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दूदही CHC के लापरवाह डॉक्टर, को वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए भटक रहे मरीजो में आक्रोश

दूदही CHC के लापरवाह डॉक्टर, को वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए भटक रहे मरीजो में आक्रोश

दूदही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मनमानी से बेहाल हो गया है। मरीज बेबस हैं। स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं भी नदारद हैं। हालत यह है कि मरीजों को निजी अस्पतालों की सेवाएं लेनी पड़ रही हैं जिससे मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों में आक्रोश है। आपको बताते चले कि एक माह पूर्व दूदही कस्बा निवासी आशीष जायसवाल, अमरदीप, गीता देवी,हरिश्चन्द्र, दीपक ने कोविड वैक्सीन लगवाया था और दूसरी डोज के लिए 03 अगस्त 2021 को दुबारा दूदही सरकारी अस्पताल पँहुचे तो यहाँ कार्यरत डॉक्टर और स्टॉप ने कहाँ की आपका रजिस्टेशन तो हुआ ही नही है आपको एक माह बाद दूसरी डोज लगाया जाएगा। ये सुन कर लोगो के होश उड़ गए लोगो ने दूदही CHC प्रभारी AK पांडेय से मोबाइल पर वार्ता कर अपनी आप बीती बताए कहा कि लापरवाही डाक्टरो की है हमारी नही हमको तो कार्ड मिला है इतना सुनते ही प्रभारी भड़क गए और बोले कि तुमको जो करना है करलो हम एक सप्ताह बाद आएंगे हमसे आ कर मिलना प्रभारी के इस रवैये से लोग काफी आहात है। इस तरह कितने मरीज दर दर भटक रहे है। बात यही खत्म नही होती लोगो का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर कब आते हैं और कब चले जाते हैं इसका पता ही नहीं चलता। स्वास्थ्य केंद्र लेबोरेटरी इंचार्ज नहीं मिलने से दूरदराज क्षेत्र से आए मरीजों को निराश होना पड़ता है। यहां एक्स-रे मशीन होने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मरीजों को निजी लेबोरेटरी से एक्स-रे कराना पड़ता है। डॉक्टरों एवं टेक्नीशियनों की लापरवाही की शिकायत कई बार नागरिकों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। विगत दिनों स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अस्पताल की आकस्मिक चेकिंग की गई थी। तब भी डॉक्टर नदारद थे। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

         डॉक्टरो द्वारा जारी, को वैक्सीन कार्ड🖕

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प्रशासन और पब्लिक के बिच बवाल होने का खतरा टला, भाजपा सरकार में तहसीलदार के सौतेले ब्यवहार से लोगो मे आक्रोष

प्रशासन और पब्लिक के बिच बवाल होने का खतरा टला, भाजपा सरकार में तहसीलदार के सौतेले ब्यवहार से लोगो मे आक्रोष
भाजपा सरकार में दलित विधवा बुजुर्ग महिला के साथ तहसीलदार के सौतेले ब्यवहार से लोगो मे आक्रोष ब्याप्त है

कुशीनगर जनपद के नव निर्मित नगर पंचायत दूदही के जिरात में वर्षो से रह रही एक बुजुर्ग दलित विधवा महिला के साथ तहसीलदार तमकुहीराज के द्वारा सौतेला ब्यवहार करते हुए दलित महिला का घर तोड़वाने का आदेश दिए जाने का सनसनीखेज खबर प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार पडरौन मडूरही जिरात के सीलिंग की भूमि पर वैसे तो हजारो के तादात में पक्के घर बने हुए है यहाँ के लोगो ने बताया कि दिलीप नगर कुडवा स्टेट के आश्रितों के द्वारा बारी बारी से पडरौन मडूरही जिरात सीलिंग के जमीन को मोटी रकम लेकर बेचा जाता है जो जग जाहिर है। आपको बताते चले कि कुछ बिचौलियों द्वारा सीलिंग का सैकड़ो एकड़ जमीन अवैध तरीके से बेची जा चुकी है जिस पर हजारो की संख्या में आज बड़े बड़े पक्के मकान बने हुए है। सीलिंग के सटे आराजी नम्बर 562 परती की जमीन में एक विधवा बुजुर्ग दलित महिला ने भी अपना घर बना कर बर्षो से गुजर बसर कर रही है पीड़िता के अनुसार महेंद्र सिंह के द्वारा महिला से पैसा मांगा गया था जैसा कि और लोगे ने भी पैसा दे कर अपना घर बनाया है पीड़ित महिला का कहना है कि मैंने भी 5 लाख 60 हजार रुपया जमीन के बदौलत मजबूर करके लिया गया है पीड़ित से और पैसों की मांग की जा रही थी महिला पैसा नही दे पायी तो इन बडे राजाओ के रसूख बड़े बड़े लोगो से होने के वजह तहसीलदार तमकुहीराज से महिला का घर सीलिंग की जमीन में बता कर घर तोड़वाने का आदेश देने के मामले में लोगो गुस्सा फूटा। मजे की बात तो यह है कि यहाँ सीलिंग में हजारो घर बने है और बन रहे है लेकिन सबका मकान छोड़ कर सिर्फ इस दलित बुजुर्ग विधवा महिला का घर तोड़ने का तहसीलदार के द्वारा आदेश दिये जाने का मामला सामने आया है। इस आदेश से साफ है कि दलित महिला के साथ सौतेला ब्यवहार हो रहा है क्यो महिला के घर के अगल बगल सैकड़ो पक्के मकान बने हुए है परंतु सबका घर छोड़ कर सिर्फ गरीब असहाय दलित महिला का घर तोड़ने के आदेश से कस्बा में खलबली मची हुई इस आदेश को लेकर लोगो मे काफी आक्रोश ब्याप्त है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि रविवार को तहसीलदार के आदेश पर कई थानो की फोर्स विशुनपुरा थाने पहुंची थी परंतु कस्बा के लोगो का आक्रोष की भनक बड़े बड़े भाजपा के नेताओ को हुई और नेताओं ने मामले का संज्ञान लेकर उच्च अधिकारियों से बात चित की जिसके बाद प्रशासन को पीछे हटना पड़ा तब जा कर स्थानीय लोगो का गुस्सा सांत हुआ। लोगो का कहना है कि सिर्फ पीड़ित महिला पर कार्यवाही हुई होती तो भारी बवाल होने का अंदेशा था जो अब लगभग टल गया है।

           उपजिलाधिकारी का आदेश
पीड़ित महिला ने उपजिलाधिकारी तमकुहीराज को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई थी जिस पर उपजिलाधिकारी के द्वारा तहसीलदार को आदेशित किया गया है कि नियमानुसार कार्यवाही करें।

      भाजपा प्रवक्ताओ ने हिस्सा लिया।

 1- राजन जायसवाल ने कहा कि किसी भी कीमत पर भाजपा सरकार में किसी के साथ ना इंसाफी हुई तो बर्दाश्त नही किया जाएगा। 

2- भाजपा प्रवक्ता मनोज कुंदन ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए मनोज कुंदन की टीम ने तहसीदार से मिल कर हाल का जायजा लिया और नियमानुसार कार्यवाही करने की बात कही और कहा कि किसी के साथ प्रशासन सौतेला रवैया अपनाता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

3-  पूर्व प्रधान प्रतिनिधि शिवशंकर कुशवाहा ने भी गुस्साए लोगो को सांत कराया और हर सम्भव मदद करने का आश्वासन देते हुए पीड़ित महिला के साथ खड़े रह कर हौसला बढ़ाये। 
इसी क्रम में स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और तहसीलदार के सौतेले रवैये की सख्त शब्दो मे निंदा की। समाचार लिखे जाने तक मौके पर शांति ब्यवस्था कायम रही।
दलित विधवा महिला पर तहसीलदार के सौतेले रवैये से क्षेत्र वासियो में आक्रोश, बवाल का अंदेशा

कुशीनगर जनपद के नव निर्मित नगर पंचायत दूदही के जिरात में वर्षो से रह रही एक दलित विधवा महिला के साथ तहसीलदार तमकुहीराज के द्वारा सौतेला ब्यवहार करते हुए दलित महिला का घर तोड़वाने का आदेश देने का समाचार प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार पडरौन मडूरही जिरात के सीलिंग की भूमि पर वैसे तो हजारो के तादात में पक्के घर बने हुए है यहाँ के लोगो ने बताया कि दिलीप नगर कुडवा स्टेट के आश्रितों के द्वारा बारी बारी से पडरौन मडूरही जिरात सीलिंग के जमीन को मोटी रकम लेकर बेचा जाता है जो जग जाहिर है कुछ बिचौलियों द्वारा सीलिंग का सैकड़ो एकड़ जमीन अवैध तरीके से बेची जा चुकी है जिस पर हजारो की संख्या में आज बड़े बड़े पक्के मकान बने हुए है। सीलिंग के सटे आराजी नम्बर 562 परती की जमीन में एक विधवा बुजुर्ग दलित महिला ने भी अपना घर बना कर बर्षो से रह रही है इसी दरमियान महेंद्र सिंह के द्वारा महिला से पैसा मांगा गया था महिला पैसा नही दे पायी तो इन बडे राजाओ के रसूख बड़े बड़े लोगो से होने के वजह तहसीलदार तमकुहीराज से मिल कर महिला का घर सीलिंग की जमीन में बता कर तोड़वाने का आदेश देने का मामला सामने आया है। मजे की बात तो यह है कि यहाँ सीलिंग हजारो घर बने है और बन रहे है लेकिन सबका मकान छोड़ कर सिर्फ इस दलित महिला का घर तोड़ने का तहसीलदार के द्वारा आदेश दिया गया है इस आदेश से साफ है कि दलित महिला के साथ सौतेला ब्यवहार हो रहा है क्यो महिला के घर के अगल बगल सैकड़ो पक्के मकान बने हुए है परंतु सबका घर छोड़ कर गरीब असहाय दलित महिला का घर तोड़ने के आदेश से कस्बा में खलबली मची हुई लोगो मे काफी आक्रोश ब्याप्त है। विशेष सूत्रों के हवाले से खबर है कि कल रविवार को अगर सिर्फ महिला पर कार्यवाही हुई तो भारी बवाल होने का अंदेशा है।

अमीरों के जूते गरीबो के सर पर सदा से रहे हैं। क्या सदा तक रहेगें ?

Sek in india news अमीरों के जूते गरीबो के सर पर सदा से रहे हैं। क्या सदा तक रहेगें ?
जमीदारों की जमीनी हकीकत का जिता जागता नमूना, जो देखेगा तो यह नही कहेगा कि अभी हमने जी भर के देखा नही। हमारा देश आजाद तो हो गया  लेकिन जमीदारो की कुचकी चक्रवात से गरीबो को निजात अब तक नही मिला, क्या नई सरकार गरीबो को निजात दिला पाएगी ?

 दुदही जनपद कुशीनगर। अमीरो के जूते गरीबो के सर पर सदा से रहे है। ऐसा लगता है की सदा तक रहेगें। सरकार सरकसो को सर करने के लिए कानून बनाती है।उसी कानून को ढाल बनाकर सरकसी करने वाले लोग अपने मकसद में कामयाब होते रहते है। आज कल लोग अपने दुश्मनो को शिकस्त कर जेल भेजवाने के लिए हरिजन उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न जैसे जघन्य अपराधिक धाराओ में जेल भेजवाने के लिए पैसे को पानी की तरह बहा कर अपने मकशद में कामयाब हो कर अपने जित का जश्न मनाते है।
दूसरी तरफ हक और इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाला आदमी हरिजन उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न का शिकार होता है।
इसी क्रम में थाना विशुनपुरा अंतर्गत ग्राम बांसगांव टोला गीदहवां निवासी स्व नूर मियां नामक गरीब बेसहारा आदमी कुडवां स्टेट की भूमि जिसे सरकार ने वर्षो पूर्व में सीलिंग में निकाल दिया स्टेट के द्वारा हाईकोर्ट में मुकदमा किया गया तथा सरकार और जनता के आँख में धूल झोंक गैर कानूनी तरीके से धीरे धीरे आधे से अधिक जमीन को बिना कागज पत्र के बेंच दिया गया। नूर मियां भी कुछ जमीन स्टेट के बाबू साहब से खरीदी, पैसे के अभाव में जमीन पर पक्का निर्माण नही करा पाए। और अब जब निर्माण कराने लगे तो बाबू साहब के मैनेजर व सिपाही रोक दिए, बताते चले की जितने भी लोग सीलिंग की जमीन बाबू साहब से खरीदे हैं उन सब को खरीदते समय कोई कागज नही दिया गया है। बाबू साहब के बाद मैनेजर साहब भी पैसा लेते आये है। अलग सिपाही लोग भी पैसा लेते है। इसी क्रम में बाबू साहब का डिमांड भी बढ़ा दी। उसके बाद भी स्टेट के बाबू साहब के लालची मैनेजर व सिपाही निर्माण करने से मना किये। नही मानने पर नूर मियां के पनाती को पुलिस से पकड़वा दिए। पुरे मामले को स्थानीय पुलिस ने संज्ञान में लिया। विशुनपुरा पुलिस ने पकड़े गए आदमी को अगले दिन कुछ रूपये लेकर छोड़ दिया गया जैसा की सूत्रो ने बताया। सूत्रो ने यह भी बताया की नूर मियां के परिवार वालो से स्टेट के मैनेजर द्वारा अलग से कुछ पैसो की डिमांड की गई, डिमांड नही पूरा करने पर नूर मियां के पनाती द्वारा कराये जा रहे कार्य को रोका जाने लगा। इसी बात को लेकर बात बात में बतबढ़ हो गई बात बात में हो गई रार्र। काम रोकने के लिए स्टेट के मैनेजर के आदेश पर हमीद नामक सिपाही जबरन काम रोकने लगा न रुकने पर हवा में लाठी भांजने लगा और कई लोग घायल हो गए गुस्साए लोगो ने भी सिपाही की जमकर खातिदारी की। सिपाही लहू लुहान हो गया।सूत्र यह भी बताते है कि कुडवां स्टेट के बाबू साहब के जिरात में बाढ़ से घर से बेघर हुए यूपी बिहार के सीमावर्ती गरीब लोग बाबू साहब से जमीन खरीद कर बसने लगे स्टेट ने बिक्री किये जमीन का कोई कागज पत्र किसी को नही दिया। लोग जमीन खरीदते समय पैसे देते फिर बनाते समय भी पैसे देते ऐतराज करने वालो को उजाड़ देने की धमकी दी जाती, लोग सहम जाते मकान बनवाते समय बलरेज निकालने का अलग से पैसा लोगो को देना पड़ता है। इसी नियम और स्टेट द्वारा बनाये गए कानून से आज तक जमीन बेचीं जाती है। कुडवां स्टेट के बाबू साहब द्वारा नूर मियां के परिवार वालो को सबक सिखाने के लिए बाबू साहब का नौकर जो जाती का मुसहर है के नाम से तहरीर दे कर हरिजन उत्पीड़न का फर्जी मामला दर्ज कराया गया। मैनेजर साहब ने उन लोगो का नाम दर्ज कराया जिनसे उनको पुरानी दुश्मनी थी अथवा जो मौके पर नही थे। समाचार लिखे जाने तक मामला विचारा धिन था। समस्त विषय प्रकरण जांच का विषय है जांचोपरांत ही पता चल जायेगा की जमीनी हकीकत क्या है। बसर्तें की जांच अधिकारी ईमानदार हो।
इसी सम्बन्ध में तकरीबन 2 साल पहले कुल आठ लोगो पर स्थानीय थाना विशुनपुरा में धारा 504,506,AC एक्ट यानि हरिजन उत्पीड़न के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है इस मुकदमे में उनका भी नाम है जिनका दूर दूर तक इससे कुछ लेना देना नही है। अब हाल ही में जुलाई 2021 में तुर्कपट्टी थाना में भी इसी तरह का मामला सामने आया है जिसमे कुडवा स्टेट के महेंद्र प्रताप के द्वारा किसी गोंड जाती के द्वारा तहरीर देकर पडरौन मडूरही जिरात के दो लोगो पर फर्जी मुकदमा लिखवाने का समाचार प्रकाश में आया है। इन लोगो का कसूर बस इतना है कि ये लोग एक अबला नारी को उसका हक दिलाने के लिए कुछ दिन से लगे है परंतु इन लोगो को डराने और धमकाने के लिए फर्जी तहरीर के आधार पर स्टेट के लोगो द्वारा फसाये जाने का मामला प्रकाश में आया है। अभी तो यह ट्रेलर है इस तरह के सैकड़ो मामले आपको स्टेट के द्वारा थाना विशुनपुरा में फर्जी मुकदमा लिखवाने के मामले है। कुडवां स्टेट द्वारा ग्रामसभा पडरौन मडूरही तप्पा रामपुर रोगहा सिधुआ जोबना तहसील तमकुहीराज जनपद कुशीनगर में स्थित सीलिंग की जमीन को आधे से अधिक जमीन को स्थानीय लेखपाल/कानूनगो की मिली भगत से बेचा जा चूका है जो गैर कानूनी है। शासन प्रशासन इसको नजर अंदाज आज तक क्यों कर रही है यह भी जांच का विषय है।

रास्ते पर बह रहा गंदा पानी, बजबजाती नालियां

रास्ते पर बह रहा गंदा पानी, बजबजा रही नालियां

खबर के साथ छपी फोटो पर गौर करें। यह तस्वीर दूदही ब्लॉक के नव निर्मित नगर पंचायत दूदही के गांधी चौक राजन मिष्ठान भंडार की पीछे की है। यहां रास्ते पर भरा पानी और गंदगी से पटी बजबजाती नालियां स्वच्छता कार्यक्रम व विकास कार्यो की पोल खोल रही हैं। ये जगह दो ग्राम पंचायतों के बीच स्थित यह जगह अपेक्षा का शिकार आज तक रहा है। यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।
दूदही ब्लॉक के नगर पंचायत दूदही व बांसगांव के बीच की स्थिति बदहाल है। यहां मुख्य सड़क पर जलभराव व गंदगी इस कदर है कि लोगों का रास्ता चलना भी दूभर है। चारों ओर पसरी पड़ी गंदगी स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रही है। यहां के लोगों को स्वच्छ पेयजल की भी किल्लत झेलनी पड़ रही है। नल के चारों ओर बजबजाती गंदगी व बदबू पेयजल को दूषित कर रही है। उमेश व योगेंद्र कहते हैं कि यहां पर कभी सफाई कर्मी नहीं आता है। नगर पंचायत की ओर से साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। पंडा बाबा व सुनील ने बताया कि सफाई के अभाव में नालियां चोक हो गई है, जिससे बाजार का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। साफ-सफाई न होने से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। राजन व पवन कहते हैं कि नालियां चोक होने से गंदा पानी रास्ते पर भरा रहता है। इसी के बीच से लोगों को निकलना पड़ता है। नगर पंचायत अधिकारी ने बताया कि गंदगी के बारे में उन्हें कभी सूचित नहीं किया गया है। इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर बाजार में टीम भेज कर सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

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