बाहरी दवाओं के भरोसे कुशीनगर जिला अस्पताल, सामान्य दवाओं को भी मोहताज हैं मरीज
कुशीनगर: कुशीनगर के जिला अस्पताल का हाल बेहाल होता जा रहा है। दलालों का मंहगी दवाएं लिखवाने का दबाव और डॉक्टरों का बाहरी दवाओं में कमीशन होना रोगियों एवं उनके तीमारदारों की कमर तोड़ने का काम कर रहा है। अस्पताल की ऐसी हालत के बावजूद जिला प्रशासन जानबूझकर मुंह फेरे हुए है।
जनपद में बढ़ते संक्रामक रोगों के कारण रोगियों के आने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं अस्पताल निशुल्क दवाओं के नाम पर खोखला हो चुका है। आलम यह है कि साधारण बुखार और दर्द में दी जाने वाली सामान्य दवाईयां भी नहीं हैं। एेसे में जनता को सुलभ चिकित्सा का दावा की पोल खुलती नजर आ रही है। अस्पताल में आए मरीज रोज बाहर से दवाएं लेने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि दवा खत्म होने का यह सिलसिला पिछले वर्ष 2019 से लेकर अभी तक जारी है। बताते चलें कि जिला अस्पताल में आने वाली 138 दवाओं में कुल 18 दवाएं ही शेष रह गई हैं। अब वह भी समाप्ति की ओर हैं। जिले के आला अधिकारी को अस्पताल की इन समास्यायों के बारे में जानने के बावजूद अनजान बनने का प्रयास करते रहते हैं। वहीं जब इस मामले पर असपताल प्रशासन से बात करनी चाही तो किसी ने बात नहीं की और कहते रहे कि पूरे मामले की जानकारी शासन को है फिर भी कुछ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मरीजो से डॉक्टर साहब का दूरब्यवहार
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोई मरीज गलती से भी डाक्टरो से पूछ लें कि दवा अस्पताल में मिलेगी या बाहर तो उस मरीज की खैर नही दिनांक 12 जुलाई 2021 को जिला अस्पताल के वार्ड नम्बर 37 में सुबह से ही भीड़ इकट्ठी रही और डॉक्टर साहब 11 बजे अस्पताल पहुंचे और आधा घण्टा बाद चाय नास्ता करने के बाद मरीजो को बारी बारी देखने का नम्बर आया तो डॉक्टर साहब किसी बात को लेकर परेशान थे और इलाज कराने आये मरीजो को फटकार लगाते हुए मात्र पांच मिनट में ही लगभग 10 मरीजो को इलाज को आस्वासन दे कर लौटा दिए लगभग लगभग सभी वार्ड के डॉक्टर साहब का ब्यहव्हार ऐसा ही है। हमे लगता है किसी को भी इस तरह इलाज कराने का शौक तो नही ही होगा। अधिक जानकारी के लिए जिला अस्पताल में इलाज करने अवश्य पधारे।
कलमकार की कलम से:- Mr. N Ansari
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