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UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन


UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
                दुर्घटना ग्रस्त की तस्वीर
उत्तर प्रदेश जनपद कुशीनगर में रविवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। ग्राम धोकरहा टोला चकदहवा के समीप बालू लदी ट्रैक्टर पलटने से मौके पर ही दो लोगों की ट्रेक्टर से दबकर मौत हो गई। मृतकों को देखकर वहां मौजूद लोग सहम गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों को निकालने की कोशिश की तो मृतकों के परिजन व ग्रामीण सक्षम अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग  पर अड़ गए।
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ट्रैक्टर मालिक दिन रात ट्रैक्टर चलवाते थे जिसके चलते ये दर्दनाक घटना घटीत हुई है। मृतकों की पहचान विरेंद्र उम्र (30) वर्ष पुत्र रामनाथ प्रसाद निवासी धोकरहा टोला चकदहवा व कुमरेश उम्र(32)वर्ष पुत्र बुन्नीलाल कुशवाहा धोकरहा टोला कतरा के निवासी के रुप में हुई है। खबर लिखे जाने तक शव ट्रैक्टर में ही दबा हुआ था। परिजनों का कहना है कि जब तक डीएम मौके पर नही आएंगे तब तक शव नहीं निकलेगा।

UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन


UP: कुशीनगर अवैध बालू लदा ट्रक्टर पलटने से दो लोगो की मौत। कुशीनगर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
                दुर्घटना ग्रस्त की तस्वीर
उत्तर प्रदेश जनपद कुशीनगर में रविवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। ग्राम धोकरहा टोला चकदहवा के समीप बालू लदी ट्रैक्टर पलटने से मौके पर ही दो लोगों की ट्रेक्टर से दबकर मौत हो गई। मृतकों को देखकर वहां मौजूद लोग सहम गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों को निकालने की कोशिश की तो मृतकों के परिजन व ग्रामीण सक्षम अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग  पर अड़ गए।
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ट्रैक्टर मालिक दिन रात ट्रैक्टर चलवाते थे जिसके चलते ये दर्दनाक घटना घटीत हुई है। मृतकों की पहचान विरेंद्र उम्र (30) वर्ष पुत्र रामनाथ प्रसाद निवासी धोकरहा टोला चकदहवा व कुमरेश उम्र(32)वर्ष पुत्र बुन्नीलाल कुशवाहा धोकरहा टोला कतरा के निवासी के रुप में हुई है। खबर लिखे जाने तक शव ट्रैक्टर में ही दबा हुआ था। परिजनों का कहना है कि जब तक डीएम मौके पर नही आएंगे तब तक शव नहीं निकलेगा।

जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना। कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।

कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना

जिला कारागार में देवरिया

देवरिया। जेल में बंद कैदियों को सजा से बड़ी सजा मिल रही है। जब उनके सामने कच्ची और सूखी रोटियां और घांस फुस से बनी सब्जी आतीं हैं तो कैदी मन मसोस कर खाते हैं। इस पीड़ा को कहें तो किससे कहें आखिर सवाल जो पापी पेट का है। ठंड में सबसे ज्यादा सांसत बूढ़े कैदियों की है।
जनपद कारागार में देवरिया और कुशीनगर के कैदी बंद हैं। जेल की क्षमता 530 कैदियों की रखने की है, लेकिन यहां 1500 से अधिक कैदी बंद हैं। लगभग 100 महिला बंदी शामिल हैं। कुछ कैदी सत्तर की उम्र पार कर चुके हैं। इसमें कुछ सजायाफ्ता हैं। ठंड का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर निकलना नहीं चाहते हैं। ऐसे में जेल प्रशासन कैदियों की भारी-भरकम संख्या को देखते समय से पहले भोजन बनवाना शुरू कर देता है। सुबह छह बजे के करीब भोजन बनना शुरू हो जाता है। दोपहर में 12 बजे के करीब कैदियों के सामने भोजन की थाली परोसी जाती है। आलम यह है कि इनमें कुछ रोटियां बेतरतीब जली तो कुछ इतने कच्चे जो दांत में चिपक जाते हैं इतना ही नही सुखी रोटियों के साथ बनी सब्जी और दाल खाना तो दूर कोई देखना भी पसंद नही करता। सुबह की ये रोटियां जब थाल में पहुंचती हैं तो सूख जातीं हैं। जिनसे बूढ़े इसे खा भी नहीं पाते हैं। यही हाल शाम के भोजन का भी है। सूत्रों ने बताया कि कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण आटे को पूरी तरह से गूंथा नहीं जाता है। दाल और सब्जियों को जेल आने से पहले ही जेल प्रशासन एक तिहाई हिस्से का कालाबजारी करके बेच दिया जाता है। हाल ही में जेल से रिहा हो कर आये कुशीनगर के एक कैदी ने नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर बताया कि जेल में मिलने वाली रोटी दाल सब्जी इतनी बुरी होती है कि लोग खाना तो दूर देखना पसंद नही करते परंतु पापी पेट की भूख मिटाने के लिए कैदी मजबूरन  नमक मिर्च के साथ केवल रोटी खाते है। रिहा हो कर घर लौटे ब्यक्ति ने रोते विलखते हुए बताया कि। हद तो तब हो गई जब एक कैदी ने इसकी शिकायत वीडियो कांफ्रेंसिक के जरिये मजिस्टेट से कर दी शिकायत करने के तुरंत बाद ही जेल अधीक्षक के चहेते सजा यापता बब्लू शर्मा ने शिकायत कर्ता को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से घसीटते हुए बाहर ला कर इतनी पिटाई की गई कि शिकायत कर्ता हफ़्तों तक जेल के अस्पताल मे भर्ती रहा। वे बताते हैं कि रोटी का निचला हिस्सा जला तो ऊपरी हिस्सा कच्चा ही रहता है। दाल से पानी का मेल नहीं होता है। रोटी बनने के छह घंटे के बाद वह कैदियों की थाली में आता है। जेल से बेल पर घर आए कुशीनगर का एक ब्यक्ति का कहना है कि रोटी सूखी होने के कारण उसे खा भी नहीं पाते हैं। एक दशक से जेल में बंद थे लेकिन रोटी में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। हाल ही में बेल पर घर लौटे अशोक उर्फ गुड्डू कुशवाहा का कहना है कि जेल का खाना गरीबों के लिए कष्टदायी है। अमीर कैदी तो सिपाहियों से मिलकर गर्म रोटियां बनवा लेते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल में करीब पांच कुंटल आटा प्रतिदिन लगता है। मानक यह है कि काम करने वाले कैदियाें को 3.50 ग्राम आटा और बिना काम करने वालों को 2.70 ग्राम प्रति के हिसाब से मिलना चाहिए, लेकिन चार सूखी रोटियां ही उन्हें नसीब होतीं हैं।

जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना। कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।

कैदियों के भोजन पर डांका बादस्तूर जारी है।जेल की सजा से ‘कड़ी सजा’ है घांस फुस की सब्जी दाल औऱ रोटी खाना

जिला कारागार में देवरिया

देवरिया। जेल में बंद कैदियों को सजा से बड़ी सजा मिल रही है। जब उनके सामने कच्ची और सूखी रोटियां और घांस फुस से बनी सब्जी आतीं हैं तो कैदी मन मसोस कर खाते हैं। इस पीड़ा को कहें तो किससे कहें आखिर सवाल जो पापी पेट का है। ठंड में सबसे ज्यादा सांसत बूढ़े कैदियों की है।
जनपद कारागार में देवरिया और कुशीनगर के कैदी बंद हैं। जेल की क्षमता 530 कैदियों की रखने की है, लेकिन यहां 1500 से अधिक कैदी बंद हैं। लगभग 100 महिला बंदी शामिल हैं। कुछ कैदी सत्तर की उम्र पार कर चुके हैं। इसमें कुछ सजायाफ्ता हैं। ठंड का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर निकलना नहीं चाहते हैं। ऐसे में जेल प्रशासन कैदियों की भारी-भरकम संख्या को देखते समय से पहले भोजन बनवाना शुरू कर देता है। सुबह छह बजे के करीब भोजन बनना शुरू हो जाता है। दोपहर में 12 बजे के करीब कैदियों के सामने भोजन की थाली परोसी जाती है। आलम यह है कि इनमें कुछ रोटियां बेतरतीब जली तो कुछ इतने कच्चे जो दांत में चिपक जाते हैं इतना ही नही सुखी रोटियों के साथ बनी सब्जी और दाल खाना तो दूर कोई देखना भी पसंद नही करता। सुबह की ये रोटियां जब थाल में पहुंचती हैं तो सूख जातीं हैं। जिनसे बूढ़े इसे खा भी नहीं पाते हैं। यही हाल शाम के भोजन का भी है। सूत्रों ने बताया कि कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण आटे को पूरी तरह से गूंथा नहीं जाता है। दाल और सब्जियों को जेल आने से पहले ही जेल प्रशासन एक तिहाई हिस्से का कालाबजारी करके बेच दिया जाता है। हाल ही में जेल से रिहा हो कर आये कुशीनगर के एक कैदी ने नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर बताया कि जेल में मिलने वाली रोटी दाल सब्जी इतनी बुरी होती है कि लोग खाना तो दूर देखना पसंद नही करते परंतु पापी पेट की भूख मिटाने के लिए कैदी मजबूरन  नमक मिर्च के साथ केवल रोटी खाते है। रिहा हो कर घर लौटे ब्यक्ति ने रोते विलखते हुए बताया कि। हद तो तब हो गई जब एक कैदी ने इसकी शिकायत वीडियो कांफ्रेंसिक के जरिये मजिस्टेट से कर दी शिकायत करने के तुरंत बाद ही जेल अधीक्षक के चहेते सजा यापता बब्लू शर्मा ने शिकायत कर्ता को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से घसीटते हुए बाहर ला कर इतनी पिटाई की गई कि शिकायत कर्ता हफ़्तों तक जेल के अस्पताल मे भर्ती रहा। वे बताते हैं कि रोटी का निचला हिस्सा जला तो ऊपरी हिस्सा कच्चा ही रहता है। दाल से पानी का मेल नहीं होता है। रोटी बनने के छह घंटे के बाद वह कैदियों की थाली में आता है। जेल से बेल पर घर आए कुशीनगर का एक ब्यक्ति का कहना है कि रोटी सूखी होने के कारण उसे खा भी नहीं पाते हैं। एक दशक से जेल में बंद थे लेकिन रोटी में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। हाल ही में बेल पर घर लौटे अशोक उर्फ गुड्डू कुशवाहा का कहना है कि जेल का खाना गरीबों के लिए कष्टदायी है। अमीर कैदी तो सिपाहियों से मिलकर गर्म रोटियां बनवा लेते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल में करीब पांच कुंटल आटा प्रतिदिन लगता है। मानक यह है कि काम करने वाले कैदियाें को 3.50 ग्राम आटा और बिना काम करने वालों को 2.70 ग्राम प्रति के हिसाब से मिलना चाहिए, लेकिन चार सूखी रोटियां ही उन्हें नसीब होतीं हैं।

LIVE Kisan Tractor March: दिल्ली में घुस गए किसान। अब घमसान

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है। 

LIVE Kisan Tractor March: 

टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल

टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। 

LIVE Kisan Tractor March: किसानों का ट्रैक्टर मार्च देखकर पुलिस हुई सख्त, रोके गए प्रदर्शनकारी

दिल्ली पुलिस के जवान ही किसान नेताओं के वाहनों को रास्ता देते नजर आए। दिल्ली लंबे समय के बाद टीकरी बॉर्डर का नजारा सोमवार को कुछ बदला-बदला नजर आया। सोमवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बार्डर पर बदलाव भी होता चला गया और देर शाम तक दिल्ली आने वाले रास्ते को लगभग साफ कर दिया गया था। नई दिल्ली, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है।  
 टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल
टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।
मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।
वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि
तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस तरह तीनों बॉर्डर से कुल 15 ,000 ट्रैक्टर को दिल्ली प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है।
तय अनुमति पत्र/ NOC के मुताबिक. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक के लिए ही टैक्टर परेड की अनुमति दी गई है। किसान नेताओं से यह भी कहा गया है कि वे ढाई हजार वालंटियर सभी रूटों लगाएं।
परेड के दौरान आंदोलनकारियों को एक लेन छोड़नी पड़ेगी, एम्बुलेंस या इमरजेंसी वाहन के लिए। कोई आपत्तिजनक पोस्टर या बैनर किसी भी वाहन में नहीं लगाना होगा। रैली में कोई ड्रग्स/ शराब का सेवन नहीं करेगा। कोई भी शख्स गाड़ी के साथ स्टंट नहीं करेगा। कोई भी विस्फोटक सहित हथियार अपने साथ लेकर परेड में नहीं आएगा।

LIVE Kisan Tractor March: दिल्ली में घुस गए किसान। अब घमसान

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है। 

LIVE Kisan Tractor March: 

टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल

टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। 

LIVE Kisan Tractor March: किसानों का ट्रैक्टर मार्च देखकर पुलिस हुई सख्त, रोके गए प्रदर्शनकारी

दिल्ली पुलिस के जवान ही किसान नेताओं के वाहनों को रास्ता देते नजर आए। दिल्ली लंबे समय के बाद टीकरी बॉर्डर का नजारा सोमवार को कुछ बदला-बदला नजर आया। सोमवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बार्डर पर बदलाव भी होता चला गया और देर शाम तक दिल्ली आने वाले रास्ते को लगभग साफ कर दिया गया था। नई दिल्ली, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है।  
 टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल
टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।
मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।
वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि
तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस तरह तीनों बॉर्डर से कुल 15 ,000 ट्रैक्टर को दिल्ली प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है।
तय अनुमति पत्र/ NOC के मुताबिक. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक के लिए ही टैक्टर परेड की अनुमति दी गई है। किसान नेताओं से यह भी कहा गया है कि वे ढाई हजार वालंटियर सभी रूटों लगाएं।
परेड के दौरान आंदोलनकारियों को एक लेन छोड़नी पड़ेगी, एम्बुलेंस या इमरजेंसी वाहन के लिए। कोई आपत्तिजनक पोस्टर या बैनर किसी भी वाहन में नहीं लगाना होगा। रैली में कोई ड्रग्स/ शराब का सेवन नहीं करेगा। कोई भी शख्स गाड़ी के साथ स्टंट नहीं करेगा। कोई भी विस्फोटक सहित हथियार अपने साथ लेकर परेड में नहीं आएगा।

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR
नई दिल्ली. फर्जी पत्रकारों के पकड़े जाने के लगातार बाद से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लगातार सख्त होता दिखाई दे रहा है। पाया गया है कि लोगों जालसाज लोगों द्वारा न्यूज़ पोर्टल बनाकर उसका उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कराकर अनाधिकृत रूप से जाली प्रेस कार्ड जारी किए जाते हैं। जबकि यह पूर्ण रूप से अवैध है प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार केवल आरएनआई रजिस्टर्ड समाचारपत्रों व सूचना प्रसारण में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनलों को ही है, जबकि इसके ठीक विपरीत अवैधानिक कार्य किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि फर्जी न्यूज़ पोर्टल द्वारा यदि प्रेस कार्ड जारी करने का कोई मामला प्रकाश में आता है तो सञ्चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी वहीं लोगों से ऐसे जालसाजों से बचने की अपील की गई।
आपको बता दें कि जालसाज लोगों द्वारा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कर न्यूज़ वेबसाइट तथा यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को स्वघोषित मीडिया संस्थान बताकर भोले भाले लोगों को झांसा देकर पत्रकार बनाने के नाम पर धन उगाही की जा रही है तथा अयोग्य लोगों को फर्जी पत्रकार बनाये जाने का बड़ा खेल चल रहा है। किराना व्यापारी से लेकर पंचर बनाने वाले लोगों ने खुद के फर्जी प्रेस कार्ड बनवाकर पत्रकार का ठप्पा लगा रखा है, वहीं यह भी देखा जा रहा है समाज में अवैध धंधा करने वाले अपराधियों व अराजक तत्वों ने भी इन फर्जी मीडिया संस्थानों से प्रेसकार्ड जारी करवा लिया है तथा अवैधानिक कृत्य कर रहे हैं। 
हाल ही में लखनऊ में एक ऐसा शातिर अपराधी पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जो गम्भीर आपराधिक कृत्यों में लिप्त था तथा खुद का फर्जी न्यूज़ पोर्टल चला रहा था उसके पास से जो गाड़ी बरामद हुई उसमें B BHARAT न्यूज़ लिखा हुआ था।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

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