SEK IN INDIA NEWS

जिला विकाश अधिकारी सहित डीपीआरओ ने जूस पिला कर करवाया आमरण अनशन समाप्त

              SEK IN INDIA NEWS
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश में अगर देखा जाय तो जनहित में तमाम जनसमस्याएं है। जिनपर अधिकारियों की नजर नही रहती लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले समाजसेवी अपनी मांग अधिकारियों से रखते है पूरा न होने पर मजबूर होकर समाज सेवी धरना प्रदर्शन आमरण अनशन को मजबूर हो जाते है। ठीक उसी तरह का एक मामला आज चार दिनों से जिलाधिकारी कार्यालय पर एक समाज सेवी द्वारा आमरण अनशन किया गया जारहा जिसमे आज शुबह 10 बजे मौके पर अधिकारियो ने पहुंच कर समाजसेवी को जूस पिला कर अनशन को तोड़वाने का काम किया है। बतादूं कि आज जनपद कुशीनगर के विकाश खण्ड सेवरही निवासी मोहन तिवारी पुत्र रामशंकर तिवारी ने आज के चार दिन पूर्व अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसमें आज जिला विकाश अधिकारी के पहल पर मौके पर जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र कुमार द्विवेदी उक्त विकाश खण्ड के एडीओ पंचायत लल्लन यादव,मुखय चिकित्सा अधिकारी,बिजली विभाग के एक्सईएन पडरौना सुनील चंद्र श्रीवास्तव,जिला कार्यक्रम कार्यालय से मौके पर पहुंच कर लोगो ने उनकी सभी मानगो को जायज बताते हुवे त्वरित पूरा करने का आश्वाशन दिया साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी व जिला विकाश अधिकारी ने जूस पिला कर आमरण अनशन खत्म करवाया जिसपर उक्त समाजसेवी ने तुरंत आमरण अनशन खत्म करवाया।

जिला विकाश अधिकारी सहित डीपीआरओ ने जूस पिला कर करवाया आमरण अनशन समाप्त

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कुशीनगर: उत्तर प्रदेश में अगर देखा जाय तो जनहित में तमाम जनसमस्याएं है। जिनपर अधिकारियों की नजर नही रहती लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले समाजसेवी अपनी मांग अधिकारियों से रखते है पूरा न होने पर मजबूर होकर समाज सेवी धरना प्रदर्शन आमरण अनशन को मजबूर हो जाते है। ठीक उसी तरह का एक मामला आज चार दिनों से जिलाधिकारी कार्यालय पर एक समाज सेवी द्वारा आमरण अनशन किया गया जारहा जिसमे आज शुबह 10 बजे मौके पर अधिकारियो ने पहुंच कर समाजसेवी को जूस पिला कर अनशन को तोड़वाने का काम किया है। बतादूं कि आज जनपद कुशीनगर के विकाश खण्ड सेवरही निवासी मोहन तिवारी पुत्र रामशंकर तिवारी ने आज के चार दिन पूर्व अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसमें आज जिला विकाश अधिकारी के पहल पर मौके पर जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र कुमार द्विवेदी उक्त विकाश खण्ड के एडीओ पंचायत लल्लन यादव,मुखय चिकित्सा अधिकारी,बिजली विभाग के एक्सईएन पडरौना सुनील चंद्र श्रीवास्तव,जिला कार्यक्रम कार्यालय से मौके पर पहुंच कर लोगो ने उनकी सभी मानगो को जायज बताते हुवे त्वरित पूरा करने का आश्वाशन दिया साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी व जिला विकाश अधिकारी ने जूस पिला कर आमरण अनशन खत्म करवाया जिसपर उक्त समाजसेवी ने तुरंत आमरण अनशन खत्म करवाया।

ग्रामीणों ने भाई पर लगाया हत्या का आरोप

ग्रामीणों ने भाई पर लगाया हत्या का आरोप
                  युवक का फाइल फोटो
कुशीनगर: विशुनपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बांसगांव टोला कोइलहवां के ग्रामीणों ने बड़े भाई पर छोटे भाई की हत्या कर शव को गायब करने का आरोप लगाया है।
शनिवार को गांव के अशोक कुशवाहा समेत 10 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त दिए गए तहरीर में लिखा है कि रामायण कुशवाहा का छोटा बेटा विनोद पिछले रविवार से गायब है। बड़े भाई पर हत्या का संदेह जताते हुए मामले की जांच करने की मांग की है। प्रभारी थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार राय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

ग्रामीणों ने भाई पर लगाया हत्या का आरोप

ग्रामीणों ने भाई पर लगाया हत्या का आरोप
                  युवक का फाइल फोटो
कुशीनगर: विशुनपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बांसगांव टोला कोइलहवां के ग्रामीणों ने बड़े भाई पर छोटे भाई की हत्या कर शव को गायब करने का आरोप लगाया है।
शनिवार को गांव के अशोक कुशवाहा समेत 10 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त दिए गए तहरीर में लिखा है कि रामायण कुशवाहा का छोटा बेटा विनोद पिछले रविवार से गायब है। बड़े भाई पर हत्या का संदेह जताते हुए मामले की जांच करने की मांग की है। प्रभारी थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार राय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

हाथरस कांड: जब जीभ काटी गई तो ब्यान कैसे दर्ज हुआ, आरोपी के परिजन

हाथरस कांड: आरोपियों के परिजन बोले-'हमारे लड़के निर्दोष है, इन्हें झूठा फंसाया गया है', 

                शान ए कुशीनगर न्यूज
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा कोतवाली इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में आरोपियों के परिवार वाले सामने आए हैं, आरोपियों के परिजन शुरू से ही इस पूरे घटनाक्रम में अपने बेटों को अलग बता रहे हैं। उनके बेटे क्या कर रहे थे, इस बारे में भी वह बता रहे हैं। जब आरोपियों के परिजनों से बात की गई तो वह बता रहे हैं कि कोई भी नामजद वहां नहीं था। सब अलग-अलग काम में व्यस्त थे। 
मेरा बेटा तो चिलर प्लांट पर कर रहा था ड्यूटी: राकेश
जेल में बंद आरोपी रामू के पिता राकेश का कहना है कि उनका बेटा रामू तो एक चिलर प्लांट में नौकरी करता है। जिस दिन यह घटना हुई, वह उस दिन भी ड्यूटी पर था। चिलर प्लांट में उसके साथ के और कर्मचारी व मैनेजर इस बात के गवाह हैं। वहां के रजिस्टर में उसकी हाजिरी दर्ज है। उनके बेटे को बिना वजह फंसा दिया गया है। यही नहीं जब धारा 307 का मुकदमा 14 सितंबर को दर्ज हो गया तो दो दिन बाद मुझे और मेरे बेटे को पुलिस ले गई। जब हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो पुलिस ने 20 सितंबर को हमें छोड़ भी दिया, लेकिन इसके बाद उनके बेटे का नाम बयान में बढ़ा दिया और फिर बेटे को पुलिस 26 सितंबर को पकड़ कर ले गई।
जब जीभ काटी गई तो फिर बयान कैसे दे दिए: गुड्डू
इस कांड के मुख्य आरोपी संदीप के पिता गुड्डू का कहना है कि उनका बेटा पूरी तरह से निर्दोष है।जिस समय शोर शराबा हुआ, उनका बेटा गाय को पानी पिला रहा था। उनके बेटे के खिलाफ शुरू में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया। यह भी आरोप लगा कि पीड़िता की जीभ काटी गई है। यदि लड़की की जीभ कटी हुई थी तो उसने बयान कैसे दे दिए। थाने पर कुछ अस्पताल में कुछ और फिर मेडिकल कॉलेज में कुछ और आखिर अलग-अलग बयान दिए। तीन और लोगों के नाम बाद में जोड़े गए। 
जब किसी की बेटी तड़प रही होगी तो क्या उसकी मां चारा काटेगी: मुन्नी
इस कांड के एक अन्य अभियुक्त लवकुश की मां मुन्नी देवी का कहना है कि वह 14 सितंबर को अपने बेटे लवकुश के साथ खेत में बाजरा काट रही थी। इस बीच शोर सुनकर हम भी भागकर गए। वहां लड़की की मां खेत में चारा काट रही थी। हम भी गए देखने गए। लड़की खेत में पड़ी थी। भाई घर गठरी लेकर आ गया था। जब किसी मां का बच्चा परेशान होगा तो क्या वह खेत में चारा काटेगी। आखिर उसने उस समय शोर क्यों नहीं मचाया। मैं उस समय अपने बेटे से बोली कि पानी लाकर दे दे तो मेरे बेटे ने पॉलीथिन में पानी लाकर बिटिया की मां को दिया है कि लो पिला दो, इसे। इसके बाद मुझे नहीं मालूम कि क्या हुआ। आठ दिन बाद पुलिस मेरे बेटे को घर से पकड़ कर ले गई।
घटना के वक्त रवि घर में काट रहा था चारा: अतर सिंह
रवि के पिता अतर सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले से हमारे कोई मतलब नहीं है। हमारे परिवार से वर्ष 2001 में झगड़ा हुआ था। उस समय से ही यह लोग रंजिश मानते हैं। उस समय भी रवि को झूठा फंसाया गया था और वह जेल भी गया था। इसके बाद इस बार भी उसका नाम बाद में लिखवा दिया गया। वह भी झूठी बयानबाजी कर। घटना के वक्त रवि तो घर में चारा काट रहा था। जब और लोगों की नामजदगी हुई तो रवि को पुलिस पकड़कर ले गई।

हाथरस कांड: जब जीभ काटी गई तो ब्यान कैसे दर्ज हुआ, आरोपी के परिजन

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                शान ए कुशीनगर न्यूज
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा कोतवाली इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में आरोपियों के परिवार वाले सामने आए हैं, आरोपियों के परिजन शुरू से ही इस पूरे घटनाक्रम में अपने बेटों को अलग बता रहे हैं। उनके बेटे क्या कर रहे थे, इस बारे में भी वह बता रहे हैं। जब आरोपियों के परिजनों से बात की गई तो वह बता रहे हैं कि कोई भी नामजद वहां नहीं था। सब अलग-अलग काम में व्यस्त थे। 
मेरा बेटा तो चिलर प्लांट पर कर रहा था ड्यूटी: राकेश
जेल में बंद आरोपी रामू के पिता राकेश का कहना है कि उनका बेटा रामू तो एक चिलर प्लांट में नौकरी करता है। जिस दिन यह घटना हुई, वह उस दिन भी ड्यूटी पर था। चिलर प्लांट में उसके साथ के और कर्मचारी व मैनेजर इस बात के गवाह हैं। वहां के रजिस्टर में उसकी हाजिरी दर्ज है। उनके बेटे को बिना वजह फंसा दिया गया है। यही नहीं जब धारा 307 का मुकदमा 14 सितंबर को दर्ज हो गया तो दो दिन बाद मुझे और मेरे बेटे को पुलिस ले गई। जब हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो पुलिस ने 20 सितंबर को हमें छोड़ भी दिया, लेकिन इसके बाद उनके बेटे का नाम बयान में बढ़ा दिया और फिर बेटे को पुलिस 26 सितंबर को पकड़ कर ले गई।
जब जीभ काटी गई तो फिर बयान कैसे दे दिए: गुड्डू
इस कांड के मुख्य आरोपी संदीप के पिता गुड्डू का कहना है कि उनका बेटा पूरी तरह से निर्दोष है।जिस समय शोर शराबा हुआ, उनका बेटा गाय को पानी पिला रहा था। उनके बेटे के खिलाफ शुरू में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया। यह भी आरोप लगा कि पीड़िता की जीभ काटी गई है। यदि लड़की की जीभ कटी हुई थी तो उसने बयान कैसे दे दिए। थाने पर कुछ अस्पताल में कुछ और फिर मेडिकल कॉलेज में कुछ और आखिर अलग-अलग बयान दिए। तीन और लोगों के नाम बाद में जोड़े गए। 
जब किसी की बेटी तड़प रही होगी तो क्या उसकी मां चारा काटेगी: मुन्नी
इस कांड के एक अन्य अभियुक्त लवकुश की मां मुन्नी देवी का कहना है कि वह 14 सितंबर को अपने बेटे लवकुश के साथ खेत में बाजरा काट रही थी। इस बीच शोर सुनकर हम भी भागकर गए। वहां लड़की की मां खेत में चारा काट रही थी। हम भी गए देखने गए। लड़की खेत में पड़ी थी। भाई घर गठरी लेकर आ गया था। जब किसी मां का बच्चा परेशान होगा तो क्या वह खेत में चारा काटेगी। आखिर उसने उस समय शोर क्यों नहीं मचाया। मैं उस समय अपने बेटे से बोली कि पानी लाकर दे दे तो मेरे बेटे ने पॉलीथिन में पानी लाकर बिटिया की मां को दिया है कि लो पिला दो, इसे। इसके बाद मुझे नहीं मालूम कि क्या हुआ। आठ दिन बाद पुलिस मेरे बेटे को घर से पकड़ कर ले गई।
घटना के वक्त रवि घर में काट रहा था चारा: अतर सिंह
रवि के पिता अतर सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले से हमारे कोई मतलब नहीं है। हमारे परिवार से वर्ष 2001 में झगड़ा हुआ था। उस समय से ही यह लोग रंजिश मानते हैं। उस समय भी रवि को झूठा फंसाया गया था और वह जेल भी गया था। इसके बाद इस बार भी उसका नाम बाद में लिखवा दिया गया। वह भी झूठी बयानबाजी कर। घटना के वक्त रवि तो घर में चारा काट रहा था। जब और लोगों की नामजदगी हुई तो रवि को पुलिस पकड़कर ले गई।

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है।

हाथरस कांड में बड़ा खुलासा, पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट Image Source : FILE PHOTO
IndiaTV Hindi Desk 10 Oct 2020, 10:03:12 IST

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की फिलहाल जांच चल रही है इस बीच जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है। वह अपने नाम के आगे डॉ. लिखती है और 16 सितंबर से हाथरस पीड़िता के परिवार का हिस्सा बनकर रह रही थी। उसने कोविड के बहाने चेहरा ढककर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया था। इंटरव्यू में उसने कई भड़काऊं बातें कही थी, इतना ही नहीं गांव वालों को भी फर्जी अफवाहों से भड़काया था। पुलिस के जांच शुरू करते ही वह लापता हो गई। फिलहाल पुलिस उस एक्टिविस्ट की तलाश कर रही है।

एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर महिला एक्टिविस्ट बड़ी साजिश रच रही थी। एसआईटी के सूत्र बताते हैं कि महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट पीड़िता के गांव पहुंच गई थी। आरोप है कि पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। 

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