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जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस ने गिरफ्तार।

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस  ने गिरफ्तार।
           कुशीनगर से के एन साहनी की रिपोर्ट 
 पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 85260 रुपया भी हुआ बरामद।

कुशीनगर में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में दिनांक 26.02.2021 को थाना कसया पुलिस टीम द्वारा स्थान पकड़िहवा सरेह सागौन के बगीचे से हार-जीत की बाजी लगाकर जुला खेलते समय 07 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जामा तलाशी में 12360 रुपया व माल फड़ से 72900 रुपया मौके से बरामद किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 165/2021 धारा 13 जुआ अधिनियम पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मौके पर गिरफ्तार लोगो के नाम
हरिलाल पासवान पुत्र नरायन पासवान उम्र 38 वर्ष सा0 भैसहां पासी टोला थाना कसया,इस्तेयाक अली पुत्र सुकुरुल्लाह अली सा0 श्रीराम जानकी नगर वार्ड न0 13 थाना कसया,विशेक मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा उम्र 32 वर्ष सा0 रामकोला रोड वार्ड न0 26 अमीनगर थाना कसया,महेन्द्र मध्देशिया पुत्र स्व0 छोटेलाल मध्देशिया उम्र 38 वर्ष सा0 गोला बाजार वार्ड न0 24 थाना कसया, 
राजू निषाद पुत्र परसन निषाद उम्र 27 वर्ष सा0 बेलवापलकधारी थाना कसया,अरुण सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह सा0 सुकरौली बाजार थाना कोतवाली हाटा जनपद कुशीनगर
व मनोज कुमार यादव पुत्र स्व0 खजांची यादव सा0 सिंधुआ थाना कोतवाली पडरौना जनपद कुशीनगर को जुआ खटकते कसया थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने हमराहियों के साथ घटना स्थल पर छापेमारी कर सभी को घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर किया गया।उ0नि0 श्री रविन्द्र यादव थाना कसया जनपद कुशीनगर
उ0नि0 श्री विजयशंकर यादव,
उ0नि0 श्री गौरव कुमार वर्मा,
का0 विश्वनाथ कुमार,का0 शेरबहादुर सिंह,
का0 विकाश यादव,का0 विशाल यादव,का0 शिवा सिंह,का0 नितेश यादव,का0नरेन्द्रयादव,
का0 विनय यादव,
का0 शिवबदन यादव,
का0 चन्द्रशेखर चौहान,
का0 वेदप्रकाश गोस्वामी थाना कसया जनपद कुशीनगर

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस ने गिरफ्तार।

जुआ खेलते 7 अभियुक्तों को कसया पुलिस  ने गिरफ्तार।
           कुशीनगर से के एन साहनी की रिपोर्ट 
 पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 85260 रुपया भी हुआ बरामद।

कुशीनगर में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में दिनांक 26.02.2021 को थाना कसया पुलिस टीम द्वारा स्थान पकड़िहवा सरेह सागौन के बगीचे से हार-जीत की बाजी लगाकर जुला खेलते समय 07 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जामा तलाशी में 12360 रुपया व माल फड़ से 72900 रुपया मौके से बरामद किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 165/2021 धारा 13 जुआ अधिनियम पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मौके पर गिरफ्तार लोगो के नाम
हरिलाल पासवान पुत्र नरायन पासवान उम्र 38 वर्ष सा0 भैसहां पासी टोला थाना कसया,इस्तेयाक अली पुत्र सुकुरुल्लाह अली सा0 श्रीराम जानकी नगर वार्ड न0 13 थाना कसया,विशेक मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा उम्र 32 वर्ष सा0 रामकोला रोड वार्ड न0 26 अमीनगर थाना कसया,महेन्द्र मध्देशिया पुत्र स्व0 छोटेलाल मध्देशिया उम्र 38 वर्ष सा0 गोला बाजार वार्ड न0 24 थाना कसया, 
राजू निषाद पुत्र परसन निषाद उम्र 27 वर्ष सा0 बेलवापलकधारी थाना कसया,अरुण सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह सा0 सुकरौली बाजार थाना कोतवाली हाटा जनपद कुशीनगर
व मनोज कुमार यादव पुत्र स्व0 खजांची यादव सा0 सिंधुआ थाना कोतवाली पडरौना जनपद कुशीनगर को जुआ खटकते कसया थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने हमराहियों के साथ घटना स्थल पर छापेमारी कर सभी को घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर किया गया।उ0नि0 श्री रविन्द्र यादव थाना कसया जनपद कुशीनगर
उ0नि0 श्री विजयशंकर यादव,
उ0नि0 श्री गौरव कुमार वर्मा,
का0 विश्वनाथ कुमार,का0 शेरबहादुर सिंह,
का0 विकाश यादव,का0 विशाल यादव,का0 शिवा सिंह,का0 नितेश यादव,का0नरेन्द्रयादव,
का0 विनय यादव,
का0 शिवबदन यादव,
का0 चन्द्रशेखर चौहान,
का0 वेदप्रकाश गोस्वामी थाना कसया जनपद कुशीनगर

मध्य प्रदेश पुलिस: हजारों पुलिसकर्मियों का बदलेगा पदनाम, मिलेगा प्रभारी का पद

मध्य प्रदेश पुलिस: हजारों पुलिसकर्मियों का बदलेगा पदनाम, मिलेगा प्रभारी का पद

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 M.P : गृहमंत्री ने कहा- मार्च तक संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास। पदोन्नत‍ि नहीं होने से परेशान पुलिसकर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत।
M.P  Police:  पदोन्नत‍ि में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से परेशान पुलिसकर्मियों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस अधिनियम 1972 में संशोधन करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मार्च तक इस संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे। संशोधन के बाद निचले स्टाफ को उनसे वरिष्ठ पद का प्रभार दिया जा सकेगा। इससे पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पदनाम मिल जाएगा। साथ ही जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी।
पुलिस मुख्यालय इस आशय का प्रस्ताव गृह विभाग को करीब दो माह पहले भेज चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षक को प्रधान आरक्षक, प्रधान आरक्षक को सहायक उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक को उप निरीक्षक और उप निरीक्षक को निरीक्षक का प्रभार देने की बात कही गई है। प्रस्ताव जीरो बजट वाला है, यानी इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। वरिष्ठ पद का प्रभार देने पर विभाग को अतिरिक्त वेतन नहीं देना होगा, क्योंकि लंबे समय से पदोन्नत‍ि नहीं होने से निचले स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतनमान वरिष्ठ स्तर के स्तर का हो चुका है।

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 M.P : गृहमंत्री ने कहा- मार्च तक संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास। पदोन्नत‍ि नहीं होने से परेशान पुलिसकर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत।
M.P  Police:  पदोन्नत‍ि में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से परेशान पुलिसकर्मियों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस अधिनियम 1972 में संशोधन करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मार्च तक इस संशोधन को मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे। संशोधन के बाद निचले स्टाफ को उनसे वरिष्ठ पद का प्रभार दिया जा सकेगा। इससे पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पदनाम मिल जाएगा। साथ ही जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी।
पुलिस मुख्यालय इस आशय का प्रस्ताव गृह विभाग को करीब दो माह पहले भेज चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षक को प्रधान आरक्षक, प्रधान आरक्षक को सहायक उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक को उप निरीक्षक और उप निरीक्षक को निरीक्षक का प्रभार देने की बात कही गई है। प्रस्ताव जीरो बजट वाला है, यानी इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। वरिष्ठ पद का प्रभार देने पर विभाग को अतिरिक्त वेतन नहीं देना होगा, क्योंकि लंबे समय से पदोन्नत‍ि नहीं होने से निचले स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतनमान वरिष्ठ स्तर के स्तर का हो चुका है।

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने परिवार के सात लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिली।

यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई गई है।
मथुरा,। शबनम और सलीम के बेमेल इश्क की खूनी दास्तां फांसी के फंदे के एकदम करीब पहुंच गई है। 14 अप्रैल, 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुलाने वाली शबनम और उसके प्रेमी को फांसी देने के लिए मथुरा जिला कारागार का फांसी घर तैयार हो गया है। फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं। मेरठ से जल्लाद पिछले वर्ष फांसी घर का निरीक्षण करने भी आया था। हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। यदि शबनम और सलीम को फांसी होती है तो यह आजाद भारत का पहला मामला होगा।

वीडियो खबर के लिए क्लिक करे

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम और सलीम को फांसी के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
फांसी घर में कराया जाएगा ट्रायल

12 मार्च, 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसी घर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा था। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि रस्सा एक इंच व्यास का होगा। यह 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया कि कोर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसी घर में एक ट्रायल कराया जाएगा। इसमें शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदे पर लटकाया जाएगा। मथुरा जिले में वर्ष 1866 में जेल का निर्माण कराया गया था, तब यहां महिला को फांसी देने के लिए फांसी घर बनाया गया था। आजादी के बाद से लेकर अब तक इस फांसी घर में किसी महिला को नहीं लटकाया गया है।

नशे की गोली खिलाकर परिवार के सात लोगों को मारा

अमरोहा जिले से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधु अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। इकलौती बेटी शबनम को पिता शौकत अली ने लाड़-प्यार से पाला था। एमए पास करने के बाद वह शिक्षामित्र हो गई। इस दौरान शबनम का प्रेम प्रसंग गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से शुरू हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। लिहाजा शबनम के परिवारीजन को यह मंजूर नहीं हुआ। इश्क को परवान न चढ़ता देख दोनों ने ऐसा फैसला लिया जिसने देश को हिलाकर रख दिया।
हत्या कर रातभर घर पर थी शबनम

14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया। इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। उस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी उनके घर आई हुई थी। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। घटना को अंजाम देकर सलीम तो वहां से भाग गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही। तड़के में उसने शोर मचा दिया कि बदमाश आ गए हैं। शोर सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और वहां का नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। दुमंजले पर बने तीन कमरों में मासूम समेत सभी सात लोगों के गला कटे शव पड़े थे। दिन निकलने तक गांव बावनखेड़ी देशभर में छा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी गांव पहुंची थीं। घटना के हालात देखते हुए शबनम पर ही शक की सुई गई।

जेल में ही बेटे को दिया जन्म

घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम व सलीम को हिरासत में ले लिया। इससे पहले उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से सारा राजफाश हो गया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान घटना भी कबूल कर ली थी। सलीम ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी गांव के तालाब से बरामद करा दी थी। स्थानीय अदालत ने भी दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। सर्वोच्च अदालत ने भी इस सजा को बरकरार रखा तो राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी। यानि सलीम व शबनम के खूनी इश्क की कहानी फांसी के फंदे तक पहुंच गई है। सलीम व शबनम लगभग हर रोज मिलते थे। जिस दिन दोनों ने इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया उस समय शबनम दो माह की गर्भवती थी। ऐसी हालत में भी शबनम के हाथ अपने दस माह के मासूम भतीजे अर्श का गला काटते हुए नहीं कांपे। बाद में शबनम ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया। उसका नाम मुहम्मद ताज रखा गया।

घर में मिली थी नशे की दस गोलियां

विवेचक आरपी गुप्ता को घर में नशे की दस गोलियां मिली थीं। फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी मृतकों को नशा दिए जाने की पुष्टि हुई थी। इसके साथ ही उन्हें घर के किचन में रखी चाय की पत्ती के डिब्बे में एक सिम मिला था। उसकी कॉल डिटेल में घटना वाली रात को सलीम के पास 50 से अधिक कॉल किए जाने की जानकारी हुई थी। परिवार के सभी सदस्यों को नशा दिए जाने के साथ केवल शबनम का बेहोश न होना तथा सलीम को 50 से अधिक कॉल किए जाने को आधार बनाकर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया था।

गांव में बेटी का नाम नहीं रखते शबनम

शबनम का घर गांव में सड़क किनारे है। अतरासी-हसनपुर रोड पर स्थित शबनम के घर के सामने एक आरा मशीन है। सलीम उसी आरा मशीन पर मजदूरी करता था। यहां से दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। शबनम का परिवार शिक्षित व संपन्न था। जबकि सलीम के परिवार की गिनती मध्यम वर्ग में होती है। बावनखेड़ी कांड के बाद यह गांव सारे देश में बदनाम हुआ। इकलौती बेटी द्वारा परिवार के साथ सदस्यों की हत्या को लेकर इस गांव के देश के लोग जान गए। मास्टर शौकत सैफी के घर में शबनम इकलौती बेटी थी। इस घटना के बाद गांव के लोगों को शबनम से इतनी नफरत हो गई कि अब इस गांव में कोई अपनी बेटी का नाम शबनम रखना नहीं चाहता।
यह भी पढ़ें : यह भी पढ़ें : मथुरा जेल में परिवार के सात लोगों की हत्या की गुनहगार शबनम को दी जाएगी फांसी, बक्सर में बन रहा फंदा

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रेमी जोड़े को एक साथ होगी फांसी, परिवार के 7 लोगों की हत्या की थी; जानें- पूरा मामला

प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने परिवार के सात लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा मिली।

यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई गई है।
मथुरा,। शबनम और सलीम के बेमेल इश्क की खूनी दास्तां फांसी के फंदे के एकदम करीब पहुंच गई है। 14 अप्रैल, 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुलाने वाली शबनम और उसके प्रेमी को फांसी देने के लिए मथुरा जिला कारागार का फांसी घर तैयार हो गया है। फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं। मेरठ से जल्लाद पिछले वर्ष फांसी घर का निरीक्षण करने भी आया था। हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। यदि शबनम और सलीम को फांसी होती है तो यह आजाद भारत का पहला मामला होगा।

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काटकर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम और सलीम को फांसी के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
फांसी घर में कराया जाएगा ट्रायल

12 मार्च, 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसी घर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा था। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि रस्सा एक इंच व्यास का होगा। यह 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया कि कोर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसी घर में एक ट्रायल कराया जाएगा। इसमें शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदे पर लटकाया जाएगा। मथुरा जिले में वर्ष 1866 में जेल का निर्माण कराया गया था, तब यहां महिला को फांसी देने के लिए फांसी घर बनाया गया था। आजादी के बाद से लेकर अब तक इस फांसी घर में किसी महिला को नहीं लटकाया गया है।

नशे की गोली खिलाकर परिवार के सात लोगों को मारा

अमरोहा जिले से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधु अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। इकलौती बेटी शबनम को पिता शौकत अली ने लाड़-प्यार से पाला था। एमए पास करने के बाद वह शिक्षामित्र हो गई। इस दौरान शबनम का प्रेम प्रसंग गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से शुरू हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। लिहाजा शबनम के परिवारीजन को यह मंजूर नहीं हुआ। इश्क को परवान न चढ़ता देख दोनों ने ऐसा फैसला लिया जिसने देश को हिलाकर रख दिया।
हत्या कर रातभर घर पर थी शबनम

14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया। इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। उस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी उनके घर आई हुई थी। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। घटना को अंजाम देकर सलीम तो वहां से भाग गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही। तड़के में उसने शोर मचा दिया कि बदमाश आ गए हैं। शोर सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और वहां का नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। दुमंजले पर बने तीन कमरों में मासूम समेत सभी सात लोगों के गला कटे शव पड़े थे। दिन निकलने तक गांव बावनखेड़ी देशभर में छा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी गांव पहुंची थीं। घटना के हालात देखते हुए शबनम पर ही शक की सुई गई।

जेल में ही बेटे को दिया जन्म

घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम व सलीम को हिरासत में ले लिया। इससे पहले उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से सारा राजफाश हो गया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान घटना भी कबूल कर ली थी। सलीम ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी गांव के तालाब से बरामद करा दी थी। स्थानीय अदालत ने भी दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। सर्वोच्च अदालत ने भी इस सजा को बरकरार रखा तो राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी। यानि सलीम व शबनम के खूनी इश्क की कहानी फांसी के फंदे तक पहुंच गई है। सलीम व शबनम लगभग हर रोज मिलते थे। जिस दिन दोनों ने इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया उस समय शबनम दो माह की गर्भवती थी। ऐसी हालत में भी शबनम के हाथ अपने दस माह के मासूम भतीजे अर्श का गला काटते हुए नहीं कांपे। बाद में शबनम ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया। उसका नाम मुहम्मद ताज रखा गया।

घर में मिली थी नशे की दस गोलियां

विवेचक आरपी गुप्ता को घर में नशे की दस गोलियां मिली थीं। फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी मृतकों को नशा दिए जाने की पुष्टि हुई थी। इसके साथ ही उन्हें घर के किचन में रखी चाय की पत्ती के डिब्बे में एक सिम मिला था। उसकी कॉल डिटेल में घटना वाली रात को सलीम के पास 50 से अधिक कॉल किए जाने की जानकारी हुई थी। परिवार के सभी सदस्यों को नशा दिए जाने के साथ केवल शबनम का बेहोश न होना तथा सलीम को 50 से अधिक कॉल किए जाने को आधार बनाकर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया था।

गांव में बेटी का नाम नहीं रखते शबनम

शबनम का घर गांव में सड़क किनारे है। अतरासी-हसनपुर रोड पर स्थित शबनम के घर के सामने एक आरा मशीन है। सलीम उसी आरा मशीन पर मजदूरी करता था। यहां से दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। शबनम का परिवार शिक्षित व संपन्न था। जबकि सलीम के परिवार की गिनती मध्यम वर्ग में होती है। बावनखेड़ी कांड के बाद यह गांव सारे देश में बदनाम हुआ। इकलौती बेटी द्वारा परिवार के साथ सदस्यों की हत्या को लेकर इस गांव के देश के लोग जान गए। मास्टर शौकत सैफी के घर में शबनम इकलौती बेटी थी। इस घटना के बाद गांव के लोगों को शबनम से इतनी नफरत हो गई कि अब इस गांव में कोई अपनी बेटी का नाम शबनम रखना नहीं चाहता।
यह भी पढ़ें : यह भी पढ़ें : मथुरा जेल में परिवार के सात लोगों की हत्या की गुनहगार शबनम को दी जाएगी फांसी, बक्सर में बन रहा फंदा

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प्रेमी संग परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम है रामपुर की जेल में बंद।

मेरठ के जल्लाद पवन ने मथुरा जेल का किया निरीक्षण। प्रेमी संग परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम है रामपुर की जेल में बंद। अमरोह के बावनखेड़ी गांव का है मामला। 14 अप्रैल को 2008 को की थी हत्या।


आगरा, जेएनएन। अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में माता-पिता समेत परिवार के सात सदस्यों की प्रेमी संग मिलकर हत्या करने की गुनहगार शबनम के लिए जिला कारागार का फांसीघर तैयार है। जेल प्रशासन ने मेरठ से जल्लाद को बुलाया था। पिछले साल मार्च में फांसीघर का निरीक्षण करने आया था। गुनहगार को फांसी पर लटकाने के लिए बक्सर से मनीला सन के फंदे वाले दो रस्सा मंगाए गए हैं।

अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव निवासी शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था। इसी गुनाह में शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। ऐसे में उसका फांसी पर लटकना तय है। महिलाओं को फांसी पर लटकाने की व्यवस्था जिला जेल में है। अभी अदालत ने शबनम को फांसी पर लटकाने की तारीख मुकर्रर नहीं की है, पर जेल प्रशासन ने शबनम को फांसी पर लटकाने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 12 मार्च 2020 को जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन कुमार जल्लाद को बुलाकर फांसीघर का निरीक्षण करा लिया था। जल्लाद ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने को कहा। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया, रस्सा एक इंच व्यास का होगा। जो 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। मनीला सन के दोनों रस्सा की कीमत 36 सौ रुपये है। उन्होंने बताया, काेर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसीघर में एक ट्रायल कराया जाएगा। शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदा पर लटका दिया जाएगा।

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