SEK IN INDIA NEWS: जनवरी 2021

LIVE Kisan Tractor March: दिल्ली में घुस गए किसान। अब घमसान

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है। 

LIVE Kisan Tractor March: 

टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल

टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। 

LIVE Kisan Tractor March: किसानों का ट्रैक्टर मार्च देखकर पुलिस हुई सख्त, रोके गए प्रदर्शनकारी

दिल्ली पुलिस के जवान ही किसान नेताओं के वाहनों को रास्ता देते नजर आए। दिल्ली लंबे समय के बाद टीकरी बॉर्डर का नजारा सोमवार को कुछ बदला-बदला नजर आया। सोमवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बार्डर पर बदलाव भी होता चला गया और देर शाम तक दिल्ली आने वाले रास्ते को लगभग साफ कर दिया गया था। नई दिल्ली, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है।  
 टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल
टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।
मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।
वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि
तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस तरह तीनों बॉर्डर से कुल 15 ,000 ट्रैक्टर को दिल्ली प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है।
तय अनुमति पत्र/ NOC के मुताबिक. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक के लिए ही टैक्टर परेड की अनुमति दी गई है। किसान नेताओं से यह भी कहा गया है कि वे ढाई हजार वालंटियर सभी रूटों लगाएं।
परेड के दौरान आंदोलनकारियों को एक लेन छोड़नी पड़ेगी, एम्बुलेंस या इमरजेंसी वाहन के लिए। कोई आपत्तिजनक पोस्टर या बैनर किसी भी वाहन में नहीं लगाना होगा। रैली में कोई ड्रग्स/ शराब का सेवन नहीं करेगा। कोई भी शख्स गाड़ी के साथ स्टंट नहीं करेगा। कोई भी विस्फोटक सहित हथियार अपने साथ लेकर परेड में नहीं आएगा।

LIVE Kisan Tractor March: दिल्ली में घुस गए किसान। अब घमसान

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है। 

LIVE Kisan Tractor March: 

टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल

टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। 

LIVE Kisan Tractor March: किसानों का ट्रैक्टर मार्च देखकर पुलिस हुई सख्त, रोके गए प्रदर्शनकारी

दिल्ली पुलिस के जवान ही किसान नेताओं के वाहनों को रास्ता देते नजर आए। दिल्ली लंबे समय के बाद टीकरी बॉर्डर का नजारा सोमवार को कुछ बदला-बदला नजर आया। सोमवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा बार्डर पर बदलाव भी होता चला गया और देर शाम तक दिल्ली आने वाले रास्ते को लगभग साफ कर दिया गया था। नई दिल्ली, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के तीन रूटों पर मंगलवार को किसान संगठन ने ट्रैक्टर परेड भी निकालना शुरू कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के बाद यूपी गेट से भी किसान दिल्ली में घुस गए हैं। दोनों जगहों पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ा है। पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट पर बैरिकेड तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं। यहां तक कि गाज़ीपुर डेयरी फार्म तक पहुंच गए हैं। 

वहीं, युवा परेड के नाम पर सड़कों पर हुड़दंग कर रहे हैं। यूपी गेट और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए हैं।  वहीं, एनएच- 9 व एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह से किसानों का कब्ज़ा है। इस दौरान डीटीसी बस के भी तोड़े जाने की खबर आई है।  
 टीकरी बॉर्डर पर रैली में ट्रैक्टर के साथ जेसीबी भी शामिल
टीकरी बॉर्डर से निकली परेड में 35 लाख रुपये की कीमत का ट्रैक्टर भी शामिल है, जो लोगों को काफी लुभा रहा है।
मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया।
वहीं, ट्रैक्टर परेड के मसले पर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच कुल 37 प्वाइंट पर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने को लेकर करार हुआ है। करार में यह भी साफ साफ बता दिया गया है कि
तय NOC के मुताबिक अगर एक भी मुद्दे पर /पॉइंट पर अगर अवहेलना किया जाएगा तो तय NOC को रद माना जायेगा। हर सीमा से पांच- पांच हजार ट्रैक्टरों और पांच हजार लोगों को ही दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं में घुसने की अनुमति दी गई है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर इन तीनों बॉर्डर से पांच हजार ट्रैक्टर और पांच हजार लोगों को प्रत्येक बॉर्डर से दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस तरह तीनों बॉर्डर से कुल 15 ,000 ट्रैक्टर को दिल्ली प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है।
तय अनुमति पत्र/ NOC के मुताबिक. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक के लिए ही टैक्टर परेड की अनुमति दी गई है। किसान नेताओं से यह भी कहा गया है कि वे ढाई हजार वालंटियर सभी रूटों लगाएं।
परेड के दौरान आंदोलनकारियों को एक लेन छोड़नी पड़ेगी, एम्बुलेंस या इमरजेंसी वाहन के लिए। कोई आपत्तिजनक पोस्टर या बैनर किसी भी वाहन में नहीं लगाना होगा। रैली में कोई ड्रग्स/ शराब का सेवन नहीं करेगा। कोई भी शख्स गाड़ी के साथ स्टंट नहीं करेगा। कोई भी विस्फोटक सहित हथियार अपने साथ लेकर परेड में नहीं आएगा।

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR
नई दिल्ली. फर्जी पत्रकारों के पकड़े जाने के लगातार बाद से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लगातार सख्त होता दिखाई दे रहा है। पाया गया है कि लोगों जालसाज लोगों द्वारा न्यूज़ पोर्टल बनाकर उसका उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कराकर अनाधिकृत रूप से जाली प्रेस कार्ड जारी किए जाते हैं। जबकि यह पूर्ण रूप से अवैध है प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार केवल आरएनआई रजिस्टर्ड समाचारपत्रों व सूचना प्रसारण में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनलों को ही है, जबकि इसके ठीक विपरीत अवैधानिक कार्य किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि फर्जी न्यूज़ पोर्टल द्वारा यदि प्रेस कार्ड जारी करने का कोई मामला प्रकाश में आता है तो सञ्चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी वहीं लोगों से ऐसे जालसाजों से बचने की अपील की गई।
आपको बता दें कि जालसाज लोगों द्वारा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कर न्यूज़ वेबसाइट तथा यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को स्वघोषित मीडिया संस्थान बताकर भोले भाले लोगों को झांसा देकर पत्रकार बनाने के नाम पर धन उगाही की जा रही है तथा अयोग्य लोगों को फर्जी पत्रकार बनाये जाने का बड़ा खेल चल रहा है। किराना व्यापारी से लेकर पंचर बनाने वाले लोगों ने खुद के फर्जी प्रेस कार्ड बनवाकर पत्रकार का ठप्पा लगा रखा है, वहीं यह भी देखा जा रहा है समाज में अवैध धंधा करने वाले अपराधियों व अराजक तत्वों ने भी इन फर्जी मीडिया संस्थानों से प्रेसकार्ड जारी करवा लिया है तथा अवैधानिक कृत्य कर रहे हैं। 
हाल ही में लखनऊ में एक ऐसा शातिर अपराधी पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जो गम्भीर आपराधिक कृत्यों में लिप्त था तथा खुद का फर्जी न्यूज़ पोर्टल चला रहा था उसके पास से जो गाड़ी बरामद हुई उसमें B BHARAT न्यूज़ लिखा हुआ था।

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR

यदि न्यूज़ पोर्टल संचालकों ने जारी किया प्रेसकार्ड तो दर्ज होगी FIR
नई दिल्ली. फर्जी पत्रकारों के पकड़े जाने के लगातार बाद से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लगातार सख्त होता दिखाई दे रहा है। पाया गया है कि लोगों जालसाज लोगों द्वारा न्यूज़ पोर्टल बनाकर उसका उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कराकर अनाधिकृत रूप से जाली प्रेस कार्ड जारी किए जाते हैं। जबकि यह पूर्ण रूप से अवैध है प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार केवल आरएनआई रजिस्टर्ड समाचारपत्रों व सूचना प्रसारण में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनलों को ही है, जबकि इसके ठीक विपरीत अवैधानिक कार्य किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि फर्जी न्यूज़ पोर्टल द्वारा यदि प्रेस कार्ड जारी करने का कोई मामला प्रकाश में आता है तो सञ्चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी वहीं लोगों से ऐसे जालसाजों से बचने की अपील की गई।
आपको बता दें कि जालसाज लोगों द्वारा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कर न्यूज़ वेबसाइट तथा यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को स्वघोषित मीडिया संस्थान बताकर भोले भाले लोगों को झांसा देकर पत्रकार बनाने के नाम पर धन उगाही की जा रही है तथा अयोग्य लोगों को फर्जी पत्रकार बनाये जाने का बड़ा खेल चल रहा है। किराना व्यापारी से लेकर पंचर बनाने वाले लोगों ने खुद के फर्जी प्रेस कार्ड बनवाकर पत्रकार का ठप्पा लगा रखा है, वहीं यह भी देखा जा रहा है समाज में अवैध धंधा करने वाले अपराधियों व अराजक तत्वों ने भी इन फर्जी मीडिया संस्थानों से प्रेसकार्ड जारी करवा लिया है तथा अवैधानिक कृत्य कर रहे हैं। 
हाल ही में लखनऊ में एक ऐसा शातिर अपराधी पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जो गम्भीर आपराधिक कृत्यों में लिप्त था तथा खुद का फर्जी न्यूज़ पोर्टल चला रहा था उसके पास से जो गाड़ी बरामद हुई उसमें B BHARAT न्यूज़ लिखा हुआ था।

मऊ में कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव

ज़िले में किसान कल्याण मिशन को परवान चढ़ाने के लिए मऊ के कृषि विभाग द्वारा गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार, कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव, पर्यावरण संरक्षण के प्रति रहें सजग और हितकारी योजनाओं के प्रति बेदार
           रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
 13 जनवरी 2021.ज़िले में कृषि उद्योग और उससे जुड़ी तमामतर सरगर्मियों को परवान चढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मऊ के कृषि विभाग ने गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार किया है जिसके तहत आज यहाँ ज़िले के विकास खण्ड रतनपुरा, दोहरीघाट और फतेहपुर मण्डांव के मुख्यालय पर "किसान कल्याण मिशन" के तहत किसान मेला, गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें ज़बरदस्त उत्साह और दिलचस्पी दिखाते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज करायी।
विकास खण्ड रतनपुरा में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र प्रजापति के हाथों अमल में आयी। कार्यक्रम में के०वी०के० वैज्ञानिक एसएन सिंह चौहान और जिला कृषि अधिकारी ने कृषि विविधिकरण के अन्तर्गत गन्ना, उद्यान, मत्स्य और पशुपालन विभाग के किसानहित से जुड़े सरकारी मंसूबों और उन मंसूबों में किसानों को दिए जा रहे अनुदान और उनकी आमदनी दोगुनी करने के खास किरदार पर विस्तार से रौशनी डाली। कार्यक्रम में प्रतिमा सिंह और केदार सिंह को उनका प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपकर सम्मानित किया गया। 
इसी प्रकार, विकास खण्ड फतेहपुर मण्डाव में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान के प्रतिनिधि शिव प्रकाश उपाध्याय ने अंजाम दी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने की कारआमद सलाह दी और गोबर, कम्पोस्ट और जैविक खादों के सही इस्तेमाल और उनके ज़बरदस्त फायदों से किसानों को बाखबर किया। 

किसान कल्याण मिशन के तहत ज़िले के विकास खण्ड दोहरीघाट में भी कार्यक्रम की अध्यक्षता विनय राय उर्फ बंटी द्वारा अमल में आयी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक एसके सिंह के ज़रिए कार्यक्रम में मौजूद किसानों के अनुदान और किसान सम्मान निधि से जुड़े सवालों का तसल्लीबख्श जवाब देकर उन्हें पूरी तरह आश्वासित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभुनाथ पुत्र रामदेव और उदयभान मौर्य को उनके प्रशस्ति पत्र सौंपकर सम्मान से नवाजा गया।

मऊ में कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव

ज़िले में किसान कल्याण मिशन को परवान चढ़ाने के लिए मऊ के कृषि विभाग द्वारा गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार, कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दिए गए बेशकीमत सुझाव, पर्यावरण संरक्षण के प्रति रहें सजग और हितकारी योजनाओं के प्रति बेदार
           रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
 13 जनवरी 2021.ज़िले में कृषि उद्योग और उससे जुड़ी तमामतर सरगर्मियों को परवान चढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मऊ के कृषि विभाग ने गहरी प्रतिबद्धता का इज़हार किया है जिसके तहत आज यहाँ ज़िले के विकास खण्ड रतनपुरा, दोहरीघाट और फतेहपुर मण्डांव के मुख्यालय पर "किसान कल्याण मिशन" के तहत किसान मेला, गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें ज़बरदस्त उत्साह और दिलचस्पी दिखाते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज करायी।
विकास खण्ड रतनपुरा में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र प्रजापति के हाथों अमल में आयी। कार्यक्रम में के०वी०के० वैज्ञानिक एसएन सिंह चौहान और जिला कृषि अधिकारी ने कृषि विविधिकरण के अन्तर्गत गन्ना, उद्यान, मत्स्य और पशुपालन विभाग के किसानहित से जुड़े सरकारी मंसूबों और उन मंसूबों में किसानों को दिए जा रहे अनुदान और उनकी आमदनी दोगुनी करने के खास किरदार पर विस्तार से रौशनी डाली। कार्यक्रम में प्रतिमा सिंह और केदार सिंह को उनका प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपकर सम्मानित किया गया। 
इसी प्रकार, विकास खण्ड फतेहपुर मण्डाव में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान के प्रतिनिधि शिव प्रकाश उपाध्याय ने अंजाम दी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने की कारआमद सलाह दी और गोबर, कम्पोस्ट और जैविक खादों के सही इस्तेमाल और उनके ज़बरदस्त फायदों से किसानों को बाखबर किया। 

किसान कल्याण मिशन के तहत ज़िले के विकास खण्ड दोहरीघाट में भी कार्यक्रम की अध्यक्षता विनय राय उर्फ बंटी द्वारा अमल में आयी जिसमें के०वी०के० वैज्ञानिक एसके सिंह के ज़रिए कार्यक्रम में मौजूद किसानों के अनुदान और किसान सम्मान निधि से जुड़े सवालों का तसल्लीबख्श जवाब देकर उन्हें पूरी तरह आश्वासित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभुनाथ पुत्र रामदेव और उदयभान मौर्य को उनके प्रशस्ति पत्र सौंपकर सम्मान से नवाजा गया।

11 शहरों में वैक्‍सीन की पहली खेप भेजी गई

11 शहरों में वैक्‍सीन की पहली खेप भेजी गई

 एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह 06:40 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI 559 से वैक्सीन के पहले भेजे गए माल के तहत हैदराबाद से दिल्ली भेजा गया है। दिल्ली के अलावा कोवैक्सीन की खेप बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई, पटना और लखनऊ भी भेजी गई है। आज कुल 11 शहरों में वैक्‍सीन की खेप भेजी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'कोवैक्सीन' की 55 लाख और 'कोविशील्ड' की 1.1 करोड़ टीके की खुराक खरीदी जा रही है। इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन को डीसीजीआइ (DCGI) द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। आइसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का निर्माण किया है। भारत बायोटेक शुरुआती तौर पर 38.5 लाख टीके की डोज के लिए 295 रुपये प्रति खुराक कीमत ले रहा है। भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार को 16.5 लाख डोज मुफ्त देने का भी फैसला किया है।
केंद्र को अब तक 54 लाख से अधिक वैक्सीन मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि पहले चरण की पूरी खेप सभी राज्यों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी। ज्ञात हो कि हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद इसका असर शुरू होगा।

11 शहरों में वैक्‍सीन की पहली खेप भेजी गई

11 शहरों में वैक्‍सीन की पहली खेप भेजी गई

 एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह 06:40 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI 559 से वैक्सीन के पहले भेजे गए माल के तहत हैदराबाद से दिल्ली भेजा गया है। दिल्ली के अलावा कोवैक्सीन की खेप बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई, पटना और लखनऊ भी भेजी गई है। आज कुल 11 शहरों में वैक्‍सीन की खेप भेजी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'कोवैक्सीन' की 55 लाख और 'कोविशील्ड' की 1.1 करोड़ टीके की खुराक खरीदी जा रही है। इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन को डीसीजीआइ (DCGI) द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। आइसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का निर्माण किया है। भारत बायोटेक शुरुआती तौर पर 38.5 लाख टीके की डोज के लिए 295 रुपये प्रति खुराक कीमत ले रहा है। भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार को 16.5 लाख डोज मुफ्त देने का भी फैसला किया है।
केंद्र को अब तक 54 लाख से अधिक वैक्सीन मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि पहले चरण की पूरी खेप सभी राज्यों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी। ज्ञात हो कि हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद इसका असर शुरू होगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर
                   रिपोर्ट जुनैद अर्सलान 
मऊ, 12 जनवरी 2021 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं सह-प्रभारी उत्तर प्रदेश बाजीराव खाड़े का आगमन मंगलवार को बकवल ब्लाक के न्यायपंचायत हरदशपुर मे चल रहे संगठन सृजन अभियान के तहत द्वितीय चरण के कार्यक्रम मे हुआ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ दिलाकर सभा की शुरूआत की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए  बाजीराव खाड़े ने कहा कि प्रदेश मे लम्बे समय से कांग्रेस का शासन न होने से प्रदेश की आम जनता को काफी नुकसान हुआ है जिसमें नौजवान, गरीब,आदिवासी, किसान,मज़दूर सब मौजूदा सरकार की नीतियों से बुरी तरह परेशान है। यह किसान विरोधी सरकार किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीनों काले कानून लेकर आई है जो किसानों को ही नही बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी कमज़ोर कर देगा। वर्तमान सरकार कांग्रेस द्वारा सृजित योजनाओं को कमज़ोर करने और सरकारी कम्पनियों को बेचने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज 12 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा का जन्मदिन है जिसके उपलक्ष्य में कांग्रेसी सेवाकार्य, पार्टी का संगठन बनाने का काम और यथासम्भव जरूरतमंदों की मदद से जुड़े काम करेंगे । किसी विशेष कार्यक्रम के बजाय उनका जन्मदिन इन्हीं कार्यों को करते हुए मनाया जाएगा। इसलिए आज गरीब ज़रूरत मन्दो को परदहां बकवल मे माधवेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व मे कम्बल बांटा गया और शहर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश कुशवाहा के अगुवाई में मऊ सदर हास्पिटल मे मरीज़ों को फल वितरित किया गया।
कार्यक्रम को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इंतेखाब आलम ने भी खिताब किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन से सृजन अभियान निश्चित रूप से ज़िले मे संगठन को जनता तक पहुँचाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हमेशा आम जनमानस की समस्याओं के लिए लड़ता रहेगा। इस अभियान के जनपद प्रभारी रामअवध यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब व मज़दूर विरोधी सरकार है देश का अन्नदाता अपने हक को लेकर इस भीषण ठण्ड मे जान गवां रहा है कई किसानों ने आत्महत्या कर ली मगर सरकार अन्नदाताओं के हित की बात कहकर पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने के लिए कृषि कानून वापस लेने को तैयार नही है। पूर्व राष्ट्रीय महिला उपाध्यक्ष डॉ0 सुधा राय ने बताया कांग्रेस पार्टी इस अभियान के तहत आम कार्यकर्ताओं तक पहुँचकर कांग्रेस पार्टी को और अधिक मज़बूत बनाया जाएगा।क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस समय आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह कहा आज भाजपा सरकार के जनविरोधी नीतियों के कारण किसान,
नौजवान,  छोटे  मझौले व्यापारी, छात्र, महिला सब त्रस्त है। एक  एक करके यह सरकार सारे व्यवस्थाओं का दमन कर रही है। 
इस सभा को ब्लाक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह,अवनीश सिंह,माधवेन्द्र बहादुर सिंह,ब्रहम्मानन्द पांडेय ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में घनश्याम सहाय, प्रदीप सिंह, राना खातून, सम्पत मौर्या, नज़ीर अहमद, अकरम प्रेमियर, बालजीत चौहान, रवि प्रकाश , अनिल राय, सुभाष राम, विनय गौतम, बृजभान तिवारी, आनन्द सिंह, रमन पांडेय, ओमनारायण शर्मा, सर्वेस कुमार, प्यारे लाल सिंह, वकील अहमद, संजय चौहान, अबुल फैज़, शमीम अख्तर, इदरीस कादिर आदि शामिल रहे।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव का मऊ आगमन, कांग्रेसियों में उत्साह की लहर
                   रिपोर्ट जुनैद अर्सलान 
मऊ, 12 जनवरी 2021 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं सह-प्रभारी उत्तर प्रदेश बाजीराव खाड़े का आगमन मंगलवार को बकवल ब्लाक के न्यायपंचायत हरदशपुर मे चल रहे संगठन सृजन अभियान के तहत द्वितीय चरण के कार्यक्रम मे हुआ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ दिलाकर सभा की शुरूआत की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए  बाजीराव खाड़े ने कहा कि प्रदेश मे लम्बे समय से कांग्रेस का शासन न होने से प्रदेश की आम जनता को काफी नुकसान हुआ है जिसमें नौजवान, गरीब,आदिवासी, किसान,मज़दूर सब मौजूदा सरकार की नीतियों से बुरी तरह परेशान है। यह किसान विरोधी सरकार किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीनों काले कानून लेकर आई है जो किसानों को ही नही बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी कमज़ोर कर देगा। वर्तमान सरकार कांग्रेस द्वारा सृजित योजनाओं को कमज़ोर करने और सरकारी कम्पनियों को बेचने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज 12 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा का जन्मदिन है जिसके उपलक्ष्य में कांग्रेसी सेवाकार्य, पार्टी का संगठन बनाने का काम और यथासम्भव जरूरतमंदों की मदद से जुड़े काम करेंगे । किसी विशेष कार्यक्रम के बजाय उनका जन्मदिन इन्हीं कार्यों को करते हुए मनाया जाएगा। इसलिए आज गरीब ज़रूरत मन्दो को परदहां बकवल मे माधवेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व मे कम्बल बांटा गया और शहर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश कुशवाहा के अगुवाई में मऊ सदर हास्पिटल मे मरीज़ों को फल वितरित किया गया।
कार्यक्रम को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इंतेखाब आलम ने भी खिताब किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन से सृजन अभियान निश्चित रूप से ज़िले मे संगठन को जनता तक पहुँचाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हमेशा आम जनमानस की समस्याओं के लिए लड़ता रहेगा। इस अभियान के जनपद प्रभारी रामअवध यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब व मज़दूर विरोधी सरकार है देश का अन्नदाता अपने हक को लेकर इस भीषण ठण्ड मे जान गवां रहा है कई किसानों ने आत्महत्या कर ली मगर सरकार अन्नदाताओं के हित की बात कहकर पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने के लिए कृषि कानून वापस लेने को तैयार नही है। पूर्व राष्ट्रीय महिला उपाध्यक्ष डॉ0 सुधा राय ने बताया कांग्रेस पार्टी इस अभियान के तहत आम कार्यकर्ताओं तक पहुँचकर कांग्रेस पार्टी को और अधिक मज़बूत बनाया जाएगा।क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस समय आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह कहा आज भाजपा सरकार के जनविरोधी नीतियों के कारण किसान,
नौजवान,  छोटे  मझौले व्यापारी, छात्र, महिला सब त्रस्त है। एक  एक करके यह सरकार सारे व्यवस्थाओं का दमन कर रही है। 
इस सभा को ब्लाक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह,अवनीश सिंह,माधवेन्द्र बहादुर सिंह,ब्रहम्मानन्द पांडेय ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में घनश्याम सहाय, प्रदीप सिंह, राना खातून, सम्पत मौर्या, नज़ीर अहमद, अकरम प्रेमियर, बालजीत चौहान, रवि प्रकाश , अनिल राय, सुभाष राम, विनय गौतम, बृजभान तिवारी, आनन्द सिंह, रमन पांडेय, ओमनारायण शर्मा, सर्वेस कुमार, प्यारे लाल सिंह, वकील अहमद, संजय चौहान, अबुल फैज़, शमीम अख्तर, इदरीस कादिर आदि शामिल रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।

                     SEK NEWS
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई और इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। आज की सुनवाई पूरी हो गई है और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। साथ ही कमेटी का भी गठन कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमको ऐसा भी सुनने को मिला है कि प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन में लगे हैं। इसपर CJI ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है। CJI बोले- आप कल तक इस पर हलफनामा दीजिए। इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरे मामले पर आज आदेश नहीं देंगे। आदेश आज ही आएगा। आप इस पहलू पर कल तक जवाब दें।आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोगों को रामलीला मैदान में जगह मिलनी चाहिए। जहां मीडिया भी उन्हें देख सके। इसपर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अभी तक किसी ने रैली के लिए प्रशासन को आवेदन दिया? मुख्य न्यायाधीश ने अपने बयान में कहा कि हम आदेश में कहेंगे कि रामलीला मैदान या अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली पुलिस आयुक्त की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के होने पर नाराजगी जताई थी, जिसपर आज सुनवाई के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील ने कहा कि वे सभी आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इसपर CJI ने कहा कि हम आपके बयान को रिकॉर्ड कर रहे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोले- समिति इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। हम कानून का अमल स्थगित करेंगे। लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं। हमारा मकसद सिर्फ सकारात्मक माहौल बनाना है।शर्मा ने कहा कि किसान यह भी कह रहे हैं कि सब आ रहे हैं, पीएम बैठक में क्यों नहीं आते। इसपर कोर्ट ने कहा कि हम पीएम को नहीं कहेंगे कि वह बैठक में आएं। CJI बोले- हम एक समिति बना रहे हैं, ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो। हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान समिति में नहीं जाएंगे। हम समस्या को हल करने के लिए देख रहे हैं। यदि आप (किसान) अनिश्चित काल के लिए आंदोलन करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं। CJI ने कहा कि यह समिति हमारे लिए होगी। आप सभी लोग जो इस मुद्दे को हल करने की उम्मीद कर रहे हैं, इस समिति के समक्ष जाएंगे। यह एक आदेश पारित नहीं करेगा या आपको दंडित नहीं करेगा, यह केवल हमें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा की बात सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा, हम अंतरिम आदेश में कहेंगे कि जमीन को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश बोले- हम इसे जीवन मौत के मामले की तरह नहीं देख रहे। हमारे सामने कानून की वैधता का सवाल है। कानूनों के अमल को स्थगित करना हमारे हाथ में है। साथ ही मसले के लिए कमिटी बनाई जा सकती है, मामला वहां उठा सकते हैं।याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने बताया कि किसान किसी कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते। सिर्फ कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं। किसानों को कॉरपोरेट हाथों में छोड़ देने की तैयारी है। बता दें कि सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि वह समाधान के लिए नए कानूनों को अमल करने पर भी रोक लगा सकती है। साथ ही कोर्ट द्वारा एक समिति के गठन का सुझाव दिया गया था, जो जांच करेगी कि क्या कानून सार्वजनिक हित में है या नहीं। हालांकि, किसानों ने बीते दिन ही किसी कमेटी के साथ काम करने के मना कर दिया था। किसान संगठन के चारों वकील प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, एच.एस. फुल्का, कोलिन गोंजाल्विस आज की सुनवाई में शामिल नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कोर कमेटी की बैठक करेंगे। इसके बाद, हम अपनी कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई।

                     SEK NEWS
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई और इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। आज की सुनवाई पूरी हो गई है और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। साथ ही कमेटी का भी गठन कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमको ऐसा भी सुनने को मिला है कि प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन में लगे हैं। इसपर CJI ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है। CJI बोले- आप कल तक इस पर हलफनामा दीजिए। इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरे मामले पर आज आदेश नहीं देंगे। आदेश आज ही आएगा। आप इस पहलू पर कल तक जवाब दें।आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोगों को रामलीला मैदान में जगह मिलनी चाहिए। जहां मीडिया भी उन्हें देख सके। इसपर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अभी तक किसी ने रैली के लिए प्रशासन को आवेदन दिया? मुख्य न्यायाधीश ने अपने बयान में कहा कि हम आदेश में कहेंगे कि रामलीला मैदान या अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली पुलिस आयुक्त की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के होने पर नाराजगी जताई थी, जिसपर आज सुनवाई के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील ने कहा कि वे सभी आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इसपर CJI ने कहा कि हम आपके बयान को रिकॉर्ड कर रहे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोले- समिति इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। हम कानून का अमल स्थगित करेंगे। लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं। हमारा मकसद सिर्फ सकारात्मक माहौल बनाना है।शर्मा ने कहा कि किसान यह भी कह रहे हैं कि सब आ रहे हैं, पीएम बैठक में क्यों नहीं आते। इसपर कोर्ट ने कहा कि हम पीएम को नहीं कहेंगे कि वह बैठक में आएं। CJI बोले- हम एक समिति बना रहे हैं, ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो। हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान समिति में नहीं जाएंगे। हम समस्या को हल करने के लिए देख रहे हैं। यदि आप (किसान) अनिश्चित काल के लिए आंदोलन करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं। CJI ने कहा कि यह समिति हमारे लिए होगी। आप सभी लोग जो इस मुद्दे को हल करने की उम्मीद कर रहे हैं, इस समिति के समक्ष जाएंगे। यह एक आदेश पारित नहीं करेगा या आपको दंडित नहीं करेगा, यह केवल हमें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा की बात सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा, हम अंतरिम आदेश में कहेंगे कि जमीन को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश बोले- हम इसे जीवन मौत के मामले की तरह नहीं देख रहे। हमारे सामने कानून की वैधता का सवाल है। कानूनों के अमल को स्थगित करना हमारे हाथ में है। साथ ही मसले के लिए कमिटी बनाई जा सकती है, मामला वहां उठा सकते हैं।याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने बताया कि किसान किसी कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते। सिर्फ कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं। किसानों को कॉरपोरेट हाथों में छोड़ देने की तैयारी है। बता दें कि सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि वह समाधान के लिए नए कानूनों को अमल करने पर भी रोक लगा सकती है। साथ ही कोर्ट द्वारा एक समिति के गठन का सुझाव दिया गया था, जो जांच करेगी कि क्या कानून सार्वजनिक हित में है या नहीं। हालांकि, किसानों ने बीते दिन ही किसी कमेटी के साथ काम करने के मना कर दिया था। किसान संगठन के चारों वकील प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, एच.एस. फुल्का, कोलिन गोंजाल्विस आज की सुनवाई में शामिल नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कोर कमेटी की बैठक करेंगे। इसके बाद, हम अपनी कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है।

तबाही की दास्तान लिख चुके कोरोना वायरस के बाद अब देश के सिर मंडराने लगा बर्डफ्लू का खतरा

तबाही की दास्तान लिख चुके कोरोना वायरस के बाद अब देश के सिर मंडराने लगा बर्डफ्लू का खतरा,
.                   रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
ज़िलाधिकारी की लोगों से अपील, एहतियात बरतें वरना समूचे दूध को फाड़ने के लिए काफी होता है लेमु का महज़ एक ही कतरा
मऊ, 12 जनवरी 2021. मुल्क में तबाही की दास्तान लिख रहे कोरोना वायरस का संकट अभी पूरी तरह खतम भी नहीं हुआ था कि उसी बीच एक दूसरी प्राणघातक बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्डफ्लू) संकटमयी और गंभीर बादल के रूप में हमारे सरों पर मुसल्लत हो गयी है जिससे प्रभावित होकर अब तक हज़ारों लोग मौत के घाट उतर चुके हैं। यही वजह है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने देशभर में इस बड़े खतरे से लोगों को सचेत और जागरूक करने के उद्देश्य से अपने मातहतों को कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। 

बर्ड फ्लू से बचाव और उसकी रोकथाम के इसी सिलसिले में आज यहाँ एक कैम्प कार्यालय में जनपद के ज़िलाधिकारी अमित सिंह बंसल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने एवियन इन्फ्लुएंजा अर्थात बर्ड फ्लू की रोकथाम से जुड़े पहलुओं पर विस्तार से रौशनी डाली और स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी को इस खतरनाक रोग पर नियंत्रण पाने के लिए पक्षियो के रैंडम सैंपल लेने के निर्देश दिए और साथ ही नगर पालिका के सभी ई०ओ० को आबादी वाले इलाकों से सुअरों को बाहर कराने का आदेश जारी किया। 

बैठक को संबोधित करते हुए ज़िलाधिकारी ने कहा कि बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों से इंसानों में फैलने वाली एक खतरनाक और विषाणुजनक बीमारी है जो विपरीत परिस्थितियों में कभी कभार सपीसीज़र बैरियर को लांघ कर इंसानी शरीर पर भी हमलावर हो जाती है। उन्होंने इस बीमारी के प्रसार संबंधी विषयों पर खास चर्चा करते हुए कहा कि ये वायरस संक्रमित पक्षियों की आंख, सांस की नली और बीट के संपर्क में आने से ही इंसानी शरीर में दाखिल होता है जिसमें वायरस से संक्रमित पक्षी की शिनाख्त तेज़ बुखार, फेटल कलगी, पांव के बैंगनी हो जाने, उनकी गर्दन व आंखों के निचले हिस्से में सूजन से बखूबी की जा सकती है। 

उन्होंने ज़िले और तहसील स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम और टास्कफोर्स का गठन करने के साथ ही समिति को निर्देशित किया है कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स और एंटीवायरल दवाओं को इस्तेमाल में लाकर पक्षियों की कलिंग, उनके टीकाकरण, कड़ी निगरानी और विसंक्रमण (नसबन्दी) को अमल में लाया जाए और इस भयानक बीमारी से बचाव के लिए सावधानियों और ज़रूरी तदबीरों के प्रति लोगों को जंगी पैमाने पर जागरूक किया जाए। 

इस संबंध में ज़िलाधिकारी के ज़रिए एहतियातन लोगों की सहूलत के लिए जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना डा० आरपी सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी सदर मऊ और नोडल अधिकारी की निगरानी में की जाती है जिसका जनहित में जारी दूरभाष नम्बर 9415818414 बताया गया है। 

उन्होंने आम लोगों और खास तौर से मुर्गी पालकों से अपील की है कि वो किसी किस्म की अफवाहों पर कत्तई कोई ध्यान न दें और जहां कहीं भी पक्षियों या मुर्गियों की भारी संख्या में अचानक मौत हो जाए तो ऐसी स्थिति में उपरोक्त दूरभाष नंबर पर फौरन जानकारी देकर प्रशासन का सम्पूर्ण सहयोग करते रहें। 

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला सूचना अधिकारी  खासतौर से मौजूद रहे।

तबाही की दास्तान लिख चुके कोरोना वायरस के बाद अब देश के सिर मंडराने लगा बर्डफ्लू का खतरा

तबाही की दास्तान लिख चुके कोरोना वायरस के बाद अब देश के सिर मंडराने लगा बर्डफ्लू का खतरा,
.                   रिपोर्ट: जुनैद अर्सलान
ज़िलाधिकारी की लोगों से अपील, एहतियात बरतें वरना समूचे दूध को फाड़ने के लिए काफी होता है लेमु का महज़ एक ही कतरा
मऊ, 12 जनवरी 2021. मुल्क में तबाही की दास्तान लिख रहे कोरोना वायरस का संकट अभी पूरी तरह खतम भी नहीं हुआ था कि उसी बीच एक दूसरी प्राणघातक बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्डफ्लू) संकटमयी और गंभीर बादल के रूप में हमारे सरों पर मुसल्लत हो गयी है जिससे प्रभावित होकर अब तक हज़ारों लोग मौत के घाट उतर चुके हैं। यही वजह है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने देशभर में इस बड़े खतरे से लोगों को सचेत और जागरूक करने के उद्देश्य से अपने मातहतों को कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। 

बर्ड फ्लू से बचाव और उसकी रोकथाम के इसी सिलसिले में आज यहाँ एक कैम्प कार्यालय में जनपद के ज़िलाधिकारी अमित सिंह बंसल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने एवियन इन्फ्लुएंजा अर्थात बर्ड फ्लू की रोकथाम से जुड़े पहलुओं पर विस्तार से रौशनी डाली और स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी को इस खतरनाक रोग पर नियंत्रण पाने के लिए पक्षियो के रैंडम सैंपल लेने के निर्देश दिए और साथ ही नगर पालिका के सभी ई०ओ० को आबादी वाले इलाकों से सुअरों को बाहर कराने का आदेश जारी किया। 

बैठक को संबोधित करते हुए ज़िलाधिकारी ने कहा कि बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों से इंसानों में फैलने वाली एक खतरनाक और विषाणुजनक बीमारी है जो विपरीत परिस्थितियों में कभी कभार सपीसीज़र बैरियर को लांघ कर इंसानी शरीर पर भी हमलावर हो जाती है। उन्होंने इस बीमारी के प्रसार संबंधी विषयों पर खास चर्चा करते हुए कहा कि ये वायरस संक्रमित पक्षियों की आंख, सांस की नली और बीट के संपर्क में आने से ही इंसानी शरीर में दाखिल होता है जिसमें वायरस से संक्रमित पक्षी की शिनाख्त तेज़ बुखार, फेटल कलगी, पांव के बैंगनी हो जाने, उनकी गर्दन व आंखों के निचले हिस्से में सूजन से बखूबी की जा सकती है। 

उन्होंने ज़िले और तहसील स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम और टास्कफोर्स का गठन करने के साथ ही समिति को निर्देशित किया है कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स और एंटीवायरल दवाओं को इस्तेमाल में लाकर पक्षियों की कलिंग, उनके टीकाकरण, कड़ी निगरानी और विसंक्रमण (नसबन्दी) को अमल में लाया जाए और इस भयानक बीमारी से बचाव के लिए सावधानियों और ज़रूरी तदबीरों के प्रति लोगों को जंगी पैमाने पर जागरूक किया जाए। 

इस संबंध में ज़िलाधिकारी के ज़रिए एहतियातन लोगों की सहूलत के लिए जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना डा० आरपी सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी सदर मऊ और नोडल अधिकारी की निगरानी में की जाती है जिसका जनहित में जारी दूरभाष नम्बर 9415818414 बताया गया है। 

उन्होंने आम लोगों और खास तौर से मुर्गी पालकों से अपील की है कि वो किसी किस्म की अफवाहों पर कत्तई कोई ध्यान न दें और जहां कहीं भी पक्षियों या मुर्गियों की भारी संख्या में अचानक मौत हो जाए तो ऐसी स्थिति में उपरोक्त दूरभाष नंबर पर फौरन जानकारी देकर प्रशासन का सम्पूर्ण सहयोग करते रहें। 

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला सूचना अधिकारी  खासतौर से मौजूद रहे।

दिल्‍ली पहुंची Covishield Vaccine की पहली खेप

दिल्‍ली पहुंची Covishield Vaccine की पहली खेप

  कोरोना की वैक्सीन पहली खेप पुणे एयरपोर्ट पहुची

भारत सरकार से मंजूरी मिलने के साथ ही कोविशील्‍ड वैक्‍सीन को लोगों तक पहुंचाने के काम ने तेजी पकड़ ली है। पुणे से कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली खेप इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है। DIAL मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया  कि  कोविड -19 वैक्‍सीन के लिए बनाये गए हमारे दो  दो कार्गो टर्मिनलों पर -20 डिग्री सेल्सियस से लेकर +25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रखा गया है। यहां वैक्‍सीन को  कुशलतापूर्वक सुरक्षित तरीके से रखा जा सकता है।
 COVID19 वैक्सीन वितरण प्रक्रिया पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि  पुणे से 5.56 लाख वैक्सीन की खुराक भेजी गई है। हम आज लगभग 10.30 बजे टीके प्राप्त करेंगे। हालांकि COVAXIN की शेष 20,000 खुराक का विवरण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। एक बार जब यह राज्य के वैक्सीन केंद्र में आ जाएगी तो हम आश्वस्त होंगे कि सब कुछ ठीक है। वैक्‍सीन को यहां आने पर शाम तक वितरित किया जाएगा। बाद में, यह ठंडे बक्सों में  रखकर वास्तविक टीकाकरण स्थल पर पहुंचाया जाएगा। 
गुजरात सरकार परिवार कल्याण के अतिरिक्त निदेशक डॉ पटेल ने बताया कि COVID19 वैक्सीन की पहली खेप आज अहमदाबाद पहुंचने वाली है। आज यहां पहुंचने वाली 2.76 लाख खुराक अहमदाबाद, गांधीनगर और भावनगर क्षेत्रों को दी जाएगी। टीकाकरण 16 जनवरी से 287 सत्र साइटों पर शुरु होगा।
इन वैक्‍सीन को महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में भेजने का कार्य एस बी लॉजिस्टिक कंपनी को सौंपा गया है।  ये कंपनी अपने रेफ्रिजरेटर वाले ट्रकों के द़वारा कोरोना वैक्‍सीन को देश के विभिन्‍न स्‍थानों तक पहुंचाएगी। बता दें कि  kool ex कंपनी बीते दस वर्षों से दवाओं और वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करती आ रही है। 
बताते चले कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से पुणे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक वैक्‍सीन के तीन ट्रक पहुंचाये जा चुके हैं। इन ट्रकों में आयी ये वैक्‍सीन आठ फ्लाइट्स के द़वारा देश के 13 अलग-अलग हिस्सों में पहुंचायी जाएगी। एस बी लॉजिस्टिक के एमडी संदीप भोसले ने बताया, वैक्‍सीन की पहली फ्लाइट देश की राजधानी दिल्ली के लिए रवाना होगी। 

गौरतलब है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप एस पुरी ने जानकारी दी थी कि आज (मंगलवार) एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस 56.5 लाख खुराक के साथ पुणे से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु, लखनऊ और चंडीगढ़ के लिए 9 उड़ान भरेगी। हरदीप एस पुरी ने ट्विटर के जरिये बताया कि, "स्पाइसजेट और गोएयर द्वारा पुणे से दिल्ली और चेन्नई के लिए भेजा जा चुका है। " सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित COVID19 वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को पुणे एयरपोर्ट से देश के विभिन्न स्थानों पर 16 जनवरी के वैक्सीन रोलआउट के लिए भेजा जा रहा है।


सीरम इंस्टीट्यूट को सरकार से  मिला 11 मिलियन डोज़ का ऑर्डर

पुणे की  सीरम इंस्टीट्यूट को भारत सरकार की मंजूरी मिलने  के साथ ही  11 मिलियन (1 करोड़ 10 लाख) कोविशील्ड वैक्सीन का ऑर्डर मिला है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस  शुरुआती तौर पर कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 200 रुपये प्रति डोज रखी गई है। ज्ञात हो कि 16 जनवरी से पूरे देश  में कोरोना वैक्‍सीनेशन की  शुरुआत हो रहा है। DCG की ओर से दो कोरोना वैक्‍सीन को आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दे दी गई है। इसमें ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है।

इन वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने तैयार किया है, जबकि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने इसका भारत में निर्माण किया है।  स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि, हम फार्मा पीएसयू एचएलएल लाइफकेयर के जरिए वैक्सीन खरीदेंगे। सरकारी उपयोग के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) को भी खरीदा गया था। सरकार इसकी खरीद के लिए अब भारत बायोटेक के साथ समझौते पर चर्चा कर रही है। 

दिल्‍ली पहुंची Covishield Vaccine की पहली खेप

दिल्‍ली पहुंची Covishield Vaccine की पहली खेप

  कोरोना की वैक्सीन पहली खेप पुणे एयरपोर्ट पहुची

भारत सरकार से मंजूरी मिलने के साथ ही कोविशील्‍ड वैक्‍सीन को लोगों तक पहुंचाने के काम ने तेजी पकड़ ली है। पुणे से कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली खेप इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है। DIAL मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया  कि  कोविड -19 वैक्‍सीन के लिए बनाये गए हमारे दो  दो कार्गो टर्मिनलों पर -20 डिग्री सेल्सियस से लेकर +25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रखा गया है। यहां वैक्‍सीन को  कुशलतापूर्वक सुरक्षित तरीके से रखा जा सकता है।
 COVID19 वैक्सीन वितरण प्रक्रिया पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि  पुणे से 5.56 लाख वैक्सीन की खुराक भेजी गई है। हम आज लगभग 10.30 बजे टीके प्राप्त करेंगे। हालांकि COVAXIN की शेष 20,000 खुराक का विवरण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। एक बार जब यह राज्य के वैक्सीन केंद्र में आ जाएगी तो हम आश्वस्त होंगे कि सब कुछ ठीक है। वैक्‍सीन को यहां आने पर शाम तक वितरित किया जाएगा। बाद में, यह ठंडे बक्सों में  रखकर वास्तविक टीकाकरण स्थल पर पहुंचाया जाएगा। 
गुजरात सरकार परिवार कल्याण के अतिरिक्त निदेशक डॉ पटेल ने बताया कि COVID19 वैक्सीन की पहली खेप आज अहमदाबाद पहुंचने वाली है। आज यहां पहुंचने वाली 2.76 लाख खुराक अहमदाबाद, गांधीनगर और भावनगर क्षेत्रों को दी जाएगी। टीकाकरण 16 जनवरी से 287 सत्र साइटों पर शुरु होगा।
इन वैक्‍सीन को महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में भेजने का कार्य एस बी लॉजिस्टिक कंपनी को सौंपा गया है।  ये कंपनी अपने रेफ्रिजरेटर वाले ट्रकों के द़वारा कोरोना वैक्‍सीन को देश के विभिन्‍न स्‍थानों तक पहुंचाएगी। बता दें कि  kool ex कंपनी बीते दस वर्षों से दवाओं और वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करती आ रही है। 
बताते चले कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से पुणे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक वैक्‍सीन के तीन ट्रक पहुंचाये जा चुके हैं। इन ट्रकों में आयी ये वैक्‍सीन आठ फ्लाइट्स के द़वारा देश के 13 अलग-अलग हिस्सों में पहुंचायी जाएगी। एस बी लॉजिस्टिक के एमडी संदीप भोसले ने बताया, वैक्‍सीन की पहली फ्लाइट देश की राजधानी दिल्ली के लिए रवाना होगी। 

गौरतलब है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप एस पुरी ने जानकारी दी थी कि आज (मंगलवार) एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस 56.5 लाख खुराक के साथ पुणे से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु, लखनऊ और चंडीगढ़ के लिए 9 उड़ान भरेगी। हरदीप एस पुरी ने ट्विटर के जरिये बताया कि, "स्पाइसजेट और गोएयर द्वारा पुणे से दिल्ली और चेन्नई के लिए भेजा जा चुका है। " सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित COVID19 वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को पुणे एयरपोर्ट से देश के विभिन्न स्थानों पर 16 जनवरी के वैक्सीन रोलआउट के लिए भेजा जा रहा है।


सीरम इंस्टीट्यूट को सरकार से  मिला 11 मिलियन डोज़ का ऑर्डर

पुणे की  सीरम इंस्टीट्यूट को भारत सरकार की मंजूरी मिलने  के साथ ही  11 मिलियन (1 करोड़ 10 लाख) कोविशील्ड वैक्सीन का ऑर्डर मिला है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस  शुरुआती तौर पर कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 200 रुपये प्रति डोज रखी गई है। ज्ञात हो कि 16 जनवरी से पूरे देश  में कोरोना वैक्‍सीनेशन की  शुरुआत हो रहा है। DCG की ओर से दो कोरोना वैक्‍सीन को आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दे दी गई है। इसमें ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है।

इन वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने तैयार किया है, जबकि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने इसका भारत में निर्माण किया है।  स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि, हम फार्मा पीएसयू एचएलएल लाइफकेयर के जरिए वैक्सीन खरीदेंगे। सरकारी उपयोग के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) को भी खरीदा गया था। सरकार इसकी खरीद के लिए अब भारत बायोटेक के साथ समझौते पर चर्चा कर रही है। 

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन
                   फजलुर्रहमान अंसारी

मऊ जिला मुख्यालय के निर्माण के बाद मऊ नगरवासियों के गुमान में भी यह बात नहीं रही होगी कि जमाने की गर्दिश के साथ उनके शहर का काफिया कभी इतना तंग हो जायेगा और उसके यातायात की व्यवस्था दिन-प्रतिदिन इस कदर संगीन और तकलीफदेह हो जाएगी जिसमें उनका सांस लेना तक दूभर हो जायेगा। परिस्थिति ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर गाजीपुर तिराहा, भीटी, आजमगढ़ मोड़ और फिर खासतौर से शहर के पश्चिमी क्षेत्र मिर्जाहादीपुरा चौक जैसी कोई ऐसी व्यस्ततम जगह बाकी नहीं है जहां हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी गाड़ियों का सैलाब लोगों की राह रोके न खड़ा हो जिसके चलते शहर की सभी शाहराहों पर लगने वाले लम्बे जाम के कारण आम नगरवासियों को न केवल दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है बल्कि अनावश्यक रूप से लोगों का काफी समय बरबाद होने के सबब इस महान औद्योगिक नगरी के आर्थिक और व्यापारिक हितों को भी ज़ोरदार झटका लग रहा है क्योंकि रोजमर्रा के इस जाम के चलते जो काम आधे घण्टे में मुकम्मल होना था, अब वह घण्टों में अंजाम पा रहा है। शहर की एक बड़ी मुसीबत तो यह भी है कि इसके लगभग सभी बैंक और सरकारी व गैर-सरकारी अस्पताल सामान्य रूप से शहर के सार्वजनिक मार्गाें पर ही स्थित हैं जहां बड़ी तादाद में लोगों का समूह और दायें-बायें खड़ी सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां भी इस कष्टदायक जाम के खास कारणों में शामिल हैं। इसी प्रकार, सुब्ह होते ही जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों मजदूर और आम जन जिला मुख्यालय का ही रूख करते हैं जिनके वाहनों, बाईकों और हजारों साईकिलों के हुजूम से अमूमन शहर की शाहराहें भरी-पटी रहती हैं।

मुश्किल यह भी है कि शहर में ई-रिक्शा की तादाद तकरीबन् 2500 बताई जा रही है जिसमें प्रतिदिन इजाफा भी इसलिये हो रहा है कि लाकडाऊन के सबब व्याप्त आम बेकारी, बेरोजगारी और रोजगार के अवसर पूर्णतः समाप्त हो चुके हैं जिसके चलते अक्सर नौजवान बैंकों से कर्ज लेकर एक रिक्शा खरीदते और फिर उसे लाकर शहर की तंग शाहराह पर डाल देते हैं जो चींटियों की कतार की भांति शहर की इकलौती सड़क पर रेंगते और कछुवे की चाल से अपना रास्ता तय करते नजर आते हैं जिनके लगातार आवागमन से लोगों का सड़क पार करना तक दुश्वार हो गया है। कभी-कभार तो गभ्भीर मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाना भी मुहाल हो जाता है। सबसे बुरा हाल तो मिर्जाहादीपुरा चौक का है जहां से प्रतिदिन हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियों का गुजर होेता है जिसकी दोनों पटरियों पर सैकड़ोंफल और सब्जीफरोशों का मुकम्मल कब्जा है लेकिन नगरपालिका, स्थानीय पुलिस या लोकल प्रशासन को कण मात्र भी ट्रैफिक की इस दुर्व्यवस्था की कोई चिन्ता नही है और लोगों को समझ में ये नहीं आता कि आखिर उन्हें शहर या जिले की किस अथारिटी की इजाज़त या रजामन्दी हासिल है जिसके बल पर वे बेखौफ होकर न केवल सड़क की पटरी बल्कि अक्सर आधी सड़क तक ठेला और खांचा लगाकर आम राहगीरों का चलना-फिरना दूभर किये हुये हैं।

याद रहे कि मऊ जनपद का सृजन 1988 में दिवंगत कल्पनाथ राय के दौर में हुआ था। उसी दौर में कलेक्ट्रेट की इमारतें और आफिसर्स कॉलोनीज़ तो बन गईं लेकिन भविष्य में इस शहर को पेश आने वाली गभ्भीर समस्याओं और ट्रैफिक की व्यवस्था से संबंधित कोई मन्सूबाबन्दी इसलिये नहीं हो पाई कि दि0 रहनुमा ही इस संसार को अलविदा कह गये और फिर उसके बाद मऊ शहर को कोई प्रभावशाली नेतृत्व नसीब नहीं हुआ। हालांकि यह शहर चार विधायक, एक सांसद और कई राज्यमंत्रियों तक की राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है लेकिन बदकिस्मती से उनमें से किसी का जनता और उसके हितों से कोई लेना-देना नहीं रहा और इन जनप्रतिनिधियों में से तो अक्सर लम्बे समय से जेल में हैं जिसके परिणामस्वरूप इस शहर को अनार्थ जीवन गुज़ारना पड़ रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि अगर सम्पूर्ण रूप से नहीं तो कम से कम आंशिक रूप से ही सही जनता को राहत पहुंचाने के लिये मऊ के इन चुने हुये रहनुमाओं को कोई कदम तो उठाना ही चाहिये।

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन

यातायात व्यवस्था के प्रति आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं मऊ के जनप्रतिनिधि, नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन, हज़ारों गाड़ियों के हुजूम से शहर का काफिया तंग, परेशान हैं जनता जनार्दन
                   फजलुर्रहमान अंसारी

मऊ जिला मुख्यालय के निर्माण के बाद मऊ नगरवासियों के गुमान में भी यह बात नहीं रही होगी कि जमाने की गर्दिश के साथ उनके शहर का काफिया कभी इतना तंग हो जायेगा और उसके यातायात की व्यवस्था दिन-प्रतिदिन इस कदर संगीन और तकलीफदेह हो जाएगी जिसमें उनका सांस लेना तक दूभर हो जायेगा। परिस्थिति ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर गाजीपुर तिराहा, भीटी, आजमगढ़ मोड़ और फिर खासतौर से शहर के पश्चिमी क्षेत्र मिर्जाहादीपुरा चौक जैसी कोई ऐसी व्यस्ततम जगह बाकी नहीं है जहां हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी गाड़ियों का सैलाब लोगों की राह रोके न खड़ा हो जिसके चलते शहर की सभी शाहराहों पर लगने वाले लम्बे जाम के कारण आम नगरवासियों को न केवल दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है बल्कि अनावश्यक रूप से लोगों का काफी समय बरबाद होने के सबब इस महान औद्योगिक नगरी के आर्थिक और व्यापारिक हितों को भी ज़ोरदार झटका लग रहा है क्योंकि रोजमर्रा के इस जाम के चलते जो काम आधे घण्टे में मुकम्मल होना था, अब वह घण्टों में अंजाम पा रहा है। शहर की एक बड़ी मुसीबत तो यह भी है कि इसके लगभग सभी बैंक और सरकारी व गैर-सरकारी अस्पताल सामान्य रूप से शहर के सार्वजनिक मार्गाें पर ही स्थित हैं जहां बड़ी तादाद में लोगों का समूह और दायें-बायें खड़ी सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां भी इस कष्टदायक जाम के खास कारणों में शामिल हैं। इसी प्रकार, सुब्ह होते ही जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों मजदूर और आम जन जिला मुख्यालय का ही रूख करते हैं जिनके वाहनों, बाईकों और हजारों साईकिलों के हुजूम से अमूमन शहर की शाहराहें भरी-पटी रहती हैं।

मुश्किल यह भी है कि शहर में ई-रिक्शा की तादाद तकरीबन् 2500 बताई जा रही है जिसमें प्रतिदिन इजाफा भी इसलिये हो रहा है कि लाकडाऊन के सबब व्याप्त आम बेकारी, बेरोजगारी और रोजगार के अवसर पूर्णतः समाप्त हो चुके हैं जिसके चलते अक्सर नौजवान बैंकों से कर्ज लेकर एक रिक्शा खरीदते और फिर उसे लाकर शहर की तंग शाहराह पर डाल देते हैं जो चींटियों की कतार की भांति शहर की इकलौती सड़क पर रेंगते और कछुवे की चाल से अपना रास्ता तय करते नजर आते हैं जिनके लगातार आवागमन से लोगों का सड़क पार करना तक दुश्वार हो गया है। कभी-कभार तो गभ्भीर मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाना भी मुहाल हो जाता है। सबसे बुरा हाल तो मिर्जाहादीपुरा चौक का है जहां से प्रतिदिन हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियों का गुजर होेता है जिसकी दोनों पटरियों पर सैकड़ोंफल और सब्जीफरोशों का मुकम्मल कब्जा है लेकिन नगरपालिका, स्थानीय पुलिस या लोकल प्रशासन को कण मात्र भी ट्रैफिक की इस दुर्व्यवस्था की कोई चिन्ता नही है और लोगों को समझ में ये नहीं आता कि आखिर उन्हें शहर या जिले की किस अथारिटी की इजाज़त या रजामन्दी हासिल है जिसके बल पर वे बेखौफ होकर न केवल सड़क की पटरी बल्कि अक्सर आधी सड़क तक ठेला और खांचा लगाकर आम राहगीरों का चलना-फिरना दूभर किये हुये हैं।

याद रहे कि मऊ जनपद का सृजन 1988 में दिवंगत कल्पनाथ राय के दौर में हुआ था। उसी दौर में कलेक्ट्रेट की इमारतें और आफिसर्स कॉलोनीज़ तो बन गईं लेकिन भविष्य में इस शहर को पेश आने वाली गभ्भीर समस्याओं और ट्रैफिक की व्यवस्था से संबंधित कोई मन्सूबाबन्दी इसलिये नहीं हो पाई कि दि0 रहनुमा ही इस संसार को अलविदा कह गये और फिर उसके बाद मऊ शहर को कोई प्रभावशाली नेतृत्व नसीब नहीं हुआ। हालांकि यह शहर चार विधायक, एक सांसद और कई राज्यमंत्रियों तक की राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है लेकिन बदकिस्मती से उनमें से किसी का जनता और उसके हितों से कोई लेना-देना नहीं रहा और इन जनप्रतिनिधियों में से तो अक्सर लम्बे समय से जेल में हैं जिसके परिणामस्वरूप इस शहर को अनार्थ जीवन गुज़ारना पड़ रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि अगर सम्पूर्ण रूप से नहीं तो कम से कम आंशिक रूप से ही सही जनता को राहत पहुंचाने के लिये मऊ के इन चुने हुये रहनुमाओं को कोई कदम तो उठाना ही चाहिये।

आश्रय केंद्र में नही मिल रहा पशुओं को शरण पावर हाउस में पशुओं ने डाला डेरा

आश्रय केंद्र में नही मिल रहा पशुओं को शरण पावर हाउस में पशुओं ने डाला डेरा 
                    गोंडा पवन कुमार द्विवेदी
सरकार छुट्टा पशुओं को संरक्षण देने के लिए आश्रय केंद्रों पर हर महीने करोड़ों रूपये पानी की तरह बहा रही है इसके बावजूद  भी क्षेत्र में आश्रय केंद्र से अधिक मवेशी सड़कों पर घूमते नज़र आ रहे हैं, मुज़ेहना ब्लॉक क्षेत्र में बनी प्रदेश की मॉडल गौ शाला में छुट्टा मवेशियों को शरण ना मिलने की वजह से मवेशियों ने पावर हॉउस को अपना बसेरा बना लिया है, शाम होते ही ये पशुओ अपना पेट भरने के लिए आस पास के खेतों में अपना तांडव शुरू कर देते है, इन छुट्टा पशुओं से ग्राम सिंहपुर बेलहरी, जोतिया, सरजू पुरवा, लालक पुरवा, सहित इर्द गिर्द के किसान अपनी फसलें बचाने के लिए रात भर जागने को मजबूर हैं।
ऐसे में ये बड़ा सवाल है की अगर किसानों को इन पशुओं की वजह से उतपन्न संकट से बचाया नही जा सकता तो फिर आश्रय केंद्र पर करोणों रूपये खर्च करने का आशय क्या है, इस परिस्थिति में यह कहा जाना अतिशयोक्ति नही होगी की जिला व स्थानीय प्रशासन छुट्टा मवेशियों से किसान की फसलें बचाने में बड़ी लापरवाही करता नज़र आ रहा है।

आश्रय केंद्र में नही मिल रहा पशुओं को शरण पावर हाउस में पशुओं ने डाला डेरा

आश्रय केंद्र में नही मिल रहा पशुओं को शरण पावर हाउस में पशुओं ने डाला डेरा 
                    गोंडा पवन कुमार द्विवेदी
सरकार छुट्टा पशुओं को संरक्षण देने के लिए आश्रय केंद्रों पर हर महीने करोड़ों रूपये पानी की तरह बहा रही है इसके बावजूद  भी क्षेत्र में आश्रय केंद्र से अधिक मवेशी सड़कों पर घूमते नज़र आ रहे हैं, मुज़ेहना ब्लॉक क्षेत्र में बनी प्रदेश की मॉडल गौ शाला में छुट्टा मवेशियों को शरण ना मिलने की वजह से मवेशियों ने पावर हॉउस को अपना बसेरा बना लिया है, शाम होते ही ये पशुओ अपना पेट भरने के लिए आस पास के खेतों में अपना तांडव शुरू कर देते है, इन छुट्टा पशुओं से ग्राम सिंहपुर बेलहरी, जोतिया, सरजू पुरवा, लालक पुरवा, सहित इर्द गिर्द के किसान अपनी फसलें बचाने के लिए रात भर जागने को मजबूर हैं।
ऐसे में ये बड़ा सवाल है की अगर किसानों को इन पशुओं की वजह से उतपन्न संकट से बचाया नही जा सकता तो फिर आश्रय केंद्र पर करोणों रूपये खर्च करने का आशय क्या है, इस परिस्थिति में यह कहा जाना अतिशयोक्ति नही होगी की जिला व स्थानीय प्रशासन छुट्टा मवेशियों से किसान की फसलें बचाने में बड़ी लापरवाही करता नज़र आ रहा है।

कुशीनगर में दो कौवे की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका से डरे ग्रामीण

कुशीनगर में दो कौवे की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका से डरे ग्रामीण

                    SEK NEWS

उ0प्र0 कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया में शनिवार को दो कौवे मृत मिले। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीण बर्ड फ्लू की आशंका से लोग सहम गए और पुलिस प्रशासन को सूचना दी। पुलिस ने कौवों को दफनाने के साथ मरने वाले स्थान पर चूने का छिड़काव कराया। जिले की खड्डा तहसील क्षेत्र के नौरंगिया तिराहे पर अनिल मद्धेशिया दुकान चलाकर परिवार की आजीविका चलाता है। उसकी दुकान में लगे कटरैन (टिनशेड) पर सुबह लोगों ने एक कौए को मृत देखा। 

ग्रामीण अभी इसकी चर्चा कर ही रहे थे कि किसी ने बताया कि अनिल के पड़ोसी योगेश्वर मद्धेशिया के दुकान के पीछे स्थित कब्रिस्तान में भी एक कौवा मृत पड़ा है। एक साथ दो कौवों के मरने की सूचना पूरे चौराहे पर आम हो गई। लोग बर्ड फ्लू को लेकर सशंकित हो गए। चौराहे के दुकानदार 112 टोल फ्री नम्बर डायल करने लगे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोष तिवारी ने एसओ को अवगत कराया। कुछ ही देर में एसआई अजय कुमार सिंह हमराहियों के साथ चौराहे पर पहुंचकर अनिल के कटरैन पर मृत मिले कौवे को सुनसान स्थान पर दफन कराया। कब्रिस्तान में मिले मृत कौवे तक पुलिस के पहुंचने के पहले ही उसे किसी ने कहीं दफना दिया था। पुलिस ने दोनों स्थानों पर चूने का छिड़काव कराया। एसआई अजय कुमार सिंह ने बताया कि कौवों को दफनाकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है। अधिकारियों के निर्देश पर मिलने आगे की कार्रवाई की जायेगी।

कुशीनगर में बर्ड फ्लू फैलने की आशंका बहुत कम है। इसके बावजूद सतर्कता बरती जा रही है। तहसील स्तर पर टीम गठित की गई है। कौओं के मरने की जानकारी नहीं है लेकिन दो कौए मरे हैं तो वह स्वाभाविक होगी। बर्ड फ्लू की सम्भावना तब है, जबकि समूह में अचानक दर्जनों-सैकड़ों की संख्या में पक्षी मरने लगे। ऐसी स्थिति कहीं होती है तो तत्काल नोडल अधिकारी डॉ. एचएन सिंह के मोबाइल नम्बर 9415363344 पर सूचना दें। 

पशु चिकित्साधिकारी, डॉ. विनय कुमार, प्रभारी जिला

आज ही टास्क फोर्स की मीटिंग में बर्ड फ्लू के लिए टीम गठित की गई है। 10 या अधिक की संख्या में पक्षी एक साथ मरें तो बर्ड फ्लू की आशंका में जांच कराई जाती है। यह मौत स्वाभाविक हो सकती है। नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र की टीम को विशेष निगरानी व सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।

कुशीनगर में दो कौवे की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका से डरे ग्रामीण

कुशीनगर में दो कौवे की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका से डरे ग्रामीण

                    SEK NEWS

उ0प्र0 कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया में शनिवार को दो कौवे मृत मिले। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीण बर्ड फ्लू की आशंका से लोग सहम गए और पुलिस प्रशासन को सूचना दी। पुलिस ने कौवों को दफनाने के साथ मरने वाले स्थान पर चूने का छिड़काव कराया। जिले की खड्डा तहसील क्षेत्र के नौरंगिया तिराहे पर अनिल मद्धेशिया दुकान चलाकर परिवार की आजीविका चलाता है। उसकी दुकान में लगे कटरैन (टिनशेड) पर सुबह लोगों ने एक कौए को मृत देखा। 

ग्रामीण अभी इसकी चर्चा कर ही रहे थे कि किसी ने बताया कि अनिल के पड़ोसी योगेश्वर मद्धेशिया के दुकान के पीछे स्थित कब्रिस्तान में भी एक कौवा मृत पड़ा है। एक साथ दो कौवों के मरने की सूचना पूरे चौराहे पर आम हो गई। लोग बर्ड फ्लू को लेकर सशंकित हो गए। चौराहे के दुकानदार 112 टोल फ्री नम्बर डायल करने लगे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोष तिवारी ने एसओ को अवगत कराया। कुछ ही देर में एसआई अजय कुमार सिंह हमराहियों के साथ चौराहे पर पहुंचकर अनिल के कटरैन पर मृत मिले कौवे को सुनसान स्थान पर दफन कराया। कब्रिस्तान में मिले मृत कौवे तक पुलिस के पहुंचने के पहले ही उसे किसी ने कहीं दफना दिया था। पुलिस ने दोनों स्थानों पर चूने का छिड़काव कराया। एसआई अजय कुमार सिंह ने बताया कि कौवों को दफनाकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है। अधिकारियों के निर्देश पर मिलने आगे की कार्रवाई की जायेगी।

कुशीनगर में बर्ड फ्लू फैलने की आशंका बहुत कम है। इसके बावजूद सतर्कता बरती जा रही है। तहसील स्तर पर टीम गठित की गई है। कौओं के मरने की जानकारी नहीं है लेकिन दो कौए मरे हैं तो वह स्वाभाविक होगी। बर्ड फ्लू की सम्भावना तब है, जबकि समूह में अचानक दर्जनों-सैकड़ों की संख्या में पक्षी मरने लगे। ऐसी स्थिति कहीं होती है तो तत्काल नोडल अधिकारी डॉ. एचएन सिंह के मोबाइल नम्बर 9415363344 पर सूचना दें। 

पशु चिकित्साधिकारी, डॉ. विनय कुमार, प्रभारी जिला

आज ही टास्क फोर्स की मीटिंग में बर्ड फ्लू के लिए टीम गठित की गई है। 10 या अधिक की संख्या में पक्षी एक साथ मरें तो बर्ड फ्लू की आशंका में जांच कराई जाती है। यह मौत स्वाभाविक हो सकती है। नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र की टीम को विशेष निगरानी व सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।

कुशीनगर के थाना हनुमान गंज के महिला एसओ पर लकड़ी चोरी का केस दर्ज, निलम्बित

                     SEK NEWS 

कुशीनगर जनपद के हनुमानगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत  ग्रामसभा धरनीपट्टी के एक फर्नीचर की दुकान से 12 बोटा शीशम की लकड़ी चोरी होने के मामले में हनुमानगंज की एसओ विभा पांडेय को एसपी ने निलंबित कर दिया है। फर्नीचर के दुकानदार की शिकायत पर एसपी कुशीनगर ने एसओ की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।

ग्रामसभा धरनीपट्टी निवासी चंदन शर्मा लकड़ी का कारोबार करने के साथ ही साथ फर्नीचर की दुकान चलाता है। कुछ दिन पूर्व चंदन शर्मा के फर्नीचर की दुकान से 12 बोटा शीशम की लकड़ी चोरी हो गई। अपने स्तर से छानबीन करने के बाद इस मामले में चंदन ने हनुमानगंज एसओ विभा पांडेय की भूमिका पर संदेह जताया। लकड़ी को पडरौना स्थित एक आरा मशीन पर चिराने की भी बात कहते हुए मौके पर पहुंच उसने अपनी लकड़ी की पहचान की गई है।
साथ ही इसकी शिकायत एसपी विनोद कुमार सिंह से की। जांच में भी एसओ की भूमिका संदिग्ध मिलने पर एसपी ने एसओ को निलंबित कर दिया। गुरुवार को एसओ के खिलाफ आरोपों की प्रथमदृष्ट्या पुष्टि होने पर केस दर्ज कर लिया गया। तहरीर लकड़ी कारोबारी ने दी है, जिस पर हनुमानगंज थाने में ही उनके खिलाफ चोरी का केस दर्ज किया गया है। हनुमानगंज के नये एसओ ज्ञानेन्द्र राय ने बताया कि निर्वतमान एसओ विभा पांडेय के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। 

कुशीनगर के थाना हनुमान गंज के महिला एसओ पर लकड़ी चोरी का केस दर्ज, निलम्बित

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कुशीनगर जनपद के हनुमानगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत  ग्रामसभा धरनीपट्टी के एक फर्नीचर की दुकान से 12 बोटा शीशम की लकड़ी चोरी होने के मामले में हनुमानगंज की एसओ विभा पांडेय को एसपी ने निलंबित कर दिया है। फर्नीचर के दुकानदार की शिकायत पर एसपी कुशीनगर ने एसओ की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।

ग्रामसभा धरनीपट्टी निवासी चंदन शर्मा लकड़ी का कारोबार करने के साथ ही साथ फर्नीचर की दुकान चलाता है। कुछ दिन पूर्व चंदन शर्मा के फर्नीचर की दुकान से 12 बोटा शीशम की लकड़ी चोरी हो गई। अपने स्तर से छानबीन करने के बाद इस मामले में चंदन ने हनुमानगंज एसओ विभा पांडेय की भूमिका पर संदेह जताया। लकड़ी को पडरौना स्थित एक आरा मशीन पर चिराने की भी बात कहते हुए मौके पर पहुंच उसने अपनी लकड़ी की पहचान की गई है।
साथ ही इसकी शिकायत एसपी विनोद कुमार सिंह से की। जांच में भी एसओ की भूमिका संदिग्ध मिलने पर एसपी ने एसओ को निलंबित कर दिया। गुरुवार को एसओ के खिलाफ आरोपों की प्रथमदृष्ट्या पुष्टि होने पर केस दर्ज कर लिया गया। तहरीर लकड़ी कारोबारी ने दी है, जिस पर हनुमानगंज थाने में ही उनके खिलाफ चोरी का केस दर्ज किया गया है। हनुमानगंज के नये एसओ ज्ञानेन्द्र राय ने बताया कि निर्वतमान एसओ विभा पांडेय के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। 

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश, आकाशीय बिजली और घने कोहरे का अलर्ट जारी

                        SEK NEWS
उत्तर प्रदेश में जनवरी में मौसम कभी बहुत ठंडा तो कभी बहुुुुुत ही गरम हो रहा है। मौसम में हो रहे लगातार परिवर्तन से जनता और मौसम विभाग हैरान है। भारतीय मौसम विभाग ने यूपी के कई जिलों में भारी बारिश, आकाशीय बिजली और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में आने की संभावना दिख रही है। गुरुवार रात से यूपी के कई इलाकों में फिर से ठंड बढ़ जाए और घना कोहरा छाए। लखनऊ में बृहस्पतिवार सुबह की शुरुआत हल्के मध्यम कोहरे व तेज सर्द हवाओं के साथ हुई।
लखनऊ में गुरुवार सुबह सूरज निकला है। कोहरा धीरे-धीरे छंट गया है। मौसम के अनुसार आज दिन में मौसम साफ रहेगा। धूप खिली रहेगी, लेकिन सर्द हवाओं का सिलसिला दिनभर जारी रह सकता है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इलाहाबाद में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक जेपी गुप्ता ने सचेत करते हुए कहा है कि, मौसम गरम जरूर है पर सावधानी बरतें क्योंकि सरदी अभी गई नहीं है। ठंड अभी जाएगी नहीं धीरे-धीरे एक फिर बढ़ेगी।

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश, आकाशीय बिजली और घने कोहरे का अलर्ट जारी

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उत्तर प्रदेश में जनवरी में मौसम कभी बहुत ठंडा तो कभी बहुुुुुत ही गरम हो रहा है। मौसम में हो रहे लगातार परिवर्तन से जनता और मौसम विभाग हैरान है। भारतीय मौसम विभाग ने यूपी के कई जिलों में भारी बारिश, आकाशीय बिजली और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में आने की संभावना दिख रही है। गुरुवार रात से यूपी के कई इलाकों में फिर से ठंड बढ़ जाए और घना कोहरा छाए। लखनऊ में बृहस्पतिवार सुबह की शुरुआत हल्के मध्यम कोहरे व तेज सर्द हवाओं के साथ हुई।
लखनऊ में गुरुवार सुबह सूरज निकला है। कोहरा धीरे-धीरे छंट गया है। मौसम के अनुसार आज दिन में मौसम साफ रहेगा। धूप खिली रहेगी, लेकिन सर्द हवाओं का सिलसिला दिनभर जारी रह सकता है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इलाहाबाद में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक जेपी गुप्ता ने सचेत करते हुए कहा है कि, मौसम गरम जरूर है पर सावधानी बरतें क्योंकि सरदी अभी गई नहीं है। ठंड अभी जाएगी नहीं धीरे-धीरे एक फिर बढ़ेगी।

हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई, SEK NEWS

हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई

            SEK IN INDIA NEWS
कुशीनगर में हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई

कुशीनगर के तरयासुजान थाने के परसौनी बुजुर्ग गांव में युवकों के मां-बाप की हत्या के बाद मिला था आर्थिक मदद का आश्वासन।

कुशीनगर: तरयासुजान थाने के गांव परसौनी बुजुर्ग निवासी दो सगे भाई अर्जुन व भीम राजभर बुधवार को मां-बाप की हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराने, 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी की मांग को लेकर तमकुहीराज तहसील के निकट स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। दोनों के पानी की टंकी पर चढ़ने की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन के कान खड़े हो गए। एसडीएम व एसओ मौके पर पहुंच दोनों से नीचे उतर आने की गुहार लगाते रहे पर वे नहीं उतरे। देर रात तक प्रशासनिक अमला दोनों को मनाने में जुटा रहा। युवक अपने साथ तेजाब से भरा गैलन भी साथ ले गए हैं।


छह जनवरी 2019 को परसौनी बुजुर्ग निवासी बुद्धन व उनकी पत्नी शांति की धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर दी गई थी। तहसील प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया था। अर्जुन व भीम का आरोप है कि हत्या की घटना के बाद से अब तक उन्हें किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली।


बुधवार सुबह 10 बजे दोनों भाई तमकुहीराज तहसील पहुंचे। दोनों परिसर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। थोड़ी ही देर में यह खबर पूरे कस्बे में फैल गई। जानकारी होते ही एसडीएम एमआर फारूकी, एसएचओ धर्मेंद्र सिंह पहुंचे और माइक से नीचे उतरने की अपील करने लगे। नगर पंचायत के ईओ ने दोनों भाइयों की संविदा पर नियुक्ति करने के साथ ही नियुक्ति पत्र दिलाने, पट्टे की भूमि तथा उस पर तुरंत कब्जा दिलाने का आश्वासन दिया पर वह नीचे आने को तैयार नहीं हुए। अर्जुन की पत्नी सोनी, भीम की पत्नी रिकू तथा चाचा करन व सुरेंद्र भी दोनों से नीचे उतरने की गुहार लगाते रहे लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। शाम को अंधेरा होते ही तहसील प्रशासन ने आस पास रोशनी की व्यवस्था कर दी। खबर लिखे जाने तक मौके पर नायब तहसीलदार विकास सिंह, एसओ सेवरही उमेश कुमार, एसएचओ पटहेरवा अतुल्य कुमार पांडेय टीम के साथ मौजूद रहे।

हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई, SEK NEWS

हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई

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कुशीनगर में हत्या की जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दो भाई

कुशीनगर के तरयासुजान थाने के परसौनी बुजुर्ग गांव में युवकों के मां-बाप की हत्या के बाद मिला था आर्थिक मदद का आश्वासन।

कुशीनगर: तरयासुजान थाने के गांव परसौनी बुजुर्ग निवासी दो सगे भाई अर्जुन व भीम राजभर बुधवार को मां-बाप की हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराने, 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी की मांग को लेकर तमकुहीराज तहसील के निकट स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। दोनों के पानी की टंकी पर चढ़ने की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन के कान खड़े हो गए। एसडीएम व एसओ मौके पर पहुंच दोनों से नीचे उतर आने की गुहार लगाते रहे पर वे नहीं उतरे। देर रात तक प्रशासनिक अमला दोनों को मनाने में जुटा रहा। युवक अपने साथ तेजाब से भरा गैलन भी साथ ले गए हैं।


छह जनवरी 2019 को परसौनी बुजुर्ग निवासी बुद्धन व उनकी पत्नी शांति की धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर दी गई थी। तहसील प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया था। अर्जुन व भीम का आरोप है कि हत्या की घटना के बाद से अब तक उन्हें किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली।


बुधवार सुबह 10 बजे दोनों भाई तमकुहीराज तहसील पहुंचे। दोनों परिसर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। थोड़ी ही देर में यह खबर पूरे कस्बे में फैल गई। जानकारी होते ही एसडीएम एमआर फारूकी, एसएचओ धर्मेंद्र सिंह पहुंचे और माइक से नीचे उतरने की अपील करने लगे। नगर पंचायत के ईओ ने दोनों भाइयों की संविदा पर नियुक्ति करने के साथ ही नियुक्ति पत्र दिलाने, पट्टे की भूमि तथा उस पर तुरंत कब्जा दिलाने का आश्वासन दिया पर वह नीचे आने को तैयार नहीं हुए। अर्जुन की पत्नी सोनी, भीम की पत्नी रिकू तथा चाचा करन व सुरेंद्र भी दोनों से नीचे उतरने की गुहार लगाते रहे लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। शाम को अंधेरा होते ही तहसील प्रशासन ने आस पास रोशनी की व्यवस्था कर दी। खबर लिखे जाने तक मौके पर नायब तहसीलदार विकास सिंह, एसओ सेवरही उमेश कुमार, एसएचओ पटहेरवा अतुल्य कुमार पांडेय टीम के साथ मौजूद रहे।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ तहसील हाटा में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन:

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ तहसील हाटा में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन:

 फरियादियों की समस्याओं का आधिकारिक तत्परता के साथ गुणवत्ता पूर्ण करें निस्तारण- जिलाधिकारी।
        जन सामान्य की शिकायतों एवं समस्याओं का त्वरित गति के साथ निस्तारण संभव हो इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा माह के प्रथम एवं तीसरे मंगलवार को सभी तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस आयोजन किया जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में आज जनपद के समस्त तहसीलों में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी एस राज लिंगम  के द्वारा हाटा तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जनता की समस्याओं एवं शिकायतों का अनुश्रवण किया गया। तहसील दिवस में कुल  147 शिकायतें जनता के द्वारा दर्ज कराई गईं जिसमें से मौके पर 11-शिकायतों का निस्तारण जिलाधिकारी  के द्वारा मौके पर ही संबंधित विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया गया।
            जिलाधिकारी ने इस अवसर पर समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्राप्त होने वाली शिकायतों का त्वरित गति से  गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें । उन्होंने कहा शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत की गई हैं उसका निस्तारण संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचकर गुणवत्ता पूर्ण करें। उन्होंने कहा यदि शिकायतों के निस्तारण से शिकायतकर्ता असंतुष्ट रहते हैं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी अधिकारी अपने कार्य को पूरी लग्न व तत्परता, गुणवत्ता के साथ समय अवधि के साथ-साथ पूर्ण करें, जिससे कि शिकायतकर्ताओं को तहसील दिवस में अनावश्यक रूप से न आना पड़े, शिकायतकर्ता की शिकायत का समाधान मौके पर ही हो जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा जनपद का प्रत्येक व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण है उसकी समस्या का समाधान करना हमारा दायित्व/ कर्तव्य दोनों है, इसलिए सभी अधिकारी अपनी कार्य शैली में परिवर्तन लाएं और कार्य को गुणवत्ता पूर्ण करें।
     पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने पुलिस विभाग से जुड़े जन समस्याओं के निस्तारण हेतु पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया, 
             इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक अयोध्या प्रसाद ,उप जिलाधिकारी हाटा प्रमोद कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नरेंद्र गुप्त, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी, जिला कृषि अधिकारी प्यारेलाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम,सहित जिला समाज कल्याण अधिकारी अधि0 अभि0 पीडब्ल्यूडी, जल निगम, सिंचाई,व तहसील के समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ तहसील हाटा में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन:

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ तहसील हाटा में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन:

 फरियादियों की समस्याओं का आधिकारिक तत्परता के साथ गुणवत्ता पूर्ण करें निस्तारण- जिलाधिकारी।
        जन सामान्य की शिकायतों एवं समस्याओं का त्वरित गति के साथ निस्तारण संभव हो इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा माह के प्रथम एवं तीसरे मंगलवार को सभी तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस आयोजन किया जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में आज जनपद के समस्त तहसीलों में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी एस राज लिंगम  के द्वारा हाटा तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जनता की समस्याओं एवं शिकायतों का अनुश्रवण किया गया। तहसील दिवस में कुल  147 शिकायतें जनता के द्वारा दर्ज कराई गईं जिसमें से मौके पर 11-शिकायतों का निस्तारण जिलाधिकारी  के द्वारा मौके पर ही संबंधित विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया गया।
            जिलाधिकारी ने इस अवसर पर समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्राप्त होने वाली शिकायतों का त्वरित गति से  गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें । उन्होंने कहा शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत की गई हैं उसका निस्तारण संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचकर गुणवत्ता पूर्ण करें। उन्होंने कहा यदि शिकायतों के निस्तारण से शिकायतकर्ता असंतुष्ट रहते हैं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी अधिकारी अपने कार्य को पूरी लग्न व तत्परता, गुणवत्ता के साथ समय अवधि के साथ-साथ पूर्ण करें, जिससे कि शिकायतकर्ताओं को तहसील दिवस में अनावश्यक रूप से न आना पड़े, शिकायतकर्ता की शिकायत का समाधान मौके पर ही हो जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा जनपद का प्रत्येक व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण है उसकी समस्या का समाधान करना हमारा दायित्व/ कर्तव्य दोनों है, इसलिए सभी अधिकारी अपनी कार्य शैली में परिवर्तन लाएं और कार्य को गुणवत्ता पूर्ण करें।
     पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने पुलिस विभाग से जुड़े जन समस्याओं के निस्तारण हेतु पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया, 
             इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक अयोध्या प्रसाद ,उप जिलाधिकारी हाटा प्रमोद कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नरेंद्र गुप्त, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी, जिला कृषि अधिकारी प्यारेलाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम,सहित जिला समाज कल्याण अधिकारी अधि0 अभि0 पीडब्ल्यूडी, जल निगम, सिंचाई,व तहसील के समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

कांग्रेस नेता बोले पहले PM मोदी और BJP वाले खुद वैक्सीन लगवाकर दूर करें जनता का शंका

कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री अजीत शर्मा ने बीजेपी पर हमला करते हुए यह आरोप लगाया कि देश में आई वैक्सीन का श्रेय बीजेपी लेने की कोशिश कर रही है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक, जिन दो कंपनियों ने कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया है, दरअसल ये दोनों कंपनियां कांग्रेस के जमाने में ही स्थापित हुई थी।

भारत में कोरोना के दो वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद से जमकर सियासत हो रही है. एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया और इसकी वजह बताया कि यह बीजेपी की वैक्सीन है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी नया शिगूफा छोड़ दिया है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मांग की है कि जिस तरीके से वैक्सीन को लेकर जनता का भरोसा जीतने के लिए रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति ने पहला टीका खुद लिया था, वैसे ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोरोना का पहला टीका लेना चाहिए ताकि जनता के बीच इसको लेकर विश्वास बढ़े.

अजीत शर्मा ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी कोरोना का टीका सबसे पहले लें ताकि लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर विश्वास पैदा हो. उन्होंने कहा, “नए साल में दो वैक्सीन आए हैं, यह खुशी की बात है लेकिन इसको लेकर लोगों के बीच संशय भी है.  इस संशय को दूर करने के लिए जिस तरीके से रूस और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पहला टीका लेकर लोगों को विश्वास में लिया है, मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता को पहला टीका लेकर लोगों का विश्वास जीतना चाहिए”.

कांग्रेस को भी मिलना चाहिए श्रेय।

अजीत शर्मा ने बीजेपी पर हमला करते हुए यह आरोप लगाया कि देश में आई वैक्सीन का श्रेय बीजेपी लेने की कोशिश कर रही है. अजीत शर्मा ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक, जिन दो कंपनियों ने कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया है, दरअसल ये दोनों कंपनियां कांग्रेस के जमाने में ही स्थापित हुई थी।

कांग्रेस नेता बोले पहले PM मोदी और BJP वाले खुद वैक्सीन लगवाकर दूर करें जनता का शंका

कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री अजीत शर्मा ने बीजेपी पर हमला करते हुए यह आरोप लगाया कि देश में आई वैक्सीन का श्रेय बीजेपी लेने की कोशिश कर रही है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक, जिन दो कंपनियों ने कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया है, दरअसल ये दोनों कंपनियां कांग्रेस के जमाने में ही स्थापित हुई थी।

भारत में कोरोना के दो वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद से जमकर सियासत हो रही है. एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया और इसकी वजह बताया कि यह बीजेपी की वैक्सीन है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी नया शिगूफा छोड़ दिया है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मांग की है कि जिस तरीके से वैक्सीन को लेकर जनता का भरोसा जीतने के लिए रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति ने पहला टीका खुद लिया था, वैसे ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोरोना का पहला टीका लेना चाहिए ताकि जनता के बीच इसको लेकर विश्वास बढ़े.

अजीत शर्मा ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी कोरोना का टीका सबसे पहले लें ताकि लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर विश्वास पैदा हो. उन्होंने कहा, “नए साल में दो वैक्सीन आए हैं, यह खुशी की बात है लेकिन इसको लेकर लोगों के बीच संशय भी है.  इस संशय को दूर करने के लिए जिस तरीके से रूस और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पहला टीका लेकर लोगों को विश्वास में लिया है, मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता को पहला टीका लेकर लोगों का विश्वास जीतना चाहिए”.

कांग्रेस को भी मिलना चाहिए श्रेय।

अजीत शर्मा ने बीजेपी पर हमला करते हुए यह आरोप लगाया कि देश में आई वैक्सीन का श्रेय बीजेपी लेने की कोशिश कर रही है. अजीत शर्मा ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक, जिन दो कंपनियों ने कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया है, दरअसल ये दोनों कंपनियां कांग्रेस के जमाने में ही स्थापित हुई थी।

एसडीएम शेखर आनंद ने कुष्ठ आश्रम में कम्बल वितरण किये

बिहार: पश्चिमी चम्पारण दिनांक 02 जनवरी 2021 को बगहा पुलिस जिला के अन्तर्गत भैरोगंज स्थित कुष्ठ आश्रम में शनिवार को बगहा अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद ने कंबल वितरण किया करीब 40 कुष्ठ रोगियों के बीच कंबल देते हुए एसडीएम शेखर आनंद ने बताया कि सरकारी योजना के तहत कम्बल वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आगे उन्होंने बताया कि सरकार का निर्देश है कि ठंड के मौसम में जरूरतमंदों के बीच आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया जाय। जिसके तहत यह अभियान चलाया जा रहा है। अभी ठंडी को देखते हुए हर व्यक्ति की पहली जरूरत गर्म वस्त्र ही है।जिसके लिए अनुमंडल प्रशासन द्वारा गरीब असहाय को चिन्हित कर उन्हें कम्बल दिए जा रहे हैं।

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शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव

शहरो की तर्ज पर प्रधान ने गांव को बना दिये स्मार्ट गांव तथा स्मार्ट पार्क-: काम बोलता है। जयप्रकाश यादव।   जनपद कुशीनगर के ग्रामसभा ठाड़ीभार ...