SEK IN INDIA NEWS: कमलनाथ सरकार को सु्प्रीम कोर्ट से मिला झटका, कल शाम पांच बजे से पहले होगा फ्लोर टेस्ट।

कमलनाथ सरकार को सु्प्रीम कोर्ट से मिला झटका, कल शाम पांच बजे से पहले होगा फ्लोर टेस्ट।

कमलनाथ सरकार को सु्प्रीम कोर्ट से मिला झटका, कल शाम पांच बजे से पहले होगा फ्लोर टेस्ट।

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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कमलनाथ सरकार को कल शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद अब कमलनाथ सरकार को शुक्रवार शाम पांच बजे तक किसी भी हाल में फ्लोर टेस्ट करना होगा।

SC का 20 मार्च को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट का आदेश

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा है।  कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के स्पीकर के फैसले को पलटा

इससे पहले, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने पहले कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। हालांकि, इसके बाद कोरोना वायरस का हवाला देते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के इस फैसले को पलटते हुए शुक्रवार को 5 बजे तक फ्लोट टेस्ट कराने का आदेश दिया है।

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शिवराज बोले- कल गिर जाएगी कमलनाथ सरकार

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर दिए आदेश का शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत किया है। उन्होंन कहा कि इस सरकार ने न सिर्फ अपना बहुमत खोया है इसने मध्य प्रदेश के साथ धोखा किया है। यह सरकार कल फ्लोर टेस्ट में गिर जाएगी।.

उधर, मध्य प्रदेश में प्रतिपक्ष के नेता गोपाल भार्गव कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि कल होने वाले फ्लोर टेस्ट में सबकुछ साफ हो जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा भिजवा दिया था। उसके बाद लगातार बीजेपी की तरफ से कमलनाथ सरकार पर फ्लोर टेस्ट का दबाव बनाया जा रहा था।

बुधवार को भी कोर्ट में हुई थी सुनवाई

एक दिन पहले फ्लोर टेस्ट कराने की मांग वाली शिवराज सिंह चौहान और अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को काफी देर तक सुनवाई चली, मगर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया। हालांकि, इस दौरान कोर्ट ने यह संवैधानिक कर्तव्यों का हवाला देकर कहा कि वह फ्लोर टेस्ट में दखल नहीं देगा, क्योंकि उसका काम यह तय करना नहीं है कि सदन में किसके पास बहुमत है या नहीं। यह काम विधायिका का है। 

इससे पहले बुधवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि कमलनाथ सरकार की किस्मत 16 बागी विधायकों के हाथों में है। कोर्ट ने कहा कि वह विधानसभा द्वारा यह तय करने के बीच में दखल नहीं देगी कि किसके पास विश्वासमत है। अदालत ने कहा कि उसे यह सुनिश्चित करना है कि बागी विधायक स्वतंत्र रूप से अपने अधिकार का इस्तेमाल करें। 

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