कोरोना वायरस: गिरिराज सिंह ने लोगों से की अपील, कहा- चिकन, अंडा, मांस और मछली खाना बिल्कुल सुरक्षित
विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस को लेकर फैली अफवाह के कारण देश का पोल्ट्री उद्योग धराशाई हो गया है और चिकन की कीमत में 70 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) ने कहा कि कोरोना वायरस का संचार मानव से मानव में होता है और पशु से मानव में या मानव से पशु में इसका संचार होने का अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में किसी भी वैश्विक रिपोर्ट में अब तक कुक्कुट से मानव में कोरोना वायरस के फैलने की बात नहीं आई है." उन्होंने कहा कि देश में 35 फीसदी पोषण इसी सेक्टर से मिलता है लिहाजा अफवाह के कारण न सिर्फ किसानों की आजीविका प्रभावित हुई है, बल्कि लोगों के पोषण पर भी असर पड़ा है. उन्होंने कहा, "देश के 10 करोड़ लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है और वे घबराए हुए हैं. साथ ही, प्रोटीन के स्रोत के प्रति लोगों में घबराहट है."
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSI) ने भी कहा है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस चिकन, मांस या समुद्री उत्पाद खाने से फैल सकता है. गिरिराज सिंह से यहां संवाददाताओं को बताया, "FSSI ने भी कहा है कि मांस, मछली और चिकन खाना सुरक्षित है और इससे कोरोनावायरस फैलने का कोई खतरा नहीं है." गिरिराज सिंह ने कहा कि इस संबंध में अफवाह फैलाए जाने के कारण मछली, कुक्कुट पालक व पशुपालकों के अलावा मक्का और
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने कहा, "सफाई, मछली और मछली बाजार में ही नहीं बल्कि सब्जी बाजार में भी जरूरी है." बालियान ने बताया, "अफवाह से पॉल्ट्री इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है और चिकन के थोक भाव में 70 फीसदी तक की गिरावट आई है. चिकन का भाव जहां 100 रुपये प्रति किलो चल रहा था, वहीं इस अफवाह से चिकन का थोक दाम 30 रुपये प्रति किलो पर आ गया है, जिससे कुक्कुट पालक किसानों को काफी नुकसान हुआ है." कृषि अर्थशास्त्री और पॉल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के एडवायजर विजय सरदाना ने बताया कि अफवाह के कारण कुक्कुट पालक किसानों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि कुक्कुट पालक किसानों की उत्पादन लागत जहां 80 रुपये है वहां उन्हें चिकन की कीमत 20 रुपये मिल रही है.
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