SEK IN INDIA NEWS

पत्रकारो को भी आर्थिक सहायता दे केंद्र सरकार= राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद सागर

पत्रकारो को भी आर्थिक सहायता दे केंद्र सरकार= राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद सागर

             SEK IN INDIA NEWS

भारत सरकार से सर्वहितकारी पत्रकार महासंगठन ने पत्रकारो को आर्थिक सहायता देने की मांग की।

अखिल भारतिय सर्वहितकारी पत्रकार महासंगठन लगातार पत्रकारो का आवाज उठता आ रहा है। इस समय पुरे विश्व में वैश्विक महामारी घोषित की गई है। जिसके वजह से पूरा भारत भी भी लॉक डाउन किया गया है किसी को भी बाहर निकले की अनुमति नही ताकि महामारी से लोगों को बचाया जा सके। परंतु पुलिस, और पत्रकारो को जनहित में सुचना बाधित न हो इस लिए पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगो तक सुचना पहुचा रहा है परंतु पत्रकारो को अभी तक राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कोई सहायता नही दी गई है। जिसके चलते अखिल भारतीय सर्वहितकारी महासंगठन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद सागर ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भेज कर पत्रकारो के हित के लिए भी आर्थियक सहायता देने की मांग की गई है। सागर जी ने बताया की पत्रकार हितों के लिए हमारा संगठन आगे भी पत्रकार हितों के लिए हर सम्भव प्रयास करता रहेगा और जरूरत पड़ी तो पत्रकार हित अपनी लड़ाई जारी रखेगा जब तक पत्रकारो को उनका हक नही मिल जाता है।

पत्रकारो को भी आर्थिक सहायता दे केंद्र सरकार= राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद सागर

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भारत सरकार से सर्वहितकारी पत्रकार महासंगठन ने पत्रकारो को आर्थिक सहायता देने की मांग की।

अखिल भारतिय सर्वहितकारी पत्रकार महासंगठन लगातार पत्रकारो का आवाज उठता आ रहा है। इस समय पुरे विश्व में वैश्विक महामारी घोषित की गई है। जिसके वजह से पूरा भारत भी भी लॉक डाउन किया गया है किसी को भी बाहर निकले की अनुमति नही ताकि महामारी से लोगों को बचाया जा सके। परंतु पुलिस, और पत्रकारो को जनहित में सुचना बाधित न हो इस लिए पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगो तक सुचना पहुचा रहा है परंतु पत्रकारो को अभी तक राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कोई सहायता नही दी गई है। जिसके चलते अखिल भारतीय सर्वहितकारी महासंगठन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद सागर ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भेज कर पत्रकारो के हित के लिए भी आर्थियक सहायता देने की मांग की गई है। सागर जी ने बताया की पत्रकार हितों के लिए हमारा संगठन आगे भी पत्रकार हितों के लिए हर सम्भव प्रयास करता रहेगा और जरूरत पड़ी तो पत्रकार हित अपनी लड़ाई जारी रखेगा जब तक पत्रकारो को उनका हक नही मिल जाता है।

दिल्ली से पैदल मुरैना जा रहे ब्यक्ति की आगरा में मौत, 21 दिन के लॉक डाउन होने से बेरोजगार था

दिल्ली से पैदल मुरैना जा रहे ब्यक्ति की आगरा में मौत, 21 दिन के लॉक डाउन होने से बेरोजगार था

कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन के बीच बिना किसी परिवहन सुविधा के लोग भूखे-प्यासे ही पैदल सैकड़ों किलोमीटर दूर का सफर तय कर घर पहुंचने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला आगरा से आया है जहां पर अरतीस वर्षीय एक युवक ने दिल्ली से करीब करीब 200 मीटर का सफर तय करने के बाद आगर में सुबह छाती में दर्द की शिकायत की और गिर पड़ा। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

कोरोना से जंग में पैदल अपने घर निकले मजदूर की मौत का यह पहला मामला सामने आने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई। अब भी हाईवे पर हजारों मजदूर पैदल अपने घरों को निकले हैं। यह रणवीर नाम का व्यक्ति दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में काम करता था और लॉकडाउन के चलते बंद हो गया था। उसके बाद उसने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के अपने घर जाने का फैसला किया था, लेकिन वह आगरा तक ही चल पाया।

आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया, “पुलिस को शनिवार की सुबह यह सूचना मिली की सिकंद्रा पुलिस स्टेशन इलाके में आगरा-दिल्ली हाईवे पर एक शव पड़ा हुआ है। उसके बाद यह पता चला कि वह दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में एक रेस्टोरेंट में काम करता था।”

एसएसपी ने आगे बताया- “रणवीर दिल्ली से अपने दो अन्य लोगों के साथ मुरैना में अपने गांव के लिए पैदल चला था। आगर में सुबह पहुंचने के बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद वे तीनों रूक गए और रणवीन वहीं गिर पड़ा।”

पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक वह व्यक्ति दम तोड़ चुका था। एसएसपी ने बताया कि इसलिए उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है ताकि वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके।

दिल्ली से पैदल मुरैना जा रहे ब्यक्ति की आगरा में मौत, 21 दिन के लॉक डाउन होने से बेरोजगार था

दिल्ली से पैदल मुरैना जा रहे ब्यक्ति की आगरा में मौत, 21 दिन के लॉक डाउन होने से बेरोजगार था

कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन के बीच बिना किसी परिवहन सुविधा के लोग भूखे-प्यासे ही पैदल सैकड़ों किलोमीटर दूर का सफर तय कर घर पहुंचने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला आगरा से आया है जहां पर अरतीस वर्षीय एक युवक ने दिल्ली से करीब करीब 200 मीटर का सफर तय करने के बाद आगर में सुबह छाती में दर्द की शिकायत की और गिर पड़ा। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

कोरोना से जंग में पैदल अपने घर निकले मजदूर की मौत का यह पहला मामला सामने आने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई। अब भी हाईवे पर हजारों मजदूर पैदल अपने घरों को निकले हैं। यह रणवीर नाम का व्यक्ति दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में काम करता था और लॉकडाउन के चलते बंद हो गया था। उसके बाद उसने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के अपने घर जाने का फैसला किया था, लेकिन वह आगरा तक ही चल पाया।

आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया, “पुलिस को शनिवार की सुबह यह सूचना मिली की सिकंद्रा पुलिस स्टेशन इलाके में आगरा-दिल्ली हाईवे पर एक शव पड़ा हुआ है। उसके बाद यह पता चला कि वह दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में एक रेस्टोरेंट में काम करता था।”

एसएसपी ने आगे बताया- “रणवीर दिल्ली से अपने दो अन्य लोगों के साथ मुरैना में अपने गांव के लिए पैदल चला था। आगर में सुबह पहुंचने के बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद वे तीनों रूक गए और रणवीन वहीं गिर पड़ा।”

पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक वह व्यक्ति दम तोड़ चुका था। एसएसपी ने बताया कि इसलिए उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है ताकि वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके।

कोरोना का कहर गरीबो पर पड़ रहा भारी, 12 घंटे में लाखों लोगों ने किया पलायन, अभी बस स्टेशनो पर हजारों की भीड़

12 घंटे में लाखों लोगों ने किया पलायन, अभी बस स्टेशनो पर हजारों की भीड़

             SEK IN INDIA NEWS

दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन पर शनिवार सुबह से रात लाखों की संख्या में लोग जुटे रहे। देर रात तक स्टेशन पर हजारों की संख्या में लाेग यूपी और बिहार के अलग अलग जिलों में जाने के लिए बसों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी बसों का इंतजाम करने में जुटे हैँ। वहां भीड़ इस कदर है कि पुलिस को व्यवस्था संभालने में पसीने छूट रहे हैं। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक दिल्ली बार्डर पर यूपी गेट के रास्ते करीब पांच लाख लोगों ने दिल्ली से पलायन किया है। इनमें से करीब साढ़े तीन लाख लोग कौशांबी और लालकुआं से बसों में बैठकर अपने गांव के लिए निकले हैं तो करीब डेढ़ लाख लोगों पैदल ही सफर शुरू कर दिया है। यह आंकड़ा शुक्रवार को हुए पलायन के सापेक्ष लगभग दो गुना है।

यूपी गेट बार्डर पर तैनात पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से लोगों का हुजूम सुबह छह बजे आना शुरू हुआ और रात के आठ बजे तक रेला टूटा नहीं है। यह स्थिति उस समय है जब गाजियाबाद पुलिस यूपी गेट से लगातार लोगों को बस में बैठाकर कौशांबी और लालकुंआ पहुंचा रही है। दरअसल, जैसे जैसे सूचना दिल्ली में फैल रही है कि यूपी गेट से गांव जाने के लिए बसों की व्यवस्था है, जो लोग अब तक नहीं जाने का मन बनाए बैठे थे, वह भी अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं। यातायात निरीक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि दोपहर बाद बसों की फ्रीक्वेंसी कम हो गई। सभी लोगों के लिए यूपी गेट से बस की व्यवस्था नहीं हो पायी। बावजूद इसके किसी के माथे पर शिकन नहीं था। लोग बस यही चाह रहे थे कि जैसे भी वह दिल्ली की सीमा पारकर यूपी में घुस जाएं। रास्ते में कहीं ना कहीं बस ट्रक या कोई अन्य साधन तो गांव जाने के लिए मिल ही जाएगा।

दोपहर बाद  निकले डेढ़ लाख लोग
पुलिस ने बताया कि खोड़ा कालोनी से लोग दोपहर बाद निकलना शुरू हुए और देर रात तक उनकी कतारें बनी हुई है। एक अनुमान के मुताबिक केवल खोड़ा कालोनी से ही दोपहर बारह बजे से रात आठ बजे तक करीब डेढ़ लोग बसों से या अन्य माध्यमों से निकल चुके थे। वहीं जिस प्रकार से कतारें लगी हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रात भर में करीब इतने ही लोग और निकल जाएंगे।

राजस्थान व मध्यप्रदेश के लोग भी पहुंचे
अब तक तो यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश के ही लोग आ रहे थे, लेकिन शनिवार शाम से राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के लोग भी पहुंचने लगे हैं। यातायात निरीक्षक बीपी गुप्ता के मुताबिक चूंकि यूपी गेट से अब बस की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में इन सभी लोगों को पैदल चलते हुए लालकुआं की ओर जाने दिया जा रहा है। बल्कि अब दिल्ली के विभिन्न अंतरराज्जीय बस टर्मिनल से भी लोग यूपी गेट और कौशांबी बस अड्डा पहुंचने लगे हैं।

कौशांबी से बस सेवा कम हुई, लालकुआं से जारी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शाम पांच बजे तक कौशांबी डिपो से खूब बसों को संचालन किया गया। लेकिन इसके बाद यहां से बसों का निकलना लगभग थम गया है। जबकि लालकुंआ से अभी भी हर दस मिनट में बसें यूपी के विभिन्न शहरों के लिए निकल रही हैं। ऐसे में दिल्ली से सीमा पार कर आने वाले लोगों को लालकुआं की ओर जाने दिया जा रहा है।

हजारों लोग कर रहे हैं बस का इंतजार
रात में साढ़े बजे तक लालकुआं में करीब पांच हजार लोग खड़े होकर अपने शहर में जाने वाली बस का इंतजार कर रहे थे। इसी प्रकार कौशांबी बस अड्डे पर भी करीब दो से ढाई हजार लोग इंतजार करते देखे गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जैसे जैसे बसों की व्यवस्था हो रही है, लोगों को रवाना किया जा रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग का ख्यान नहीं रखा
कोरोना के चलते भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करने के लिए अपील की जा रही है, लेकिन यूपी गेट मजदूरों की भीड़ ने सोशल डिस्टेंस का बिल्कुल ख्यान नहीं रखा। लोग भीड़ में एक-दूसरे से सटे हुए नजर आए। वहीं पुलिस भी अधिक भीड़ के चलते लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनवाने में असफल रही। इससे कोरोना से खतरे को लेकर सवाल भी खड़े हुए। हालाकि लोग अपने बचाव के लिए मास्क लगा रखे थे। जिनके पास मास्क नहीं थे, वे रुमाल बांध रखे थे।

कोरोना का कहर गरीबो पर पड़ रहा भारी, 12 घंटे में लाखों लोगों ने किया पलायन, अभी बस स्टेशनो पर हजारों की भीड़

12 घंटे में लाखों लोगों ने किया पलायन, अभी बस स्टेशनो पर हजारों की भीड़

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दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन पर शनिवार सुबह से रात लाखों की संख्या में लोग जुटे रहे। देर रात तक स्टेशन पर हजारों की संख्या में लाेग यूपी और बिहार के अलग अलग जिलों में जाने के लिए बसों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी बसों का इंतजाम करने में जुटे हैँ। वहां भीड़ इस कदर है कि पुलिस को व्यवस्था संभालने में पसीने छूट रहे हैं। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक दिल्ली बार्डर पर यूपी गेट के रास्ते करीब पांच लाख लोगों ने दिल्ली से पलायन किया है। इनमें से करीब साढ़े तीन लाख लोग कौशांबी और लालकुआं से बसों में बैठकर अपने गांव के लिए निकले हैं तो करीब डेढ़ लाख लोगों पैदल ही सफर शुरू कर दिया है। यह आंकड़ा शुक्रवार को हुए पलायन के सापेक्ष लगभग दो गुना है।

यूपी गेट बार्डर पर तैनात पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से लोगों का हुजूम सुबह छह बजे आना शुरू हुआ और रात के आठ बजे तक रेला टूटा नहीं है। यह स्थिति उस समय है जब गाजियाबाद पुलिस यूपी गेट से लगातार लोगों को बस में बैठाकर कौशांबी और लालकुंआ पहुंचा रही है। दरअसल, जैसे जैसे सूचना दिल्ली में फैल रही है कि यूपी गेट से गांव जाने के लिए बसों की व्यवस्था है, जो लोग अब तक नहीं जाने का मन बनाए बैठे थे, वह भी अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं। यातायात निरीक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि दोपहर बाद बसों की फ्रीक्वेंसी कम हो गई। सभी लोगों के लिए यूपी गेट से बस की व्यवस्था नहीं हो पायी। बावजूद इसके किसी के माथे पर शिकन नहीं था। लोग बस यही चाह रहे थे कि जैसे भी वह दिल्ली की सीमा पारकर यूपी में घुस जाएं। रास्ते में कहीं ना कहीं बस ट्रक या कोई अन्य साधन तो गांव जाने के लिए मिल ही जाएगा।

दोपहर बाद  निकले डेढ़ लाख लोग
पुलिस ने बताया कि खोड़ा कालोनी से लोग दोपहर बाद निकलना शुरू हुए और देर रात तक उनकी कतारें बनी हुई है। एक अनुमान के मुताबिक केवल खोड़ा कालोनी से ही दोपहर बारह बजे से रात आठ बजे तक करीब डेढ़ लोग बसों से या अन्य माध्यमों से निकल चुके थे। वहीं जिस प्रकार से कतारें लगी हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रात भर में करीब इतने ही लोग और निकल जाएंगे।

राजस्थान व मध्यप्रदेश के लोग भी पहुंचे
अब तक तो यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश के ही लोग आ रहे थे, लेकिन शनिवार शाम से राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के लोग भी पहुंचने लगे हैं। यातायात निरीक्षक बीपी गुप्ता के मुताबिक चूंकि यूपी गेट से अब बस की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में इन सभी लोगों को पैदल चलते हुए लालकुआं की ओर जाने दिया जा रहा है। बल्कि अब दिल्ली के विभिन्न अंतरराज्जीय बस टर्मिनल से भी लोग यूपी गेट और कौशांबी बस अड्डा पहुंचने लगे हैं।

कौशांबी से बस सेवा कम हुई, लालकुआं से जारी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शाम पांच बजे तक कौशांबी डिपो से खूब बसों को संचालन किया गया। लेकिन इसके बाद यहां से बसों का निकलना लगभग थम गया है। जबकि लालकुंआ से अभी भी हर दस मिनट में बसें यूपी के विभिन्न शहरों के लिए निकल रही हैं। ऐसे में दिल्ली से सीमा पार कर आने वाले लोगों को लालकुआं की ओर जाने दिया जा रहा है।

हजारों लोग कर रहे हैं बस का इंतजार
रात में साढ़े बजे तक लालकुआं में करीब पांच हजार लोग खड़े होकर अपने शहर में जाने वाली बस का इंतजार कर रहे थे। इसी प्रकार कौशांबी बस अड्डे पर भी करीब दो से ढाई हजार लोग इंतजार करते देखे गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जैसे जैसे बसों की व्यवस्था हो रही है, लोगों को रवाना किया जा रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग का ख्यान नहीं रखा
कोरोना के चलते भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करने के लिए अपील की जा रही है, लेकिन यूपी गेट मजदूरों की भीड़ ने सोशल डिस्टेंस का बिल्कुल ख्यान नहीं रखा। लोग भीड़ में एक-दूसरे से सटे हुए नजर आए। वहीं पुलिस भी अधिक भीड़ के चलते लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनवाने में असफल रही। इससे कोरोना से खतरे को लेकर सवाल भी खड़े हुए। हालाकि लोग अपने बचाव के लिए मास्क लगा रखे थे। जिनके पास मास्क नहीं थे, वे रुमाल बांध रखे थे।

किसान भाई सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन करते हुए अपनी फसलों की कटाई कर सकते हैं।

किसान भाई सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन करते हुए अपनी फसलों की कटाई कर सकते हैं
जिलाधिकारी ने रवी की फसलों की कटाई के मौसम को देखते 
हुए कहा है कि किसान भाई सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन करते हुए 
अपनी फसलों की कटाई कर सकते हैं। परन्तु किसान भाई अधिक संख्या 
में एक साथ इकट्ठा होकर कटाई का कार्य न करें, सोशल 
डिस्टेन्सिंग का पूरा अनुपालन करें, जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण 
से वे पूरी तरह सुरक्षित रहें। उर्वरक, बीज एवं कृषि रक्षा रसायनों की बिक्री 
की जा सकती है। कोरोना वायरस के सुरक्षात्मक उपायों एवं सोशल 
डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित रहे।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव।   जनपद कुशीनगर के ग्रामसभा ठाड़ीभार ...