दिल्ली हिंसा पर BJP नेता रविशंकर प्रसाद का पलटवार- मैंने राहुल गांधी पर बोलना कम कर दिया है, क्योंकि जवाब देने में मर्यादा लांघनी पड़ती है
दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गांधी परिवार को जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजधर्म के नाम पर दिल्ली में कांग्रेस ने लोगों में उत्तेजना फैलाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तरफ से ऐसे कई बयान दिए गए। हम जानना चाहते हैं कि यह कौन सा राजधर्म है?
रविशंकर ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व पीएम नागरिकता कानून के समर्थन में थे और अशोक गहलोत ने कई पत्र लिखे और अब वह सवाल उठा रहे हैं। ये कौन सा राजधर्म है। उन्होंने कहा कि आपने बात उठाई थी 10 साल में पूरा नहीं किया। हमने उसे पूरा किया। फिर सोनिया जी इस मामले में राजनीति क्यों कर रही हैं? उन्होंने कहा कि एनपीआर को लेकर 15 मार्च 2018 में कांग्रेस सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था और आज उस पर सवाल उठा रही है।
कानून मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी पर बोलना कम कर दिया है आप समझते ही हैं, क्योंकि जवाब देने में मर्यादा की सीमा लांघनी की मजबूरी आ जाती है क्योंकि जिस तरह का उनका आजकल का स्तर हो गया है। आजकल प्रियंका गांधी भी बोलती हैं, 'आज हम चुप रहे तो नष्ट हो जाएगा बाबा साहेब का संविधान'। उन्होंने कहा कि उत्तेजन फैलाई किसने। शाहिन बाग कौन गया था? मोदी जी को कातिल किसने कहा था? जिन्ना वाली आजादी किसको चाहिए थी?
ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी
उन्होंने कहा कि सोनिया जी आप अपनी टिप्पणी को देखिए जो आपने रामलीला मैदान में कहा था - इस पार या उस पार। 'इस पार या उस पार' का मतलब है संवैधानिक रास्ते से अलग। ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी। आपने लोगों में उत्तेजना क्यों फैलाई। सोनिया जी पहली बात आप ये बताइए कि जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विस्थापित हैं, जिनको उनकी आस्था के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है, उसको लेकर आपकी पार्टी की एक सोच रही है। आपके नेताओं ने बार-बार खुलकर इस पर स्टैंड लिया था
कानून मंत्री ने कहा कि आप करे तो ठीक लेकिन हम उसी बात को करे तो उसपर लोगों को उकसाया जाए। ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी। सोनिया जी मुझे आपसे एक बात पूछनी है कि जब शाहीन बाग में बच्चों को प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया जा रहा था, तब भी आप खामोश थीं। क्या आपकी पार्टी ने ये भी नहीं कहने की जरूरत नहीं समझी कि हम इसका समर्थन नहीं करते हैं? ये है आपका राजधर्म।