- हिंसा की लपटों के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में इंसानियत देखने को मिली
- मुस्लिमों ने हिंदुओं के साथ मिलकर मानव श्रृंखला बनाई, मंदिर पर आंच नहीं आने दी
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली जब तीन दिन से हिंसा की आग में जल रही थी, उसी दौरान कुछ जगहों पर हिंदू और मुस्लिमों ने एक होकर इंसानियत का पैगाम दिया। विजय पार्क और यमुना विहार इलाके में दाेनों समुदायों ने मिलकर दंगाइयों को कॉलोनी में घुसने से रोका ही नहीं, बल्कि खदेड़ा भी। यहां सिर्फ सड़क किनारे के घरों को नुकसान पहुंचा, बाकी इलाका सुरक्षित रहा। दूसरी तरफ, चांद बाग में मुस्लिमों ने हिंदुओं के साथ मिलकर मानव श्रृंखला बनाकर मंदिर पर आंच नहीं आने दी।
विजय पार्क की गली नंबर-17 के निवासी राकेश जैन ने बताया कि यमुना विहार के सी-12 क्षेत्र में मंदिर और मस्जिद करीब 100 मीटर दूरी पर हैं। शाम को मस्जिद से अजान और मंदिर से शंख की आवाज एक ही समय पर आती है। पूरा मोहल्ला हमारा परिवार है। मुस्लिम समुदाय के लोग हमारे भाई हैं। आधी रात को भी जरूरत पड़ती है तो वे हमारे लिए और हम उनके लिए हाजिर रहते हैं। जैन ने कहा कि दंगाई बाहर से आ रहे हैं और हम सब मिलकर उन्हें कॉलोनी में घुसने नहीं दे रहे।
दोनों समुदायों ने मंदिर-मस्जिद पर आंच नहीं आने दी
इसी इलाके में 20 साल से रह रहे सुहैल मंसूरी ने कहा कि दोनों समुदायों के साथ रहने के परिणाम स्वरूप न किसी मस्जिद पर आंच आई है और न ही मंदिर पर। सी-12 के निवासी राहुल ने कहा कि यहां 35 साल में पहली बार सांप्रदायिक हिंसा हुई है। उपद्रवी हमारी मार्केट में घुसे तो हमने मिलकर खदेड़ दिया। इसी ब्लॉक के मोहम्मद जाकिर कहते हैं, मैं पहले विजय पार्क में रहता था और हाल ही में इस कॉलोनी में आया हूं। हमारे यहां के सारे हिंदुओं से अच्छे संबंध हैं। ईद पर वे हमारे यहां आते हैं और दिवाली पर हम उनके यहां जाते हैं। हम सब रात को लगातार पहरा दे रहे हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
मुस्लिम बोले- मंदिर खंडित होता तो हम शर्मसार होते
तीन दिन से हिंसा में जल रहे चांद बाग के निवासी सलीम ने कहा कि अगर मंदिर खंडित हो जाता, तो इससे हम भी शर्मसार हो जाते। यहीं की तबस्सुम ने कहा- हमने तय किया था कि मंदिर को कुछ नहीं होने देंगे। हमने मिलकर यह भी तय किया था कि नफरत की इस आग में हिंदुओं की दुकानों पर आंच नहीं आने देंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें