसमें कहा जा रहा कि सिर्फ पांच मिनट में दो लाख रुपए का लोन मिलेगा। जिसे बस क्लिक करना होता है, ऐसी लिंक्स से बचे। यह खाता खाली कर सकते हैं।
स्टेट बैंक ने कहा कि ऐसे कोई भी इंस्टेंट लोन एप जो बिना किसी पेपरवर्क के लोन देने का दावा करते हैं। उससे बचे क्योंकि ये लोन तो देते है, फिर भारी ब्याज भी वसूलते हैं। जिसके कारण लोगों को काफी कर्ज देना पड़ता है। यहां तक कि धमकायां भी दी जाती है। बैंक ने कहा है कि किसी से भी अपनी डिटेल शेयर ना करें। वहीं कभी भी बैंक अकाउंट और ओटीपी किसी को ना दें।
पिछले महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने लोगों को चेतावनी दी थी। आरबीआई ने कहा था कि इन प्लेटफॉर्म पर लोन आसानी से दिया जाता है, लेकिन उसका ब्याज दर काफी अधिक होती है। इसमें कई प्रकार के चार्ज छिपे होते हैं। रिकवरी करने के तरीके काफी गलत होते हैं। जबकि उधार लेने वाले व्यक्तियों का डाटा का गलत इस्तेमाल किया जाता है।
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स्टेट बैंक ने कहा कि ऐसे कोई भी इंस्टेंट लोन एप जो बिना किसी पेपरवर्क के लोन देने का दावा करते हैं। उससे बचे क्योंकि ये लोन तो देते है, फिर भारी ब्याज भी वसूलते हैं। जिसके कारण लोगों को काफी कर्ज देना पड़ता है। यहां तक कि धमकायां भी दी जाती है। बैंक ने कहा है कि किसी से भी अपनी डिटेल शेयर ना करें। वहीं कभी भी बैंक अकाउंट और ओटीपी किसी को ना दें।
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पिछले महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने लोगों को चेतावनी दी थी। आरबीआई ने कहा था कि इन प्लेटफॉर्म पर लोन आसानी से दिया जाता है, लेकिन उसका ब्याज दर काफी अधिक होती है। इसमें कई प्रकार के चार्ज छिपे होते हैं। रिकवरी करने के तरीके काफी गलत होते हैं। जबकि उधार लेने वाले व्यक्तियों का डाटा का गलत इस्तेमाल किया जाता है।
स्टेट बैंक ग्राहकों को दे रहा भारी डिस्काउंट
स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को शॉपिंग करने पर भारी डिस्काउंट दे रहा है। इसके लिए SBI Yono एप पर जाना होगा। जहां शॉप एंड ऑर्डर ऑप्शन पर क्लिक कर खरीदारी करनी होगी। यहां गिफ्ट पर 50 फीसद डिस्काउंट का लाभ उठा सकते हैं।

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नापतौल लक्की ड्रा से सावधान, आपका एकाउंट हो सकता है खाली। जालसाजी का नया तरकीब आया सामने।

नापतौल लक्की ड्रा से सावधान, आपका एकाउंट हो सकता है खाली। जालसाजी का नया तरकीब आया सामने।
            shaan e kushinagar news
उत्तर प्रदेश-: नापतौल के नाम से ऑनलाइन मार्केटिंग जोरो से चल रहा है घर बैठे आर्डर करने पर आकर्षक उपहार भी मिल रहा है।
 परंतु इसी का फायदा उठा कर जालसाजों ने नई तरकीब निका1ली है जालसाजों ने अब डाक रजिस्ट्री के माध्यम से लोगो के घर रजिस्ट्री के माध्यम से लक्की ड्रा जितने का स्क्रेच कार्ड भेज कर लोगो को एक एकाउंट भेजा जा रहा जिसमे लोगो से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 5 हजार से 10 हजार तक डिपॉजिट करने को कहा जा रहा है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर के विकास खण्ड दुदही ग्राम विशुनपुर वरियापट्टी निवासी शिकन्दर कुमार पटेल को एक रजिस्ट्री आई जिसमे 5 लाख 50 हजार का स्क्रेच कूपन मिला रजिस्ट्री पर दर्ज मोबाइल नम्बर पर जब उसने फोन किया तो भेजने वाले ब्यक्ति ने बताया कि आप नापतौल  कम्पनी के आप लक्की विजेता हैं आपको इनाम मिला है इनाम का पैसा लेने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन चार्ज 55 सौ रुपया आपको एकाउंट नम्बर दिया जा रहा है उसमें डिपॉजिट कर दीजिए डिपॉजिट करने के पांच मिनट तुरन्त बाद आपके एकाउंट में पैसा आ जायेगा। विजेता ने पैसा भेजने के पहले नापतौल के ऑफिसियल वेबसाइट से टोल फ्री नम्बर निकाल कर बात किया गया तो पता चला कि लक्की ड्रा की बात फर्जी है औऱ नापतौल ऑनलाइन मार्केट का इस तरह का कोई स्कीम नही चल रहा है। जालसाजों ने यकीन दिलाने के लिए विजेता को अपना आधार कार्ड बैंक पासबुक और एक फर्जी वेबसाइट भी भेजी गई थी। जालसाजों द्वारा भेजे गए आधार पासबुक वेबसाइट URL देखें।

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            shaan e kushinagar news
उत्तर प्रदेश-: नापतौल के नाम से ऑनलाइन मार्केटिंग जोरो से चल रहा है घर बैठे आर्डर करने पर आकर्षक उपहार भी मिल रहा है।
 परंतु इसी का फायदा उठा कर जालसाजों ने नई तरकीब निका1ली है जालसाजों ने अब डाक रजिस्ट्री के माध्यम से लोगो के घर रजिस्ट्री के माध्यम से लक्की ड्रा जितने का स्क्रेच कार्ड भेज कर लोगो को एक एकाउंट भेजा जा रहा जिसमे लोगो से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 5 हजार से 10 हजार तक डिपॉजिट करने को कहा जा रहा है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर के विकास खण्ड दुदही ग्राम विशुनपुर वरियापट्टी निवासी शिकन्दर कुमार पटेल को एक रजिस्ट्री आई जिसमे 5 लाख 50 हजार का स्क्रेच कूपन मिला रजिस्ट्री पर दर्ज मोबाइल नम्बर पर जब उसने फोन किया तो भेजने वाले ब्यक्ति ने बताया कि आप नापतौल  कम्पनी के आप लक्की विजेता हैं आपको इनाम मिला है इनाम का पैसा लेने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन चार्ज 55 सौ रुपया आपको एकाउंट नम्बर दिया जा रहा है उसमें डिपॉजिट कर दीजिए डिपॉजिट करने के पांच मिनट तुरन्त बाद आपके एकाउंट में पैसा आ जायेगा। विजेता ने पैसा भेजने के पहले नापतौल के ऑफिसियल वेबसाइट से टोल फ्री नम्बर निकाल कर बात किया गया तो पता चला कि लक्की ड्रा की बात फर्जी है औऱ नापतौल ऑनलाइन मार्केट का इस तरह का कोई स्कीम नही चल रहा है। जालसाजों ने यकीन दिलाने के लिए विजेता को अपना आधार कार्ड बैंक पासबुक और एक फर्जी वेबसाइट भी भेजी गई थी। जालसाजों द्वारा भेजे गए आधार पासबुक वेबसाइट URL देखें।

QR Code Scam: सावधान! गलती से भी न करें क्यूआर कोड स्कैन, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा खाली

QR Code Scam: सावधान! गलती से भी न करें क्यूआर कोड स्कैन, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा खाली

    जानें क्यूआर कोड ठगी से कैसे बच सकते हैं.

यदि किसी दुकान या काउंटर पर क्यूआर कोड के जरिए स्कैन कर पेमेंट करते हैं तो इसमें जोखिम कम होता है लेकिन स्कैमर्स ने धोखे के लिए यहां भी नये तरीके खोज लिए हैं। लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेज कर स्कैन करने को कहते हैं फिर अपना शिकार बनाते हैं।

नई दिल्ली,।  इन दिनों ऑनलाइन पेमेंट करना हो, तो क्यूआर (क्विक रिस्पॉन्स) कोड स्कैन करते ही झट से पेमेंट हो जाता है। यह कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का बढ़िया माध्यम है, लेकिन इसके जरिए ठगी भी खूब हो रही है। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री की बेटी भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुईं। जानें क्यूआर कोड ठगी से कैसे बच सकते हैं..

क्या है क्यूआर कोड

जापानी कंपनी डेंसो वेव ने क्यूआर कोड का आविष्कार किया है। इसकी मदद से पेमेंट करना आसान हो जाता है। क्यूआर कोड पर्याप्त जानकारी अपने में स्टोर रख सकता है। यह एक तरह का बारकोड है, जिसे मशीन के जरिए पढ़ लिया जाता है। भारत में भी क्यूआर कोड के जरिए भुगतान किया जाता है। आप बिजली, पानी, पेट्रोल, डीजल, किराना सामान, यात्र आदि का भुगतान इस माध्यम से कर सकते हैं।

कैसे होती है धोखधड़ी

यदि किसी दुकान या काउंटर पर क्यूआर कोड के जरिए स्कैन कर पेमेंट करते हैं, तो इसमें जोखिम कम होता है, लेकिन स्कैमर्स ने धोखे के लिए यहां भी नये तरीके खोज लिए हैं। स्कैमर लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेजता है, जैसे कि ‘5,000 रुपये जीतने की बधाई’। इसके साथ क्यूआर कोड की फोटो भी भेजी जाती है। मैसेज में आपसे कहा जाता है कि कोड स्कैन करने, राशि दर्ज करने के बाद यूपीआइ पिन दर्ज करने के बाद राशि आपके खाते में जमा हो जाएगी। भोले भाले लोगों को लगता है कि उनके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे, लेकिन होता ठीक इसके विपरीत है। दरअसल, यहां आप पैसे रिसीव नहीं करते हैं, बल्कि स्कैमर को पैसे का भुगतान कर रहे होते हैं।

QR Code Scam: सावधान! गलती से भी न करें क्यूआर कोड स्कैन, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा खाली

QR Code Scam: सावधान! गलती से भी न करें क्यूआर कोड स्कैन, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा खाली

    जानें क्यूआर कोड ठगी से कैसे बच सकते हैं.

यदि किसी दुकान या काउंटर पर क्यूआर कोड के जरिए स्कैन कर पेमेंट करते हैं तो इसमें जोखिम कम होता है लेकिन स्कैमर्स ने धोखे के लिए यहां भी नये तरीके खोज लिए हैं। लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेज कर स्कैन करने को कहते हैं फिर अपना शिकार बनाते हैं।

नई दिल्ली,।  इन दिनों ऑनलाइन पेमेंट करना हो, तो क्यूआर (क्विक रिस्पॉन्स) कोड स्कैन करते ही झट से पेमेंट हो जाता है। यह कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का बढ़िया माध्यम है, लेकिन इसके जरिए ठगी भी खूब हो रही है। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री की बेटी भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुईं। जानें क्यूआर कोड ठगी से कैसे बच सकते हैं..

क्या है क्यूआर कोड

जापानी कंपनी डेंसो वेव ने क्यूआर कोड का आविष्कार किया है। इसकी मदद से पेमेंट करना आसान हो जाता है। क्यूआर कोड पर्याप्त जानकारी अपने में स्टोर रख सकता है। यह एक तरह का बारकोड है, जिसे मशीन के जरिए पढ़ लिया जाता है। भारत में भी क्यूआर कोड के जरिए भुगतान किया जाता है। आप बिजली, पानी, पेट्रोल, डीजल, किराना सामान, यात्र आदि का भुगतान इस माध्यम से कर सकते हैं।

कैसे होती है धोखधड़ी

यदि किसी दुकान या काउंटर पर क्यूआर कोड के जरिए स्कैन कर पेमेंट करते हैं, तो इसमें जोखिम कम होता है, लेकिन स्कैमर्स ने धोखे के लिए यहां भी नये तरीके खोज लिए हैं। स्कैमर लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेजता है, जैसे कि ‘5,000 रुपये जीतने की बधाई’। इसके साथ क्यूआर कोड की फोटो भी भेजी जाती है। मैसेज में आपसे कहा जाता है कि कोड स्कैन करने, राशि दर्ज करने के बाद यूपीआइ पिन दर्ज करने के बाद राशि आपके खाते में जमा हो जाएगी। भोले भाले लोगों को लगता है कि उनके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे, लेकिन होता ठीक इसके विपरीत है। दरअसल, यहां आप पैसे रिसीव नहीं करते हैं, बल्कि स्कैमर को पैसे का भुगतान कर रहे होते हैं।

कुशीनगर के तमकुहीराज में नवजात का शव लेकर दौड़ता रहा कुत्ता, जांच में जुटी पुलिस

कुशीनगर के तमकुहीराज में नवजात का शव लेकर दौड़ता रहा कुत्ता, जांच में जुटी पुलिस

कुशीनगर के तमकुहीराज कस्बा में एक कुत्ता नवजात बचे का शव मुंह में दबाकर दौड़ता रहा लोगो ने दौड़ाया तो शव छोड़कर भाग गया।

कुशीनगर: तमकुहीराज कस्बे में बुधवार शाम को नवजात का शव लिए एक कुत्ता दौड़ता रहा। कुछ लोगों ने पीछा किया तो ओवरब्रिज के समीप शव छोड़ भाग निकला। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में ले आवश्यक कार्रवाई में जुट गई।

शाम करीब साढ़े छह बजे ब्लाक गेट के समीप लोगों की भीड़ थी। इसी बीच सीएचसी की तरफ से एक कुत्ता नवजात का शव लेकर ओवरब्रिज की तरफ भागता दिखा। थोड़ी ही देर में यह खबर पूरे कस्बे में फैल गई। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। कस्बा चौकी प्रभारी सुनील कुमार सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। शव की पहचान के लिए पुलिसकर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए, वहां छानबीन की गई। पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। चौकी प्रभारी ने बताया कि प्रभारी चिकित्साधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने शाम के समय कोई प्रसव न होने की बात बताई। नवजात का शव कुत्ता कैसे ले आया इसकी छानबीन की जा रही है।

कुशीनगर के तमकुहीराज में नवजात का शव लेकर दौड़ता रहा कुत्ता, जांच में जुटी पुलिस

कुशीनगर के तमकुहीराज में नवजात का शव लेकर दौड़ता रहा कुत्ता, जांच में जुटी पुलिस

कुशीनगर के तमकुहीराज कस्बा में एक कुत्ता नवजात बचे का शव मुंह में दबाकर दौड़ता रहा लोगो ने दौड़ाया तो शव छोड़कर भाग गया।

कुशीनगर: तमकुहीराज कस्बे में बुधवार शाम को नवजात का शव लिए एक कुत्ता दौड़ता रहा। कुछ लोगों ने पीछा किया तो ओवरब्रिज के समीप शव छोड़ भाग निकला। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में ले आवश्यक कार्रवाई में जुट गई।

शाम करीब साढ़े छह बजे ब्लाक गेट के समीप लोगों की भीड़ थी। इसी बीच सीएचसी की तरफ से एक कुत्ता नवजात का शव लेकर ओवरब्रिज की तरफ भागता दिखा। थोड़ी ही देर में यह खबर पूरे कस्बे में फैल गई। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। कस्बा चौकी प्रभारी सुनील कुमार सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। शव की पहचान के लिए पुलिसकर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए, वहां छानबीन की गई। पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। चौकी प्रभारी ने बताया कि प्रभारी चिकित्साधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने शाम के समय कोई प्रसव न होने की बात बताई। नवजात का शव कुत्ता कैसे ले आया इसकी छानबीन की जा रही है।

UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन


UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
                दुर्घटना ग्रस्त की तस्वीर
उत्तर प्रदेश जनपद कुशीनगर में रविवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। ग्राम धोकरहा टोला चकदहवा के समीप बालू लदी ट्रैक्टर पलटने से मौके पर ही दो लोगों की ट्रेक्टर से दबकर मौत हो गई। मृतकों को देखकर वहां मौजूद लोग सहम गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों को निकालने की कोशिश की तो मृतकों के परिजन व ग्रामीण सक्षम अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग  पर अड़ गए।
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ट्रैक्टर मालिक दिन रात ट्रैक्टर चलवाते थे जिसके चलते ये दर्दनाक घटना घटीत हुई है। मृतकों की पहचान विरेंद्र उम्र (30) वर्ष पुत्र रामनाथ प्रसाद निवासी धोकरहा टोला चकदहवा व कुमरेश उम्र(32)वर्ष पुत्र बुन्नीलाल कुशवाहा धोकरहा टोला कतरा के निवासी के रुप में हुई है। खबर लिखे जाने तक शव ट्रैक्टर में ही दबा हुआ था। परिजनों का कहना है कि जब तक डीएम मौके पर नही आएंगे तब तक शव नहीं निकलेगा।

UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन


UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
                दुर्घटना ग्रस्त की तस्वीर
उत्तर प्रदेश जनपद कुशीनगर में रविवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। ग्राम धोकरहा टोला चकदहवा के समीप बालू लदी ट्रैक्टर पलटने से मौके पर ही दो लोगों की ट्रेक्टर से दबकर मौत हो गई। मृतकों को देखकर वहां मौजूद लोग सहम गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों को निकालने की कोशिश की तो मृतकों के परिजन व ग्रामीण सक्षम अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग  पर अड़ गए।
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ट्रैक्टर मालिक दिन रात ट्रैक्टर चलवाते थे जिसके चलते ये दर्दनाक घटना घटीत हुई है। मृतकों की पहचान विरेंद्र उम्र (30) वर्ष पुत्र रामनाथ प्रसाद निवासी धोकरहा टोला चकदहवा व कुमरेश उम्र(32)वर्ष पुत्र बुन्नीलाल कुशवाहा धोकरहा टोला कतरा के निवासी के रुप में हुई है। खबर लिखे जाने तक शव ट्रैक्टर में ही दबा हुआ था। परिजनों का कहना है कि जब तक डीएम मौके पर नही आएंगे तब तक शव नहीं निकलेगा।

जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना। कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।

कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना

जिला कारागार में देवरिया

देवरिया। जेल में बंद कैदियों को सजा से बड़ी सजा मिल रही है। जब उनके सामने कच्ची और सूखी रोटियां और घांस फुस से बनी सब्जी आतीं हैं तो कैदी मन मसोस कर खाते हैं। इस पीड़ा को कहें तो किससे कहें आखिर सवाल जो पापी पेट का है। ठंड में सबसे ज्यादा सांसत बूढ़े कैदियों की है।
जनपद कारागार में देवरिया और कुशीनगर के कैदी बंद हैं। जेल की क्षमता 530 कैदियों की रखने की है, लेकिन यहां 1500 से अधिक कैदी बंद हैं। लगभग 100 महिला बंदी शामिल हैं। कुछ कैदी सत्तर की उम्र पार कर चुके हैं। इसमें कुछ सजायाफ्ता हैं। ठंड का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर निकलना नहीं चाहते हैं। ऐसे में जेल प्रशासन कैदियों की भारी-भरकम संख्या को देखते समय से पहले भोजन बनवाना शुरू कर देता है। सुबह छह बजे के करीब भोजन बनना शुरू हो जाता है। दोपहर में 12 बजे के करीब कैदियों के सामने भोजन की थाली परोसी जाती है। आलम यह है कि इनमें कुछ रोटियां बेतरतीब जली तो कुछ इतने कच्चे जो दांत में चिपक जाते हैं इतना ही नही सुखी रोटियों के साथ बनी सब्जी और दाल खाना तो दूर कोई देखना भी पसंद नही करता। सुबह की ये रोटियां जब थाल में पहुंचती हैं तो सूख जातीं हैं। जिनसे बूढ़े इसे खा भी नहीं पाते हैं। यही हाल शाम के भोजन का भी है। सूत्रों ने बताया कि कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण आटे को पूरी तरह से गूंथा नहीं जाता है। दाल और सब्जियों को जेल आने से पहले ही जेल प्रशासन एक तिहाई हिस्से का कालाबजारी करके बेच दिया जाता है। हाल ही में जेल से रिहा हो कर आये कुशीनगर के एक कैदी ने नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर बताया कि जेल में मिलने वाली रोटी दाल सब्जी इतनी बुरी होती है कि लोग खाना तो दूर देखना पसंद नही करते परंतु पापी पेट की भूख मिटाने के लिए कैदी मजबूरन  नमक मिर्च के साथ केवल रोटी खाते है। रिहा हो कर घर लौटे ब्यक्ति ने रोते विलखते हुए बताया कि। हद तो तब हो गई जब एक कैदी ने इसकी शिकायत वीडियो कांफ्रेंसिक के जरिये मजिस्टेट से कर दी शिकायत करने के तुरंत बाद ही जेल अधीक्षक के चहेते सजा यापता बब्लू शर्मा ने शिकायत कर्ता को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से घसीटते हुए बाहर ला कर इतनी पिटाई की गई कि शिकायत कर्ता हफ़्तों तक जेल के अस्पताल मे भर्ती रहा। वे बताते हैं कि रोटी का निचला हिस्सा जला तो ऊपरी हिस्सा कच्चा ही रहता है। दाल से पानी का मेल नहीं होता है। रोटी बनने के छह घंटे के बाद वह कैदियों की थाली में आता है। जेल से बेल पर घर आए कुशीनगर का एक ब्यक्ति का कहना है कि रोटी सूखी होने के कारण उसे खा भी नहीं पाते हैं। एक दशक से जेल में बंद थे लेकिन रोटी में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। हाल ही में बेल पर घर लौटे अशोक उर्फ गुड्डू कुशवाहा का कहना है कि जेल का खाना गरीबों के लिए कष्टदायी है। अमीर कैदी तो सिपाहियों से मिलकर गर्म रोटियां बनवा लेते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल में करीब पांच कुंटल आटा प्रतिदिन लगता है। मानक यह है कि काम करने वाले कैदियाें को 3.50 ग्राम आटा और बिना काम करने वालों को 2.70 ग्राम प्रति के हिसाब से मिलना चाहिए, लेकिन चार सूखी रोटियां ही उन्हें नसीब होतीं हैं।

जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना। कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।

कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना

जिला कारागार में देवरिया

देवरिया। जेल में बंद कैदियों को सजा से बड़ी सजा मिल रही है। जब उनके सामने कच्ची और सूखी रोटियां और घांस फुस से बनी सब्जी आतीं हैं तो कैदी मन मसोस कर खाते हैं। इस पीड़ा को कहें तो किससे कहें आखिर सवाल जो पापी पेट का है। ठंड में सबसे ज्यादा सांसत बूढ़े कैदियों की है।
जनपद कारागार में देवरिया और कुशीनगर के कैदी बंद हैं। जेल की क्षमता 530 कैदियों की रखने की है, लेकिन यहां 1500 से अधिक कैदी बंद हैं। लगभग 100 महिला बंदी शामिल हैं। कुछ कैदी सत्तर की उम्र पार कर चुके हैं। इसमें कुछ सजायाफ्ता हैं। ठंड का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर निकलना नहीं चाहते हैं। ऐसे में जेल प्रशासन कैदियों की भारी-भरकम संख्या को देखते समय से पहले भोजन बनवाना शुरू कर देता है। सुबह छह बजे के करीब भोजन बनना शुरू हो जाता है। दोपहर में 12 बजे के करीब कैदियों के सामने भोजन की थाली परोसी जाती है। आलम यह है कि इनमें कुछ रोटियां बेतरतीब जली तो कुछ इतने कच्चे जो दांत में चिपक जाते हैं इतना ही नही सुखी रोटियों के साथ बनी सब्जी और दाल खाना तो दूर कोई देखना भी पसंद नही करता। सुबह की ये रोटियां जब थाल में पहुंचती हैं तो सूख जातीं हैं। जिनसे बूढ़े इसे खा भी नहीं पाते हैं। यही हाल शाम के भोजन का भी है। सूत्रों ने बताया कि कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण आटे को पूरी तरह से गूंथा नहीं जाता है। दाल और सब्जियों को जेल आने से पहले ही जेल प्रशासन एक तिहाई हिस्से का कालाबजारी करके बेच दिया जाता है। हाल ही में जेल से रिहा हो कर आये कुशीनगर के एक कैदी ने नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर बताया कि जेल में मिलने वाली रोटी दाल सब्जी इतनी बुरी होती है कि लोग खाना तो दूर देखना पसंद नही करते परंतु पापी पेट की भूख मिटाने के लिए कैदी मजबूरन  नमक मिर्च के साथ केवल रोटी खाते है। रिहा हो कर घर लौटे ब्यक्ति ने रोते विलखते हुए बताया कि। हद तो तब हो गई जब एक कैदी ने इसकी शिकायत वीडियो कांफ्रेंसिक के जरिये मजिस्टेट से कर दी शिकायत करने के तुरंत बाद ही जेल अधीक्षक के चहेते सजा यापता बब्लू शर्मा ने शिकायत कर्ता को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से घसीटते हुए बाहर ला कर इतनी पिटाई की गई कि शिकायत कर्ता हफ़्तों तक जेल के अस्पताल मे भर्ती रहा। वे बताते हैं कि रोटी का निचला हिस्सा जला तो ऊपरी हिस्सा कच्चा ही रहता है। दाल से पानी का मेल नहीं होता है। रोटी बनने के छह घंटे के बाद वह कैदियों की थाली में आता है। जेल से बेल पर घर आए कुशीनगर का एक ब्यक्ति का कहना है कि रोटी सूखी होने के कारण उसे खा भी नहीं पाते हैं। एक दशक से जेल में बंद थे लेकिन रोटी में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। हाल ही में बेल पर घर लौटे अशोक उर्फ गुड्डू कुशवाहा का कहना है कि जेल का खाना गरीबों के लिए कष्टदायी है। अमीर कैदी तो सिपाहियों से मिलकर गर्म रोटियां बनवा लेते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल में करीब पांच कुंटल आटा प्रतिदिन लगता है। मानक यह है कि काम करने वाले कैदियाें को 3.50 ग्राम आटा और बिना काम करने वालों को 2.70 ग्राम प्रति के हिसाब से मिलना चाहिए, लेकिन चार सूखी रोटियां ही उन्हें नसीब होतीं हैं।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

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