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हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है।

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट Image Source : FILE PHOTO
IndiaTV Hindi Desk 10 Oct 2020, 10:03:12 IST

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है। वह अपने नाम के आगे डॉ. लिखती है और 16 सितंबर से हाथरस पीड़िता के परिवार का हिस्सा बनकर रह रही थी। उसने कोविड के बहाने चेहरा ढककर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया था। इंटरव्यू में उसने कई भड़काऊं बातें कही थी, इतना ही नहीं गांव वालों को भी फर्जी अफवाहों से भड़काया था। पुलिस के जांच शुरू करते ही वह लापता हो गई। फिलहाल पुलिस उस एक्टिविस्ट की तलाश कर रही है।

एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर महिला एक्टिविस्ट बड़ी साजिश रच रही थी। एसआईटी के सूत्र बताते हैं कि महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट पीड़िता के गांव पहुंच गई थी। आरोप है कि पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। 

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है।

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IndiaTV Hindi Desk 10 Oct 2020, 10:03:12 IST

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है। वह अपने नाम के आगे डॉ. लिखती है और 16 सितंबर से हाथरस पीड़िता के परिवार का हिस्सा बनकर रह रही थी। उसने कोविड के बहाने चेहरा ढककर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया था। इंटरव्यू में उसने कई भड़काऊं बातें कही थी, इतना ही नहीं गांव वालों को भी फर्जी अफवाहों से भड़काया था। पुलिस के जांच शुरू करते ही वह लापता हो गई। फिलहाल पुलिस उस एक्टिविस्ट की तलाश कर रही है।

एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर महिला एक्टिविस्ट बड़ी साजिश रच रही थी। एसआईटी के सूत्र बताते हैं कि महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट पीड़िता के गांव पहुंच गई थी। आरोप है कि पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। 

कोरोना योद्धाओ के अथक प्रयास से कुशीनगर जनपद अब तक सुरक्षित।

कोरोना योद्धाओ के अथक प्रयास से कुशीनगर जनपद अब तक सुरक्षित
              SEK IN INDIA NEWS
एसपी की सख्ती व निगरानी से कही सख्त दिखी तो कही संवेदनशील नजर आई पुलिस

हर पल पुलिस रख रही नजर,लाकडाउन का करा रही पालन

कुशीनगर । एक ऐसा जनपद जो बिहार बार्डर के निकट है तो बौद्ध धर्म का अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली होने के चलते विदेशी पर्यटकों के आने से कोरोना के संक्रमण लिहाज से बेहद संवेदनशील है। बीते आठ मार्च को जिले में जब  मुख्यमंत्री आये थे तो उन्होंने भी बिहार बार्डर व बौद्ध पर्यटक स्थल को ध्यान में रखते हुए पहले से एहतियाती उपाय करने का निर्देश दे रखा था। कप्तान की सख्ती व भ्रमण, पुलिस की मुस्तैदी और लोगों की जागरूकता का ही नतीजा है कि अब तक कुशीनगर जिला कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित बना हुआ है। इसके बावजूद भी प्रशासन लगातार सक्रियता बरत रहा है और लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने से लेकर संदिग्धों की जांच कराने तक में तत्परता बरत रहा है।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थी और 17 मार्च को ही कुशीनगर के सभी मंदिरों व होटलों में आवागमन को प्रतिबंधित करते हुए वहां थर्मल स्क्रीनिंग भी शुरू करा दी थी। होटलों में पहले से हुई बुकिंग को रद्द कर दी गई थी। वही देश के दूसरे हिस्सों से घूमने आए लोगों की जांच कराकर वापस लौटा दिया गया । 22 मार्च को प्रधानमंत्री की अपील के बाद पूरा जिला पूर्णरुप से बंद रहा। जब कि अगले दिन से शुरू हुए लॉकडाउन का भी प्रशासन ने सख्ती से पालन कराया।  लॉकडाउन के बाद सबसे बड़ी समस्या थी कि यहां के अधिकतर लोग मजदूरी करने दूसरे प्रदेश में गये थे। देश के बड़े शहरों व औद्योगिक क्षेत्रों से शुरू हुए मजदूरों के पलायन के दौरान भी सबसे गंभीर संकट कुशीनगर के लिए ही था, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं। लगभग 12 हजार श्रमिक अपने घरों को वापस लौटे। प्रशासन ने वापस लौटने वाले अपने जिलों के लोगों की सूची बनाने के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार के लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराकर वाहनों के जरिए जल्दी से जल्दी बार्डर पार कराया। इस दौरान आम लोगों व बाहर से आने वालों के बीच दूरी बनी रहे, इसका ध्यान रखते हुए स्थानीय लोगों पर पूरी सख्ती बरती गई। जिला प्रशासन ने मार्च में विदेश से लौटे करीब डेढ़ सौ लोगों के घर टीम भेजकर उनकी जांच कराई। ओमान से लौटे कप्तानगंज क्षेत्र के एक व्यक्ति के साथी व बिहार प्रांत निवासी युवक के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना पर तुरंत ही उस व्यक्ति को आइसोलेशन वार्ड भेजने के साथ ही उसका कोरोना टेस्ट कराया गया और 14 दिन तक होम क्वारंटीन किया गया। इसके अलावा सोशल मीडिया समेत अन्य किसी भी माध्यम से संक्रमित होने की चर्चा में आए लोगों की भी जांच कराई गई। क्षय रोग विभाग के सुपरवाइजरों की टीम लगाकर विदेश से लौटे लगभग सभी लोगों की जांच कर रिपोर्ट तैयार हुई।
इन सब उपायों के बाद जैैसे जमात से जुड़े लोगों की सूचना मिली तो पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए मस्जिदों, मदरसों व अन्य संभावित जगहों पर जांच शुरू कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि कार्रवाई की डर से जमात से जुड़े लोगों को आश्रय मिलना बंद हो गया। पहले रामकोला क्षेत्र में नेपाल के रहने वाले अहमद हुसैन पुत्र ओली मुहम्मद, एमडी कमरुल हुसैन पुत्र अली हुसैन, मजेबुर रहमान पुत्र ताहिर, मो. तैयब पुत्र मो. दुखी, मो. रफीद रहमान पुत्र देवीलाल  मियां, इस्लाम मियां पुत्र नबुद मियां, मो. जावेद अख्तर पुत्र सफीउर्रहमान, नजीर पुत्र इस्लाम सहित बिहार के मधुबनी जिले के अब्दुल गफ्फार पुत्र गुल्ली को पकड़ सा. स्वास्थ्य केन्द्र सेवरही में क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया तो वही तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं को संरक्षण देने वाले हाटा कोतवाली क्षेत्र के शाकिर अली पुत्र हाजी हामिद अली, हाजी हामिद अली पुत्र स्व. महबूब अली, पडरौना क्षेत्र के सलाउद्दीन पुत्र खुदादीन, मो. साहिल पुत्र स्व. मु. अली व नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के निवासी रहमतुल्लाह पुत्र वसीर व शकीहुन नेशा पत्नी रहमतुल्लाह को पडरौना में क्वारंटाइन के लिए रखा गया हैं । इसके बाद असम प्रांत के रहने वाले हासिम पुत्र नाजीमुद्दीन, अशोदर अली पुत्र मजहर, सकीना खातून पत्नी हासिम,  जोहरा खातून पत्नी अजीमुल्लाह,रहीमा खातून पत्नी अरसद अली, मुस्मात फिरोजा खातून पत्नी फकरुद्दीन, अब्दुल सलाम पुत्र आमिर हुसेन, फखरुद्दीन पुत्र शेख अबुल कासिम, ऐजुलहक पुत्र जब्बार अली को गिरफ्तार कर उन्हें उदित नारायण डिग्री कालेज पडरौना में  क्वारंटाइन के लिए भेजा गया। इसके बाद भी जांच में ढिलाई नहीं हुई और इधर-उधर भटक रहे 11 लोगों को तुर्कपट्टी क्षेत्र से पकड़ा गया। इन सभी का कोरोना टेस्ट कराने के साथ ही क्वारंटीन किया गया। जिला प्रशासन ने एक तरफ जहां लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पूरी सख्ती बरती तो वहीं जरूरी सेवाओं की कमी के कारण लोग परेशान होकर घरों से बाहर न निकलें, इसके लिए सभी शहरी क्षेत्रों में राशन, सब्जी, दूध आदि के सुचारु वितरण के लिए ठेला वालों को लगाया गया। शुरूआत में थोड़ी दिक्कत आई लेकिन अब तो यह व्यवस्था इतना सुविधाजनक हो गया है कि लोगों को लॉक डाउन के दूसरे चरण में भी कहीं जरूरी सामानों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से की गई सारी कवायद तब तक निरर्थक होती, जब तक इसे लोगों का सहयोग नहीं मिलता। इस मामले में प्रशासन भी लोगों की तारीफ कर रहा है। बैंक से रुपया निकालने की बात छोड़ दें तो अधिकांश लोग स्वत: ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। घरों से बहुत जरूरी होने पर ही लोग बाहर निकल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में भी प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में अपेक्षाकृत कम मशक्कत करनी पड़ रही है। संकट काल में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मियों, डॉक्टरों आदि पर लोग पुष्प वर्षा कर उत्साह बढ़ाने में जुटे हैं। सभी का यह समन्वित प्रयास जिले को निरोग रखने में मददगार साबित हो रहा है। वही पुलिस कप्तान हर पल क्षेत्र का भ्रमण कर खुद ही निगरानी कर रहे हैं जिसका नतीजा है कि पुलिस भी सजग है और अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन करते हुए लाकडाउन का पालन कराने के लिए कही सख्ती दिखा रही है तो कही लाचार, भूखे, गरीबो की मदद कर मानवीय संवेदना भी प्रकट कर रही है। जिसके चलते लोग भी पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते निर्देशो का पालन कर रहे हैं। पुलिस कप्तान विनोद मिश्रा ने कहा कि आम लोगों की जान की हिफाजत के लिए ही प्रशासन 24 घंटे कार्य कर रहा है। सभी को पता है कि अभी तक इस बीमारी का कोई समुचित इलाज नहीं है। ऐसे में लोगों की सतर्कता व सावधानी ही बीमारी से विजय पाने का एकमात्र उपाय है। इसलिए संकट के इस दौर में सभी को अपनी जान की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग व स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है। जैसे ही अगल-बगल कोई संदिग्ध दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। साथ ही इस बात का ख्याल जरूर रखें कि संकट काल में प्रशासन को सही सूचना दें, जिससे कि समय व साधन का समुचित उपयोग हा सके।  लॉक डाउन जीवन के लिए जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस को सख्त उपाय अपनाने पड़ रहे हैं। इसे असुविधा न मानकर व्यवस्था का एक हिस्सा मानें। बेवजह बाहर न निकलें। इलाज व दवा के लिए जो जरूरी छूट दी गई है, उसका दुरुपयोग कत्तई न करें। कहीं एक छोटी सी चूक हजारों लोगों के लिए भारी पड़ सकती है। इसलिए धैर्य व समझदारी से काम लें। झूठी सूचना देकर या अफवाह फैलाकर व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि शासन के निदेशों के अक्षरशः पालन कराया जा रहा है, सोसल डिस्टेंन्टिंग के साथ ही आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करने की अपील करते हुए लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है। पुलिस का यही मिशन हैं कि कुशीनगर को कोरोना से मुक्त रखना है इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते शासन के निर्देशो का अनुपालन कराया जा रहा है।

कोरोना योद्धाओ के अथक प्रयास से कुशीनगर जनपद अब तक सुरक्षित।

कोरोना योद्धाओ के अथक प्रयास से कुशीनगर जनपद अब तक सुरक्षित
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एसपी की सख्ती व निगरानी से कही सख्त दिखी तो कही संवेदनशील नजर आई पुलिस

हर पल पुलिस रख रही नजर,लाकडाउन का करा रही पालन

कुशीनगर । एक ऐसा जनपद जो बिहार बार्डर के निकट है तो बौद्ध धर्म का अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली होने के चलते विदेशी पर्यटकों के आने से कोरोना के संक्रमण लिहाज से बेहद संवेदनशील है। बीते आठ मार्च को जिले में जब  मुख्यमंत्री आये थे तो उन्होंने भी बिहार बार्डर व बौद्ध पर्यटक स्थल को ध्यान में रखते हुए पहले से एहतियाती उपाय करने का निर्देश दे रखा था। कप्तान की सख्ती व भ्रमण, पुलिस की मुस्तैदी और लोगों की जागरूकता का ही नतीजा है कि अब तक कुशीनगर जिला कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित बना हुआ है। इसके बावजूद भी प्रशासन लगातार सक्रियता बरत रहा है और लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने से लेकर संदिग्धों की जांच कराने तक में तत्परता बरत रहा है।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थी और 17 मार्च को ही कुशीनगर के सभी मंदिरों व होटलों में आवागमन को प्रतिबंधित करते हुए वहां थर्मल स्क्रीनिंग भी शुरू करा दी थी। होटलों में पहले से हुई बुकिंग को रद्द कर दी गई थी। वही देश के दूसरे हिस्सों से घूमने आए लोगों की जांच कराकर वापस लौटा दिया गया । 22 मार्च को प्रधानमंत्री की अपील के बाद पूरा जिला पूर्णरुप से बंद रहा। जब कि अगले दिन से शुरू हुए लॉकडाउन का भी प्रशासन ने सख्ती से पालन कराया।  लॉकडाउन के बाद सबसे बड़ी समस्या थी कि यहां के अधिकतर लोग मजदूरी करने दूसरे प्रदेश में गये थे। देश के बड़े शहरों व औद्योगिक क्षेत्रों से शुरू हुए मजदूरों के पलायन के दौरान भी सबसे गंभीर संकट कुशीनगर के लिए ही था, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं। लगभग 12 हजार श्रमिक अपने घरों को वापस लौटे। प्रशासन ने वापस लौटने वाले अपने जिलों के लोगों की सूची बनाने के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार के लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराकर वाहनों के जरिए जल्दी से जल्दी बार्डर पार कराया। इस दौरान आम लोगों व बाहर से आने वालों के बीच दूरी बनी रहे, इसका ध्यान रखते हुए स्थानीय लोगों पर पूरी सख्ती बरती गई। जिला प्रशासन ने मार्च में विदेश से लौटे करीब डेढ़ सौ लोगों के घर टीम भेजकर उनकी जांच कराई। ओमान से लौटे कप्तानगंज क्षेत्र के एक व्यक्ति के साथी व बिहार प्रांत निवासी युवक के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना पर तुरंत ही उस व्यक्ति को आइसोलेशन वार्ड भेजने के साथ ही उसका कोरोना टेस्ट कराया गया और 14 दिन तक होम क्वारंटीन किया गया। इसके अलावा सोशल मीडिया समेत अन्य किसी भी माध्यम से संक्रमित होने की चर्चा में आए लोगों की भी जांच कराई गई। क्षय रोग विभाग के सुपरवाइजरों की टीम लगाकर विदेश से लौटे लगभग सभी लोगों की जांच कर रिपोर्ट तैयार हुई।
इन सब उपायों के बाद जैैसे जमात से जुड़े लोगों की सूचना मिली तो पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए मस्जिदों, मदरसों व अन्य संभावित जगहों पर जांच शुरू कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि कार्रवाई की डर से जमात से जुड़े लोगों को आश्रय मिलना बंद हो गया। पहले रामकोला क्षेत्र में नेपाल के रहने वाले अहमद हुसैन पुत्र ओली मुहम्मद, एमडी कमरुल हुसैन पुत्र अली हुसैन, मजेबुर रहमान पुत्र ताहिर, मो. तैयब पुत्र मो. दुखी, मो. रफीद रहमान पुत्र देवीलाल  मियां, इस्लाम मियां पुत्र नबुद मियां, मो. जावेद अख्तर पुत्र सफीउर्रहमान, नजीर पुत्र इस्लाम सहित बिहार के मधुबनी जिले के अब्दुल गफ्फार पुत्र गुल्ली को पकड़ सा. स्वास्थ्य केन्द्र सेवरही में क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया तो वही तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं को संरक्षण देने वाले हाटा कोतवाली क्षेत्र के शाकिर अली पुत्र हाजी हामिद अली, हाजी हामिद अली पुत्र स्व. महबूब अली, पडरौना क्षेत्र के सलाउद्दीन पुत्र खुदादीन, मो. साहिल पुत्र स्व. मु. अली व नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के निवासी रहमतुल्लाह पुत्र वसीर व शकीहुन नेशा पत्नी रहमतुल्लाह को पडरौना में क्वारंटाइन के लिए रखा गया हैं । इसके बाद असम प्रांत के रहने वाले हासिम पुत्र नाजीमुद्दीन, अशोदर अली पुत्र मजहर, सकीना खातून पत्नी हासिम,  जोहरा खातून पत्नी अजीमुल्लाह,रहीमा खातून पत्नी अरसद अली, मुस्मात फिरोजा खातून पत्नी फकरुद्दीन, अब्दुल सलाम पुत्र आमिर हुसेन, फखरुद्दीन पुत्र शेख अबुल कासिम, ऐजुलहक पुत्र जब्बार अली को गिरफ्तार कर उन्हें उदित नारायण डिग्री कालेज पडरौना में  क्वारंटाइन के लिए भेजा गया। इसके बाद भी जांच में ढिलाई नहीं हुई और इधर-उधर भटक रहे 11 लोगों को तुर्कपट्टी क्षेत्र से पकड़ा गया। इन सभी का कोरोना टेस्ट कराने के साथ ही क्वारंटीन किया गया। जिला प्रशासन ने एक तरफ जहां लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पूरी सख्ती बरती तो वहीं जरूरी सेवाओं की कमी के कारण लोग परेशान होकर घरों से बाहर न निकलें, इसके लिए सभी शहरी क्षेत्रों में राशन, सब्जी, दूध आदि के सुचारु वितरण के लिए ठेला वालों को लगाया गया। शुरूआत में थोड़ी दिक्कत आई लेकिन अब तो यह व्यवस्था इतना सुविधाजनक हो गया है कि लोगों को लॉक डाउन के दूसरे चरण में भी कहीं जरूरी सामानों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से की गई सारी कवायद तब तक निरर्थक होती, जब तक इसे लोगों का सहयोग नहीं मिलता। इस मामले में प्रशासन भी लोगों की तारीफ कर रहा है। बैंक से रुपया निकालने की बात छोड़ दें तो अधिकांश लोग स्वत: ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। घरों से बहुत जरूरी होने पर ही लोग बाहर निकल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में भी प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में अपेक्षाकृत कम मशक्कत करनी पड़ रही है। संकट काल में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मियों, डॉक्टरों आदि पर लोग पुष्प वर्षा कर उत्साह बढ़ाने में जुटे हैं। सभी का यह समन्वित प्रयास जिले को निरोग रखने में मददगार साबित हो रहा है। वही पुलिस कप्तान हर पल क्षेत्र का भ्रमण कर खुद ही निगरानी कर रहे हैं जिसका नतीजा है कि पुलिस भी सजग है और अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन करते हुए लाकडाउन का पालन कराने के लिए कही सख्ती दिखा रही है तो कही लाचार, भूखे, गरीबो की मदद कर मानवीय संवेदना भी प्रकट कर रही है। जिसके चलते लोग भी पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते निर्देशो का पालन कर रहे हैं। पुलिस कप्तान विनोद मिश्रा ने कहा कि आम लोगों की जान की हिफाजत के लिए ही प्रशासन 24 घंटे कार्य कर रहा है। सभी को पता है कि अभी तक इस बीमारी का कोई समुचित इलाज नहीं है। ऐसे में लोगों की सतर्कता व सावधानी ही बीमारी से विजय पाने का एकमात्र उपाय है। इसलिए संकट के इस दौर में सभी को अपनी जान की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग व स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है। जैसे ही अगल-बगल कोई संदिग्ध दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। साथ ही इस बात का ख्याल जरूर रखें कि संकट काल में प्रशासन को सही सूचना दें, जिससे कि समय व साधन का समुचित उपयोग हा सके।  लॉक डाउन जीवन के लिए जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस को सख्त उपाय अपनाने पड़ रहे हैं। इसे असुविधा न मानकर व्यवस्था का एक हिस्सा मानें। बेवजह बाहर न निकलें। इलाज व दवा के लिए जो जरूरी छूट दी गई है, उसका दुरुपयोग कत्तई न करें। कहीं एक छोटी सी चूक हजारों लोगों के लिए भारी पड़ सकती है। इसलिए धैर्य व समझदारी से काम लें। झूठी सूचना देकर या अफवाह फैलाकर व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि शासन के निदेशों के अक्षरशः पालन कराया जा रहा है, सोसल डिस्टेंन्टिंग के साथ ही आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करने की अपील करते हुए लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है। पुलिस का यही मिशन हैं कि कुशीनगर को कोरोना से मुक्त रखना है इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते शासन के निर्देशो का अनुपालन कराया जा रहा है।

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने लॉक डाउन पर छूट की खबरों को बताया भ्रामक,बिना पास के बाहर निकलने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने लॉक डाउन पर छूट की खबरों को बताया भ्रामक
SEK IN INDIA NEWS संवादाता रामआधार द्रिवेदी
 बिना पास के बाहर निकलने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

चल रहे लॉक डाउन के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 20 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन के द्वारा समीक्षा करते हुए कुछ आवश्यक छूट उपलब्ध कराने की बात कही गई थी जिसको लेकर आम जनमानस में अलग-अलग तरह की चर्चाएं जारी थी *जिलाधिकारी कुशीनगर भूपेंद्र एस चौधरी ने उक्त संदर्भ में स्पष्ट निर्देश देते हुए बताया की ऐसे छोटे उद्योग जिनके सभी कर्मियों को एक ही कैंपस में रखने एवं उनके भोजन आदि की व्यवस्था कैंपस के भीतर ही सुनिश्चित कराने की सभी सुविधाएं उपलब्ध है उनको संचालित करने के लिए आवश्यक शर्तों पर अनुमति दी जा सकती है* परंतु इसके लिए संबंधित संचालकों के द्वारा वेबसाइट का पूर्ण अध्ययन करते हुए उसके मानकों पर खरा उतर कर अनुमति हेतु आवेदन करना होगा तत्पश्चात कि उन्हें अनुमति दी जा सकेगी यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी प्रकार के संस्था उद्योग को संचालित करता हुआ पाया गया तो उस पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी 


*पुलिस अधीक्षक कुशीनगर विनोद कुमार मिश्र लॉक डाउन में किसी भी प्रकार की छूट देने संबंधी बातों को भ्रामक बताया है और इसका खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी कोई लॉक डाउन का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो* सुसंगत धाराओं में कठोर कार्रवाई की जायेगी

*पुलिस अधीक्षक श्री मिश्र के द्वारा जनपद के सभी थाना के प्रभारी  निरीक्षकों चौकी प्रभारियों को निर्देश देते हुए कहां गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बैंक को तथा उस पर लगे सीसीटीवी कैमरा सायरन एवं आसपास के संदिग्ध व्यक्तियों वाहनों को चेक करें तथा कोरोनावायरस से बचाव लाक डाउन तथा सोशल डिस्टेंसइन का पालन करने हेतु आम जनमानस को जागरूक करें सभी को यह भी बताएं कि बिना मास्क या फेस कवर लगाए कोई बाहर नहीं निकल सकता अन्यथा उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जाएगी इस संदर्भ में जनपद पुलिस द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में अनुपालन करना सुनिश्चित किया गया।*

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने लॉक डाउन पर छूट की खबरों को बताया भ्रामक,बिना पास के बाहर निकलने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने लॉक डाउन पर छूट की खबरों को बताया भ्रामक
SEK IN INDIA NEWS संवादाता रामआधार द्रिवेदी
 बिना पास के बाहर निकलने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

चल रहे लॉक डाउन के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 20 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन के द्वारा समीक्षा करते हुए कुछ आवश्यक छूट उपलब्ध कराने की बात कही गई थी जिसको लेकर आम जनमानस में अलग-अलग तरह की चर्चाएं जारी थी *जिलाधिकारी कुशीनगर भूपेंद्र एस चौधरी ने उक्त संदर्भ में स्पष्ट निर्देश देते हुए बताया की ऐसे छोटे उद्योग जिनके सभी कर्मियों को एक ही कैंपस में रखने एवं उनके भोजन आदि की व्यवस्था कैंपस के भीतर ही सुनिश्चित कराने की सभी सुविधाएं उपलब्ध है उनको संचालित करने के लिए आवश्यक शर्तों पर अनुमति दी जा सकती है* परंतु इसके लिए संबंधित संचालकों के द्वारा वेबसाइट का पूर्ण अध्ययन करते हुए उसके मानकों पर खरा उतर कर अनुमति हेतु आवेदन करना होगा तत्पश्चात कि उन्हें अनुमति दी जा सकेगी यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी प्रकार के संस्था उद्योग को संचालित करता हुआ पाया गया तो उस पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी 


*पुलिस अधीक्षक कुशीनगर विनोद कुमार मिश्र लॉक डाउन में किसी भी प्रकार की छूट देने संबंधी बातों को भ्रामक बताया है और इसका खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी कोई लॉक डाउन का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो* सुसंगत धाराओं में कठोर कार्रवाई की जायेगी

*पुलिस अधीक्षक श्री मिश्र के द्वारा जनपद के सभी थाना के प्रभारी  निरीक्षकों चौकी प्रभारियों को निर्देश देते हुए कहां गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बैंक को तथा उस पर लगे सीसीटीवी कैमरा सायरन एवं आसपास के संदिग्ध व्यक्तियों वाहनों को चेक करें तथा कोरोनावायरस से बचाव लाक डाउन तथा सोशल डिस्टेंसइन का पालन करने हेतु आम जनमानस को जागरूक करें सभी को यह भी बताएं कि बिना मास्क या फेस कवर लगाए कोई बाहर नहीं निकल सकता अन्यथा उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जाएगी इस संदर्भ में जनपद पुलिस द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में अनुपालन करना सुनिश्चित किया गया।*

जिलाधिकारी औऱ पुलिस अधीक्षक ने किया टोल प्लाजा सलेमगढ़ का निरीक्षण

जिलाधिकारी औऱ पुलिस अधीक्षक ने किया टोल प्लाजा  सलेमगढ़ का निरीक्षण

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अभी अभी टोल प्लाजा राष्ट्रीय राज मार्ग 28 सलेमगढ़ का निरीक्षण जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने किया निरीक्षण। *पुलिस अधीक्षक कुशीनगर विनोद कुमार मिश्र ने टोल प्लाजा पर *सीमा सील डियूटी पर तैनात निरीक्षक करूरेश प्रताप सिंह से लिया आवश्यक जानकारियां, बोले किसी कीमत पर बंगाल और प्रदेश से आने वाले लोगो को प्रबेश पर लगें, रोक, वाहनों की हो सघन जांच। बिना पास वाले वाहनों को सीमा में प्रबेश न होने दी जाय ।*
DM व SP KSN द्वारा कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के राष्ट्रीय राजमार्ग 28 सलेमगढ़ टोला प्लाजा का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा अन्य राज्यों से आने वाले लोगों/ वाहनों का सघन जाँच व सतर्क दृष्टि रखने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव।   जनपद कुशीनगर के ग्रामसभा ठाड़ीभार ...